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अमलावा नदी में फेंका जा रहा कूड़ा, लोगों ने की निस्तारण की मांग

विकासनगर में अमलावा नदी का जल दिनों दिन दूषित (Amlawa River Pollution) होता जा रहा है.एसडीएम कालसी सौरभ असवाल ने बताया कि इस संबंध में जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि ब्लॉक के अधिकारियों और प्रधान के साथ बैठक कर समस्या का हल जल्द निकालेंगे.

Vikasnaga
विकासनगर अमलावा नदी
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Published : Jan 1, 2022, 10:34 AM IST

Updated : Jan 1, 2022, 11:45 AM IST

विकासनगर: अमलावा नदी (Vikasnagar Amlawa River) में स्थानीय लोगों द्वारा कूड़ा डाला जा रहा है, जिस कारण नदी का जल दूषित हो रहा है. जबकि लंबे समय से क्षेत्र में कूड़े के निस्तारण की उचित व्यवस्था न होने से लोग परेशान हैं.एसडीएम कालसी सौरभ असवाल ने समस्या के जल्द हल निकालने की बात कही है.

गौर हो कि चकराता की पर्वत श्रृंखलाओं से निकलने वाली अमलावा नदी का जल दिनों दिन दूषित (Amlawa River Pollution) होता जा रहा है. इसी नदी से किसान खेती की सिंचाई करते हैं और आधी आबादी इसी पानी को पीने में इस्तेमाल करती है. लेकिन कूड़े के निस्तारण की उचित व्यवस्था न होने के कारण स्थानीय दुकानदारों व ग्रामीणों द्वारा कूड़ा करकट नदी में फेंका जा रहा है. वहीं अमलावा नदी यहां से चलकर यमुना नदी में मिलती है. कई बार स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा साहिया बाजार सहित नदी में स्वच्छता अभियान चलाया गया, वहीं पूर्व में एक किमी दूर कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था कर डंपिंग जोन बनाया गया था.

अमलावा नदी में फेंका जा रहा कूड़ा.

पढ़ें-Uttarakhand Election 2022: चुनावी दंगल में सीट बदलने से कई नेता बने 'पहलवान', तो कई हुए 'चित्त'

कूड़ा नदी में फेंके जाने से जल जनित रोगों के फैलने की आशंका बनी रहती है. नदी की निर्मल जल धारा को लोग आगे चलकर पीने के पानी के रूप इस्तेमाल करते हैं. यह समस्या कई वर्षों से बनी हुई है. जिसका समाधान जनप्रतिनिधि और लोग नहीं निकाल पा रहे हैं. प्रधान नीलम सवाई ने बताया कि इस संबंध में कई बार स्थानीय दुकानदारों के साथ बैठक की गई है. साथ ही समस्या से तहसील प्रशासन को भी अवगत करवाया गया है, लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया है. एसडीएम कालसी सौरभ असवाल ने बताया कि इस संबंध में जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि ब्लॉक के अधिकारियों और प्रधान के साथ बैठक कर समस्या का हल जल्द निकालेंगे.

विकासनगर: अमलावा नदी (Vikasnagar Amlawa River) में स्थानीय लोगों द्वारा कूड़ा डाला जा रहा है, जिस कारण नदी का जल दूषित हो रहा है. जबकि लंबे समय से क्षेत्र में कूड़े के निस्तारण की उचित व्यवस्था न होने से लोग परेशान हैं.एसडीएम कालसी सौरभ असवाल ने समस्या के जल्द हल निकालने की बात कही है.

गौर हो कि चकराता की पर्वत श्रृंखलाओं से निकलने वाली अमलावा नदी का जल दिनों दिन दूषित (Amlawa River Pollution) होता जा रहा है. इसी नदी से किसान खेती की सिंचाई करते हैं और आधी आबादी इसी पानी को पीने में इस्तेमाल करती है. लेकिन कूड़े के निस्तारण की उचित व्यवस्था न होने के कारण स्थानीय दुकानदारों व ग्रामीणों द्वारा कूड़ा करकट नदी में फेंका जा रहा है. वहीं अमलावा नदी यहां से चलकर यमुना नदी में मिलती है. कई बार स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा साहिया बाजार सहित नदी में स्वच्छता अभियान चलाया गया, वहीं पूर्व में एक किमी दूर कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था कर डंपिंग जोन बनाया गया था.

अमलावा नदी में फेंका जा रहा कूड़ा.

पढ़ें-Uttarakhand Election 2022: चुनावी दंगल में सीट बदलने से कई नेता बने 'पहलवान', तो कई हुए 'चित्त'

कूड़ा नदी में फेंके जाने से जल जनित रोगों के फैलने की आशंका बनी रहती है. नदी की निर्मल जल धारा को लोग आगे चलकर पीने के पानी के रूप इस्तेमाल करते हैं. यह समस्या कई वर्षों से बनी हुई है. जिसका समाधान जनप्रतिनिधि और लोग नहीं निकाल पा रहे हैं. प्रधान नीलम सवाई ने बताया कि इस संबंध में कई बार स्थानीय दुकानदारों के साथ बैठक की गई है. साथ ही समस्या से तहसील प्रशासन को भी अवगत करवाया गया है, लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया है. एसडीएम कालसी सौरभ असवाल ने बताया कि इस संबंध में जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि ब्लॉक के अधिकारियों और प्रधान के साथ बैठक कर समस्या का हल जल्द निकालेंगे.

Last Updated : Jan 1, 2022, 11:45 AM IST
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