देहरादून: उत्तराखंड में पलायन रोकने को लेकर ईटीवी भारत की कोशिश 'आ अब लौटें' को लगातार लोगों का साथ मिल रहा है. बॉलीवुड सिंगर जुबिन नौटियाल संग शुरू हुई इस मुहिम में जहां विदेश में रह रहे NRI पहाड़ी लगातार जुड़ रहे हैं, वहीं अब फिल्म और टीवी जगत में बड़ा नाम बना चुके पहाड़ी कलाकार भी इस कैंपन को समर्थन दे रहे हैं. हाल ही में बॉलीवुड अभिनेत्री व कपिल शर्मा शो की जज अर्चना पूरन सिंह और इसी शो के डॉयरेक्टर भरत कुकरेती इस मुहिम से जुड़े हैं.
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ईटीवी भारत अपने अभियान के तहत उत्तराखंड के दूरस्त गांवों में जाकर उनके खाली होने की हकीकत के साथ ही वहां से हो रहे पलायन को रोकने के लिए लगातार प्रयासरत है. ऐसे में ईटीवी भारत को कपिल शर्मा शो के डॉयरेक्टर भरत कुकरेती और शो की जज अर्चना पूरन सिंह का सहयोग मिला है. दोनों ने ही ईटीवी भारत के माध्यम से सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से अपील की है. इसके साथ ही उत्तराखंड के रहने वाले और फिल्म 'बद्री की दुल्हनिया' में अपनी आवाज का जादू बिखरने वाले सिंगर देव नेगी भी ईटीवी भारत की 'आ अब लौटें' मुहिम के साथ जुड़ गए हैं.
'आ अब लौटें' मुहिम के जरिये ईटीवी भारत ने सरकार को बताने की कोशिश की है कि कैसे छोटी-छोटी जनसुविधाओं के अभाव में लोग गांवों से पलायन कर रहे हैं. उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों में बसे गांव अब 'भूतिया' होते जा रहे हैं. जहां कभी चहल-पहल हुआ करती थी वो अब वीरानी है. घरों को बाहर ताले लटके हुए हैं.
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ईटीवी भारत की 'आ अब लौटें' मुहिम के साथ आम से लेकर खास तक जुड़ते जा रहे हैं. ईटीवी भारत के माध्यम से अब बॉलीवुड सितारों ने भी सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का काम किया है. कपिल शर्मा शो के डॉयरेक्टर भरत कुकरेती से लेकर शो की जज अर्चना पूरन सिंह ने भी सरकार से पलायन रोकने की अपील की है.
बॉलीवुड के ये बड़े नाम हैं जो उत्तराखंड से ताल्लुख रखते हैं. इन सभी का कहना है कि उत्तराखंड को सरकार किसी तरह से भी बचा ले, क्योंकि अगर गांव इसी तरह से खाली होते रहे तो हालात बहुत खराब हो जायेंगे.
शहरों से बहुत खूबसूरत है गांव-अर्चना
देहरादून में पैदा हुईं और पली-बढ़ीं अर्चना पूरन सिंह भी ईटीवी भारत की इस मुहिम का हिस्सा बनी हैं. अर्चना ने मुंबई से भेजे अपने भावुक संदेश में कहा है कि उनका बचपन पहाड़ों पर ही बीता है, लेकिन अब बहुत कुछ बदल रहा है. अर्चना का कहना है कि इसमें कोई भी गलत बात नहीं कि लोग काम के सिलसिले में घर से बाहर निकलते हैं, लेकिन अब लोग उत्तराखंड के गांव इसलिए छोड़ रहे हैं क्योंकि वहां उनके लिए मुलभूत सुविधाएं ही नहीं हैं, ऐसे में कोई भला कैसे इन पहाड़ों पर अपना जीवन बिताएगा.
अपने संदेश में अर्चना कहती हैं कि गांव का व्यक्ति कुछ करने के लिए शहर की तरफ आता है, लेकिन वो अपने पीछे बहुत कुछ छोड़ देता है. शहर में आने के बाद उसे मालूम होता है कि उसने क्या पाया और क्या खोया है. क्योंकि शहर में वो सकून नहीं है, जो उसके गांव में मिलता है.
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अर्चना ने उत्तराखंड सरकार और पहाड़ी जिलों के सभी जिलाधिकारियों से अपील की है कि वो अपने जिले में लोगों से पूछें और उसके अनुसार गांव के लिए प्लान तैयार करें, ताकि गांव के लोग गांव में ही रहें. उत्तराखंड में ही वहां के लोगों का दिल बसता है, लिहाजा सरकार इस और ध्यान दे. इसके साथ ही उन्होंने सभी को ईटीवी भारत की इस मुहिम के साथ जुड़ने की अपील भी की.
सपनो का घर बनाऊंगा उत्तराखंड में- भरत कुकरेती
अर्चना के साथ-साथ कपिल शर्मा शो के डॉयरेक्टर भरत कुकरेती भी ईटीवी भारत की इस मुहिम के साथ जुड़े. भरत भी देहरादून के ही रहने वाले हैं. उनका कहना है कि वो पिछले 20 साल से मुंबई में काम कर रहे हैं. पहले भी लोग गांव से जाते थे, लेकिन पढ़ने और काम करने के लिए, लेकिन अब गांव के गांव खाली हो रहे हैं, जो बेहद चिंतित करने वाला है.
भरत ने कहा कि सब कुछ होते हुए भी हम वापस गांव तक लोगों को नहीं पहुंचा पा रहे हैं, जिस वजह से खेत जंगल सब खाली हो रहे हैं. उन्हें गर्व है कि वे उत्तराखंड से है, वो उत्तराखंड जिसके पास अपनी नदियां हैं, जंगल हैं, पहाड़ हैं, लेकिन हम इन चीजों को समझ नहीं रहे हैं.
भरत ने कहा है कि वो भले ही मुंबई में हो, लेकिन आ तक उन्होंने अपना घर मुंबई में नहीं बनाया है. वो अपने सपनों का घर उत्तराखंड में ही बनाएंगे. लेकिन सरकार अगर टीवी इंड्रस्टी उत्तराखंड में ही खड़ी कर दे तो उन्हें यहां रहने की भी जरूरत नहीं है. उन्होंने लोगों से अपील भी की सभी इस मुसीबत की घड़ी में उत्तराखंड के बारे में सोचें.
सिंगर देव नेगी भी जुड़े मुहिम से
फिल्म 'बद्री की दुल्हनिया' सहित कई बड़ी फिल्मों में अपनी आवाज का जादू बिखेर चुके उत्तराखंड के कुमाऊं से संबंध रखने वाले देव नेगी भी इस मुहिम के साथ जुड़े हैं. उन्होंने लोगों से अपील की है कि वो अपने गांव देवी-देवताओं से किसी न किसी तरह से जुड़े रहें.
गौर हो कि 'आ अब लौटें' ईटीवी भारत की एक सच्ची कोशिश है देवभूमि के पहाड़ों को बचाने की. खाली होते पहाड़ों पर फिर से रौनक लौटाने की. हमारी टीम ने इस मुहिम की शुरुआत राजधानी देहरादून से मात्र 30 किलोमीटर दूर टिहरी जनपद के धनोल्टी विधानसभा के कोक्लियाल गांव से की थी. हमारा दूसरा पड़ाव था देहरादून की डोइवाला विधानसभा क्षेत्र के रायपुर ब्लाक में स्थित अपर तलाई गांव.
बॉलीवुड सिंगर जुबिन नौटियाल के साथ शुरू हुई इस मुहिम को आज देश-विदेश से ढेर सारा समर्थन मिल रहा है. ईटीवी भारत ने फैसला किया है कि वो हर उस गांव तक पहुंचेंगे जो आज खाली होने की कगार पर है. वहां जाकर लोगों से समझेंगे कि आखिर पलायन की वजह क्या है? अपने पहाड़ को छोड़कर जा चुके लोगों को वापस उनके घर तक पहुंचाएंगे.
नोट: 'आ अब लौटें'...ये मुहिम ईटीवी भारत की एक सच्ची कोशिश है. अपने प्रदेश, अपने गांव की मिट्टी को प्यार करने वाले हर शख्स से अपील है कि हमसें जुड़ें और गांवों को फिर से बसाने में हमारी मदद करें.