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उत्तराखंड सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम नीति में संशोधन, इन औद्योगिक इकाइयों को मिलेगा लाभ

उत्तराखंड सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम नीति एवं क्रियान्वयन आदेश 2015 में संशोधन को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है.

Micro Small and Medium Enterprises Policy
उत्तराखंड सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम नीति में संशोधन.
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Published : Sep 18, 2020, 9:06 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम नीति एवं क्रियान्वयन आदेश 2015 में संशोधन को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है. कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अब केंद्र की ओर से तय की गई एमएसएमई की परिभाषा को प्रदेश में 01 जुलाई 2020 से लागू किया जाएगा.

केंद्र सरकार की ओर से तय की गई एमएसएमई की नई परिभाषा
नई परिभाषा के तहत सूक्ष्म उद्योग की श्रेणी में एक करोड़ तक का निवेश और सालाना 5 करोड़ तक का कारोबार करने वाले उद्योग आ सकेंगे. वहीं, मध्यम उद्योग श्रेणी में 50 करोड़ का निवेश और 250 करोड़ का कारोबार करने वाले उद्योग आ सकेंगे.

यह भी पढ़ें-उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र, वर्चुअल हिस्सा लेंगे उम्रदराज विधायक

इस तरह देखा जाए तो उत्तराखंड में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम नीति में किए गए संशोधन का लाभ प्रदेश के करीब 60 हजार औद्योगिक इकाईयों को मिलेगा. इसमें 100 के करीब ऐसी औद्योगिक इकाइयां है जो अब तक भारी उद्योग की श्रेणी में आती थी. वह भी अब एमएसएमई के तहत मध्यम उद्योग श्रेणी में आ जाएंगी.

देहरादून: उत्तराखंड सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम नीति एवं क्रियान्वयन आदेश 2015 में संशोधन को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है. कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अब केंद्र की ओर से तय की गई एमएसएमई की परिभाषा को प्रदेश में 01 जुलाई 2020 से लागू किया जाएगा.

केंद्र सरकार की ओर से तय की गई एमएसएमई की नई परिभाषा
नई परिभाषा के तहत सूक्ष्म उद्योग की श्रेणी में एक करोड़ तक का निवेश और सालाना 5 करोड़ तक का कारोबार करने वाले उद्योग आ सकेंगे. वहीं, मध्यम उद्योग श्रेणी में 50 करोड़ का निवेश और 250 करोड़ का कारोबार करने वाले उद्योग आ सकेंगे.

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