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उत्तराखंड में पहली बार एप्पल पॉलिसी की कवायद, कृषि मंत्री ने सेब काश्तकारों से मांगे सुझाव

धामी सरकार की कोशिश उत्तराखंड में सेब काश्तकारों की आय बढ़ाने के साथ ही उन्हें उन्नत किस्म के पौधे उपलब्ध कराने की है. ताकि उत्तराखंड के सेब को भी नई पहचान मिल सके. इसीलिए सरकार एप्पल पॉलिसी लाने पर विचार कर रही है. इसको लेकर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने सेब उत्पादक और प्रगतिशील कृषकों के साथ बात की.

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Published : Jan 5, 2023, 10:51 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में पहली बार एप्पल पॉलिसी पर कवायद की जा रही है. एप्पल पॉलिसी को लेकर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने राजकीय उद्यान सर्किट हाउस में प्रदेश के सेब उत्पादक और प्रगतिशील कृषकों के साथ संवाद एवं विचार गोष्ठी को सम्बोधित किया. इस विचार गोष्ठी में प्रदेश के अनेक जनपदों के सेब काश्तकारों और बागवानों ने हिस्सा लिया. साथ ही कई किसान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी जुड़े.

इस दौरान प्रदेश के कई हिस्सों से पहुंचे सेब काश्तकारों ने अपने सुझाव दिए. विचार गोष्टी में प्लांटिंग मैटेरियल, सेब की नई वैरायटी के अध्ययन, किसानों को प्रशिक्षण नर्सरियों के सत्यापन, मार्केटिंग सहित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया. मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि एप्पल के प्लांटिंग सीजन को देखते हुए पूरे प्रदेश के 100 से अधिक उन्नत सेब काश्तकारों के साथ संवाद किया गया और उनके सुझाव लिए गए. सेब काश्तकारों के सुझाव के अनुरूप जो नई नीति बनाई जाएगी, उसमें सभी सेब बागवानों के सुझाव भी सम्मिलित किए जाएंगे.
पढ़ें- बर्फबारी में यूं निखरी हर्षिल घाटी की खूबसूरती, बर्फ से ढकीं उत्तरकाशी की वादियां

मंत्री ने कहा कि हम कितनी भी नई वैरायटी लाए, अगर किसानों को प्रशिक्षण नहीं देंगे तो किसान उसका लाभ नहीं उठा पाएंगे. मंत्री ने अधिकारियों को सुनिश्चित करते हुए भरसार यूनिवर्सिटी के कुलपति को प्रशिक्षण की जिम्मेदारी सौंपी. मंत्री ने कहा अगली बार से ब्लॉक स्तर तक से बागवानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. मंत्री ने कहा कि हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि किसानों की जो पैदावार है, उसकी मार्केटिंग की जिम्मेदारी सरकार की होगी. मंत्री ने उद्यान निदेशक को विभाग के फील्ड में रहने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए.
पढ़ें- पौड़ी को एप्पल हब बनाने की तैयारी, कई संस्थाएं करेंगी काश्तकारों को सहयोग

इसके अलावा मंत्री जोशी ने उद्यान निदेशक को 10 दिन फील्ड में रहने के भी निर्देश दिए. मंत्री जोशी ने कहा कि मार्केट में जिस सेब की वैरायटी की सबसे अधिक डिमांड होगी, उसे प्रमोट किया जाएगा. साथ ही सेब की नई प्रजातियों का अध्ययन कर उसे इस्तेमाल में लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि उत्तराखड के पहाड़ी जिलों की जलवायु सेब उत्पादन के लिए उत्तम है.

मंत्री जोशी ने कहा कि किसान की जो मांग होगी, उसी के अनुसार उन्हें पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे. मंत्री ने कहा सेब बागवानों को उच्च गुणवत्ता युक्त पौध उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है और उस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. मंत्री ने भरोसा जताते हुए कहा कि किसानों और बागवानों के अनुभवों के साथ मिलकर वर्ष 2025 में हम अपने उत्पाद को दोगुना करेंगे.

देहरादून: उत्तराखंड में पहली बार एप्पल पॉलिसी पर कवायद की जा रही है. एप्पल पॉलिसी को लेकर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने राजकीय उद्यान सर्किट हाउस में प्रदेश के सेब उत्पादक और प्रगतिशील कृषकों के साथ संवाद एवं विचार गोष्ठी को सम्बोधित किया. इस विचार गोष्ठी में प्रदेश के अनेक जनपदों के सेब काश्तकारों और बागवानों ने हिस्सा लिया. साथ ही कई किसान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी जुड़े.

इस दौरान प्रदेश के कई हिस्सों से पहुंचे सेब काश्तकारों ने अपने सुझाव दिए. विचार गोष्टी में प्लांटिंग मैटेरियल, सेब की नई वैरायटी के अध्ययन, किसानों को प्रशिक्षण नर्सरियों के सत्यापन, मार्केटिंग सहित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया. मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि एप्पल के प्लांटिंग सीजन को देखते हुए पूरे प्रदेश के 100 से अधिक उन्नत सेब काश्तकारों के साथ संवाद किया गया और उनके सुझाव लिए गए. सेब काश्तकारों के सुझाव के अनुरूप जो नई नीति बनाई जाएगी, उसमें सभी सेब बागवानों के सुझाव भी सम्मिलित किए जाएंगे.
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मंत्री ने कहा कि हम कितनी भी नई वैरायटी लाए, अगर किसानों को प्रशिक्षण नहीं देंगे तो किसान उसका लाभ नहीं उठा पाएंगे. मंत्री ने अधिकारियों को सुनिश्चित करते हुए भरसार यूनिवर्सिटी के कुलपति को प्रशिक्षण की जिम्मेदारी सौंपी. मंत्री ने कहा अगली बार से ब्लॉक स्तर तक से बागवानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. मंत्री ने कहा कि हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि किसानों की जो पैदावार है, उसकी मार्केटिंग की जिम्मेदारी सरकार की होगी. मंत्री ने उद्यान निदेशक को विभाग के फील्ड में रहने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए.
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इसके अलावा मंत्री जोशी ने उद्यान निदेशक को 10 दिन फील्ड में रहने के भी निर्देश दिए. मंत्री जोशी ने कहा कि मार्केट में जिस सेब की वैरायटी की सबसे अधिक डिमांड होगी, उसे प्रमोट किया जाएगा. साथ ही सेब की नई प्रजातियों का अध्ययन कर उसे इस्तेमाल में लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि उत्तराखड के पहाड़ी जिलों की जलवायु सेब उत्पादन के लिए उत्तम है.

मंत्री जोशी ने कहा कि किसान की जो मांग होगी, उसी के अनुसार उन्हें पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे. मंत्री ने कहा सेब बागवानों को उच्च गुणवत्ता युक्त पौध उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है और उस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. मंत्री ने भरोसा जताते हुए कहा कि किसानों और बागवानों के अनुभवों के साथ मिलकर वर्ष 2025 में हम अपने उत्पाद को दोगुना करेंगे.

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