देहरादून: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का उत्तराखंड दौरा जहां योजनाओं के जरिए आम लोगों को लुभाना था. वहीं तरफ पार्टी के अंदर बगावती रुख अपनाए हुए नेताओं को रिझाना भी था. देहरादून में अमित शाह मुख्य कार्यक्रम के बाद पार्टी कार्यालय पहुंचे, जहां कोर ग्रुप की बैठक होनी थी. लेकिन अमित शाह का स्वास्थ्य खराब होने के कारण कोर ग्रुप की बैठक को कैंसिल कर दिया गया. इस दौरान कुछ ऐसा हुआ, जो अमित शाह और हरक सिंह की लंच की फोटो में जाहिर हो रहा है.
दरअसल, कोर ग्रुप की बैठक को स्थगित तो कर दिया गया लेकिन भाजपा दफ्तर में लंच का एक कार्यक्रम भी रखा गया, जिसमें ना तो विजय बहुगुणा को आमंत्रित किया गया और ना ही सतपाल महाराज और हरक सिंह को. खबर है कि इस दौरान अमित शाह ने इन तीनों ही नेताओं को कार्यक्रम में ना देखकर पार्टी नेताओं से इसका कारण पूछा. जिसके बाद आनन-फानन में हरक सिंह रावत समेत इन नेताओं को बुलाया गया.
इसके बाद भाजपा कार्यालय से अमित शाह और हरक सिंह रावत की लंच करते हुए जो फोटो जारी की गई, जो अपने आप में कई बातों को बयां कर रही है. जाहिर है कि लंच के बहाने भाजपा और खुद अमित शाह ने हरक सिंह रावत के बगावती रुख को शांत करने की कोशिश की है. साथ ही हरक सिंह रावत को लेकर चल रही तमाम चर्चाओं को विराम देते हुए अमित शाह ने दल बदल की संभावनाओं को रोकने का प्रयास किया है.
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बता दें, उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 से पहले केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को देहरादून पहुंचे. इस दौरान उन्होंने 'घस्यारी कल्याण योजना' का शुभारंभ किया. इस दौरान अमित शाह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को भी खुली बहस की चुनौती भी दी है. अमित शाह ने हरीश रावत को चुनौती देते हुए कहा कि वो किसी भी चौराहे पर चर्चा कर लें, उनको चुनौती है. अमित शाह ने हरीश रावत पर शुक्रवार को छुट्टी देने और नेशनल हाईवे पर नमाज पढ़ने देने की जगह देने का भी आरोप लगाया.