देहरादून: राजधानी के कोरोनेशन अस्पताल में बीती रात इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर, वार्ड बॉय, फार्मासिस्ट और सुरक्षाकर्मी के साथ मारपीट का मामला सामने आया है, जिसके विरोध में आज कोरोनेशन अस्पताल के तमाम डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ ने हड़ताल शुरू कर दी है. अस्पताल की इमरजेंसी और ओपीडी पूरी तरह से बंद रखी गईं. इस दौरान अस्पताल पहुंचे मरीजों को ओपीडी बंद होने से खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
कोरोनेशन अस्पताल के मुख्य द्वार पर भी तालाबंदी रही, जिस कारण एंबुलेंस को भी अंदर आने नहीं दिया गया. इतना ही नहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने देहरादून के 4 सामुदायिक स्वास्थ्य अस्पताल- रायपुर, प्रेमनगर और गांधी अस्पताल में भी हड़ताल करने के संकेत दे दिए हैं.
इस संबंध में प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर मनोज वर्मा की तरफ से जिलाधिकारी, एसएसपी और डीजी हेल्थ को पत्र लिखकर मारपीट करने वाले आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है. चिकित्सकों का कहना है कि यदि आरोपियों के खिलाफ 24 घंटे के भीतर पुलिस कार्रवाई नहीं करती है तो इसके विरोध में कल से राज्यव्यापी आंदोलन चलाने के लिए डॉक्टरों को बाध्य होना पड़ेगा, पूरे राज्य में कार्य बहिष्कार किया जाएगा. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच पड़ताल कर आगे की कार्रवाई में जुटी है.
डॉक्टरों को मनाने पहुंचे विधायक: वहीं, घटना की जानकारी के बाद राजपुर विधायक खजानदास कोरोनेशन अस्पताल पहुंचे और डॉक्टरों से मुलाकात की. उन्होंने मारपीट की घटना की निंदा की और खुद स्वास्थ्य कर्मियों से माफी मांगी और काम पर फिर से वापस लौटने का आग्रह किया.
विधायक खजानदास ने कोरोनेशन के डॉक्टरों से शव को पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों को दिए जाने की अपील की. इसके बाद कोरोनेशन जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि दून मेडिकल कॉलेज से डॉक्टरों की टीम आकर शव का पोस्टमार्टम करेगी, जिसके बाद शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया जाएगा. अस्पताल के डॉक्टरों ने खजानदास से अस्पताल परिसर में पुलिस चौकी खोले जाने की भी मांग की.
क्या है पूरा मामला: मामला राजपुर थाना क्षेत्र स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती एक व्यक्ति की मौत के बाद कोरोनेशन अस्पताल में हंगामे और मारपीट की घटना से जुड़ा है. गुरुवार रात 9.30 बजे के आसपास अस्पताल की इमरजेंसी में डॉक्टर गौरंग जोशी, फार्मासिस्ट बिजल्वाण और वार्ड बॉय सुधीर के साथ ही गार्ड लखपत रावत अपनी ड्यूटी पर तैनात थे. चिकित्सकों का कहना है कि बीती रात इस नशा मुक्ति केंद्र से युवक को मृत हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसी दौरान तीमारदारों ने डॉक्टरों के साथ कहासुनी के बाद गाली गलौज और जमकर मारपीट की. ऐसे में चिकित्सक आरोपी लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
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उधर, मृतक युवक के परिजनों का कहना है कि नशा मुक्ति केंद्र संचालकों की ओर से उनके मरीज को कोरोनेशन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. बता दें कि मारपीट की घटना के विरोध में आज डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार और प्रदर्शन किया. इससे कोरोनेशन आने वाले मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, दून अस्पताल जैसे बड़े सरकारी अस्पताल को हड़ताल से बाहर रखा गया है.