देहरादून: पौड़ी निवासी अंकिता भंडारी हत्याकांड (Ankita Bhandari murder) के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य (main accused Pulkit Arya) की गिरफ्तारी के बाद नए-नए कारनामे सामने आ रहे (Ankita Bhandari latest News) हैं. पुलकित आर्य का विवादों से पुराना नाता रहा है. ईटीवी भारत की पड़ताल में पुलकित आर्य के करीबियों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. पुलकित आर्य के करीबियों की मानें तो वो साइको किस्म का व्यक्ति है. उसके अंदर किसी का भी डर नहीं है. आज हम आपको पुलकित आर्य की काली कुंडली (Pulkit Arya criminal background) के बारे में बताते हैं.
पुलकित आर्य का राजनीतिक बैकग्राउंड: पुलकित आर्य राजनीतिक परिवार से आता है. पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य बीजेपी के बड़े नेता थे (अब बर्खास्त हैं). वो पूर्व की बीजेपी सरकार में दर्जाधारी राज्यमंत्री भी रह चुके हैं. वहीं पुलकित आर्य का बड़ा भाई अंकित उत्तराखंड की बीजेपी सरकार में अन्य पिछड़ा आयोग का उपाध्यक्ष था. अंकित को भी सरकार और पार्टी ने बाहर कर दिया है.
पुलकित आर्य अपने परिवार के साथ हरिद्वार के आर्य नगर चौक इलाके में रहता है. पुलकित के परिवार के संघ और बीजेपी के बड़े नेताओं के काफी गहरे संबंध हैं, इस वजह से भी पुलकित में काफी रौब रहता था. पुलकित आर्य की सत्ता की हनक का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वो कई बार अपनी गाड़ी पर लाल बत्ती लगाकर सड़कों पर निकल जाया करता था.
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पुलकित आर्य के एक करीबी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि एक बार वो लाल बत्ती लगी गाड़ी लेकर हरिद्वार कोतवाली में घुस गया था. जब पुलिस आरोपियों ने उसका विरोध किया तो वो उनसे लड़ गया और अपने पिता का रौब दिखाने लगा था. पुलकित आर्य के पिता अक्सर उसके कारनामों पर पर्दा डाल देते थे और इसी से पुलकित का हौसला बढ़ता गया और उसके अंदर से कानून का डर खत्म होता गया.
लग्जरी गाड़ियों का शौकीन: पुलकित आर्य के पास पैसे की कोई कमी नहीं है. उसके दोस्त बताते हैं कि पुलकित को लग्जरी गाड़ियों का शौक है. पुलकित के दोस्तों की मानें तो वो अक्सर उसे गलत कामों के लिए रोका करते थे, लेकिन वो उनकी कभी नहीं सुनता था. घर वाले उसकी इन हरकतों से वाकिफ थे, लेकिन उसके गुस्से के आगे सब बेबस थे.
गाजियाबाद में भी है मामला दर्ज: बताया जा रहा है कि पुलकित आर्य के खिलाफ यूपी के गाजियाबाद जिले में एक मामला दर्ज है. इतना ही नहीं, ऋषिकुल मेडिकल कॉलेज में नकल के मामले में भी उसके ऊपर मुकदमा दर्ज हुआ था.
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कोरोना काल में भी तोड़ था नियम: कोरोना काल में जब लोगों पर लॉकडाउन का पालन करने का दबाव बना हुआ था, तभी पुलकित आर्य अपनी सत्ता की हनक दिखाते हुए बिना अनुमति के उत्तरकाशी की हेलंग घाटी से लगे उर्गम गांव तक पहुंच गया था, जहां ग्रामीणों ने उसका विरोध किया था. पुलकित आर्य की गाड़ी पर उस समय उत्तराखंड सरकार की स्टीकर लगा हुआ था.
कई और मामले भी आ सकते हैं सामने: ईटीवी भारत को सूत्रों ने बताया है कि पुलकित आर्य जिस तरह का व्यक्ति है, उस हिसाब से ये कहा जा सकता है कि पुलकित ने अंकिता जैसे कई मामलों को अंजाम दिया होगा. पुलिस यदि होटल और फैक्ट्री के काम करने वाले कर्मचारियों से पूछताछ करे तो पुलकित आर्य के कई और कारनामें सामने आ सकते हैं.
पुलकित के साथ पकड़े गए सौरभ भास्कर के बारे में भी यही जानकारी है कि वो लक्सर में एक फैक्ट्री में बड़ी पोस्ट पर काम कर रहा था, लेकिन कोरोना काल में अचानक उसकी नौकरी चल गई थी, जिसके बाद पुलकित ने उसे अपने यहां काम पर रख लिया था. सौरभ हमेशा पुलकित के साथ ही देखा जाता था. पुकलित की आज से लगभग 5 साल पहले दिल्ली की एक CA लड़की से शादी हुई थी. उसके दो जुड़वा बेटे हैं.
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क्या है मामला: 19 साल की अंकिता भंडारी पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर विधानसभा इलाके में स्थित रिजॉर्ट वनंत्रा में रिसेप्शनिस्ट थी. ये रिजॉर्ट बीजेपी के बड़े नेता विनोद आर्य का है, जिसका संचालन उनका छोटा बेटा पुलकित आर्य करता था. पुलकित आर्य का बड़ा भाई अंकित बीजेपी सरकार में अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग का उपाध्यक्ष था, जिसकी धामी सरकार ने इस केस के बाद आयोग से छुट्टी कर दी है. वहीं बीजेपी ने भी पुलकित के पिता विनोद आर्य और उसके भाई अंकित आर्य को पार्टी से निष्कासित कर दिया है.
अंकिता और पुलकित के बीच हुआ था झगड़ा: पुलिस ने बताया कि 18 सितंबर की शाम को पुलकित और अंकिता का रिजॉर्ट में झगड़ा हुआ था. पुलकित ने अंकिता को गुस्से में देखते हुए दोस्तों संग ऋषिकेश जाने का प्लॉन बनाया था. एक आरोपी सौरभ भास्कर ने बताया कि सभी लोग बैराज होते हुए एम्स के पास पहुंचे. लौटते समय अंकिता और पुलकित एक स्कूटी पर थे.
सौरभ ने पुलिस को बताया कि वो सभी चीला नहर के पास रुककर शराब पीने लगे. इस दौरान अंकिता और पुलकित में फिर विवाद हो गया. पुलकित का कहना था कि अंकिता उनको अपने साथियों के बीच बदनाम करती थी. उनकी बातें अपने साथियों को बताती थी कि हम उसे कस्टमर से संबंध बनाने के लिए कहते हैं.
अंकिता कहने लगी कि वह रिजॉर्ट की हकीकत सबको बता देगी और ये कहते हुए गुस्से में उसने पुलकित का मोबाइल नहर में फेंक दिया. फिर अंकिता उनसे हाथापाई करने लगी. तभी तीनों ने मिलकर गुस्से में उसे नहर में धक्का दे दिया. इस मामले में पुलिस ने एसआईटी टीम का गठन किया है. अंकिता की लाश पांच दिनों के बाद 24 सितंबर को चीला शक्ति नहर में चीला पावर हाउस के पास मिली.