देहरादून: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के भाई सचिन उपाध्याय की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. जालसाजी के आरोप में जेल में बंद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के भाई सचिन उपाध्याय की जमानत याचिका निचली कोर्ट ने खारिज कर दी. वहीं, अब सचिन उपाध्याय की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही है. सचिन के खिलाफ प्लॉट बेचकर कब्ज़ा न देने की एक और शिकायत सामने आई है. गुरुग्राम के लोगों ने डीआईजी से मिलकर कई आरोप लगाए हैं. जिसके बाद डीआईजी ने सीओ सदर अनुज कुमार को इस पूरे मामले की जांच सौंपी दी है.
धोखाधड़ी मामले में रविवार को सचिन उपाध्याय को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था, लेकिन गुड़गांव के गुरुग्राम शहर के कुछ लोग बुधवार को डीआईजी से मिलकर एक और मामले की शिकायत की है,. जिसमें बताया गया है कि सचिन ने देहरादून शीशमबाड़ा में प्लाटिंग की थी. सचिन ने अपनी पत्नी और दूसरे लोगों की मदद से भुगतान को लेकर रजिस्ट्री तो करा दी, लेकिन अभी तक उन्हें कब्ज़ा नहीं मिला.
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वहीं, गुरुग्राम के 12 लोगों ने शीशमबाड़ा में प्लॉट खरीदे थे. लेकिन जिस जमीन का बेनामा कराया गया वहां अभीतक प्लॉटिंग नहीं हुई है. मौके पर अब तक चारों तरफ झाड़ियां ही झाड़ियां है. सचिन के जेल जाने के बाद लोगों ने इस मामले में धोखाधड़ी होने की आशंका जताई है. डीआईजी अरूण मोहन जोशी ने बताया कि गुरुग्राम से आए लोगों के मामले को गंभीरता से लेते हुए पूरे मामले को सीओ सदर अनुज कुमार को जांच सौंपी है.