देहरादून: कोरोना महामारी के चलते एक तरफ जहां पहले से ही लोग दहशत में जीने को को मजबूर हैं, वहीं अब बढ़ती गर्मी के साथ मौसमी बीमारियों ने भी पैर पसारने शुरू कर दिये हैं. इसे देखते हुए स्वास्थ्य महकमे और नगर निगम प्रशासन ने अभी से कमर कसनी शुरू कर दी है. कोरोना संकट के बीच मौसमी बीमारियों के प्रकोप से बचने के लिए ईटीवी भारत ने वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. केपी जोशी से बातचीत की.
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. केपी जोशी ने बताया कि गर्मियां बढ़ने के साथ ही डायरिया, जौंडिस, टाइफाइड जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इसके साथ ही गर्मियों में डेंगू और मलेरिया की मार सबसे ज्यादा होती है. पानी और गंदगी में पनपने वाले इसके मच्छर काफी नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में लोगों को इन सभी मौसमी बीमारियों से निपटने के लिए अभी से एहतियात बरतने की जरूरत है.
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डॉ. केपी जोशी बताते हैं कि डायरिया, जौंडिस, टाइफाइड जैसी बीमारियों से बचाव के लिए लोगों को साफ पानी और घर में बने कम तले-भुने साफ खाने का ही सेवन करना चाहिए. डेंगू और मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारी से बचाव के लिए लोगों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि उनके घर या आसपास कहीं भी पानी जमा न हो.
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वहीं बात अगर देहरादून नगर निगम की तैयारियों की करें तो इस साल डेंगू से निपटने के लिए नगर-निगम पहले से ही तैयारियां कर चुका है. तैयारियों के बारे में जानकारी देते हुए मुख्य नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि इस साल डेंगू और मलेरिया के खात्मे के लिए निगम ने फॉगिंग के लिए 100 मशीनें खरीद ली हैं. जल्द ही सभी 100 वार्डों का रोस्टर तैयार कर फॉगिंग का काम शुरू किया जाएगा. उन्होंने बताया कि प्लान के तहत नगर निगम हर दिन 10 वार्डों में फॉगिंग करेगा, जिससे मौसमी बीमारियों से निपटने में मदद मिलेगी.
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गौरतलब है साल 2019 में डेंगू ने प्रदेश में पिछले 10 सालों के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. पिछले साल प्रदेश में डेंगू के कुल 8,620 मामले सामने आए थे. 5,000 से ज्यादा मामले केवल देहरादून जिले में दर्ज किये गये थे. इसके अलावा नैनीताल में भी 2,500 से ज्यादा डेंगू के मामले सामने आये थे. विशेषज्ञों के मुताबिक हर 3 साल के अंतराल में डेंगू के डंक से सबसे ज्यादा लोग प्रभावित होते हैं.
प्रदेश में पिछले एक दशक में 3 साल के अंतराल में सामने आए डेंगू के मामले
साल | डेंगू के मामले |
2010 | 198 |
2013 | 712 |
2016 | 2046 |
2019 | 8620 |