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उत्तराखंड सचिवालय में 'बिजनेस मीट' का आयोजन, सात देशों के राजदूत हुए शामिल

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Published : Oct 17, 2022, 9:18 PM IST

सचिवालय में 7 देशों के मिशन प्रमुखों का स्वागत किया गया. इस दौरान मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बिजनेस मीट कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें 7 देशों के राजदूतों और हाई कमिश्नरों को उत्तराखंड से जुड़ी जानकारियों के बारे में विस्तार से बताया गया.

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सचिवालय में आयोजित हुआ बिजनेस मीट कार्यक्रम

देहरादून: मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु (Chief Secretary Dr SS Sandhu) की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में स्वीडन में भारत के राजदूत/उच्चायुक्त तन्मय लाल, ताजिकिस्तान में विराज सिंह, पनामा में उपेन्द्र सिंह रावत, ब्रूनेई में आलोक अमिताभ डिमरी, केन्या में नामग्या खम्पा, अल्जीरिया में गौरव अहलूवालिया और स्लोवेनिया में नम्रता एस कुमार के साथ 'बिजनेस मीट' कार्यक्रम (Business Meet Program at Secretariat) आयोजित किया. इस अवसर पर शासन के उच्चाधिकारियों के साथ विभिन्न उद्योगों से जुड़े प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग कर अपने विचार रखे.

मुख्य सचिव (Chief Secretary Dr SS Sandhu) ने 7 देशों के मिशन प्रमुखों का उत्तराखंड में स्वागत किया. मुख्य सचिव एसएस संधु ने कहा यह आयोजन विदेश में भारत के हितों को बढ़ावा दिए जाने के लिए एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म साबित होगा. उन्होंने कहा भारतीय राजदूत और उच्चायुक्त इस सम्मेलन के माध्यम से उत्तराखंड द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे.

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मुख्य सचिव (Chief Secretary Dr SS Sandhu) ने कहा उत्तराखंड अभी एक नया राज्य है, अपने 22 वर्षों के सफर में प्रदेश ने इंडस्ट्री फ्रेंडली माहौल तैयार किया है. हम उद्योग को देश में सबसे सस्ती बिजली उपलब्ध करवा रहे हैं. उत्तराखंड की लोकेशन इंडस्ट्री की दृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण है, जो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से काफी करीब है. नए एक्सप्रेस-वे बन जाने के बाद दिल्ली से देहरादून की दूरी मात्र 2 घंटे की हो जाएगी. इसके साथ ही, प्रदेश में हॉस्पिटेलिटी के क्षेत्र में अत्यधिक संभावनाएं बढ़ जाएंगी. उन्होंने कहा हम हाई एंड टूरिस्ट को भी आकर्षित करने के प्रयास कर रहे हैं. ऋषिकेश विश्वपटल पर इंटरनेशनल योगा कैपिटल के रूप में जाना जाता है, जो वेलनेस की दिशा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता आ रहा है.

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मुख्य सचिव ने राजदूतों एवं उच्चायुक्तों के माध्यम से इन देशों के व्यापारिक समुदाय को उत्तराखंड में उद्यमियों के साथ सहयोग करने के लिए आमंत्रित किया. उन्होंने कहा इसके लिए नियमित संवाद स्थापित किया जाएगा. हम राज्य की प्रगति के लिए एवं निवेशकों को सहयोग प्रदान करने के लिए क्षेत्र-विशिष्ट नीतियां लेकर आ रहे हैं. कुछ नीतियां जो पाइपलाइन में हैं, वे हैं लॉजिस्टिक्स पॉलिसी, सर्विस सेक्टर पॉलिसी, ड्रोन पॉलिसी, डिस्ट्रिक्ट वाइज स्टार्ट-अप स्ट्रैटेजी और ईवी पॉलिसी आदि, ये नीतियां इन सम्बन्धित क्षेत्रों को बढ़ावा देंगी.

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इस अवसर पर विभिन्न देशों में कार्य कर रहे राजदूतों ने सुझाव दिया कि राज्य के पर्वतीय अंचल के उत्पादों को राज्य की ओर से बढ़ावा दिया जाना चाहिए. राज्य के उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी मैन्युफैक्चरिंग, ब्रांडिंग एवं पैकेजिंग की अच्छी व्यवस्था हो. बैठक में सुझाव दिया गया कि उत्तराखंड को योग और वेलनेस टूरिज्म के रूप में वैश्विक स्तर पर तेजी से उभारा जा सकता है.

उत्तराखंड योग की भूमि रही है. यहां से प्रशिक्षण लेकर विभिन्न देशों में लोग योग का प्रशिक्षण दे रहे हैं. अधिक से अधिक लोग राज्य में योग का प्रशिक्षण ले सकें, इसकी राज्य में अच्छी व्यवस्था की जा सकती है. राज्य में अपने प्रवास के दौरान, राजदूत एवं हाई कमिश्नर राज्य में निवेश के विभिन्न अवसरों पर चर्चा करेंगे और राज्य से निर्यात को बढ़ावा देंगे. राजदूत आकांक्षी जनपद हरिद्वार का भी दौरा करेंगे, जहां ओडीओपी (एक जिला, एक उत्पाद) की जानकारी साझा की जाएगी.

देहरादून: मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु (Chief Secretary Dr SS Sandhu) की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में स्वीडन में भारत के राजदूत/उच्चायुक्त तन्मय लाल, ताजिकिस्तान में विराज सिंह, पनामा में उपेन्द्र सिंह रावत, ब्रूनेई में आलोक अमिताभ डिमरी, केन्या में नामग्या खम्पा, अल्जीरिया में गौरव अहलूवालिया और स्लोवेनिया में नम्रता एस कुमार के साथ 'बिजनेस मीट' कार्यक्रम (Business Meet Program at Secretariat) आयोजित किया. इस अवसर पर शासन के उच्चाधिकारियों के साथ विभिन्न उद्योगों से जुड़े प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग कर अपने विचार रखे.

मुख्य सचिव (Chief Secretary Dr SS Sandhu) ने 7 देशों के मिशन प्रमुखों का उत्तराखंड में स्वागत किया. मुख्य सचिव एसएस संधु ने कहा यह आयोजन विदेश में भारत के हितों को बढ़ावा दिए जाने के लिए एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म साबित होगा. उन्होंने कहा भारतीय राजदूत और उच्चायुक्त इस सम्मेलन के माध्यम से उत्तराखंड द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे.

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मुख्य सचिव (Chief Secretary Dr SS Sandhu) ने कहा उत्तराखंड अभी एक नया राज्य है, अपने 22 वर्षों के सफर में प्रदेश ने इंडस्ट्री फ्रेंडली माहौल तैयार किया है. हम उद्योग को देश में सबसे सस्ती बिजली उपलब्ध करवा रहे हैं. उत्तराखंड की लोकेशन इंडस्ट्री की दृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण है, जो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से काफी करीब है. नए एक्सप्रेस-वे बन जाने के बाद दिल्ली से देहरादून की दूरी मात्र 2 घंटे की हो जाएगी. इसके साथ ही, प्रदेश में हॉस्पिटेलिटी के क्षेत्र में अत्यधिक संभावनाएं बढ़ जाएंगी. उन्होंने कहा हम हाई एंड टूरिस्ट को भी आकर्षित करने के प्रयास कर रहे हैं. ऋषिकेश विश्वपटल पर इंटरनेशनल योगा कैपिटल के रूप में जाना जाता है, जो वेलनेस की दिशा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता आ रहा है.

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मुख्य सचिव ने राजदूतों एवं उच्चायुक्तों के माध्यम से इन देशों के व्यापारिक समुदाय को उत्तराखंड में उद्यमियों के साथ सहयोग करने के लिए आमंत्रित किया. उन्होंने कहा इसके लिए नियमित संवाद स्थापित किया जाएगा. हम राज्य की प्रगति के लिए एवं निवेशकों को सहयोग प्रदान करने के लिए क्षेत्र-विशिष्ट नीतियां लेकर आ रहे हैं. कुछ नीतियां जो पाइपलाइन में हैं, वे हैं लॉजिस्टिक्स पॉलिसी, सर्विस सेक्टर पॉलिसी, ड्रोन पॉलिसी, डिस्ट्रिक्ट वाइज स्टार्ट-अप स्ट्रैटेजी और ईवी पॉलिसी आदि, ये नीतियां इन सम्बन्धित क्षेत्रों को बढ़ावा देंगी.

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इस अवसर पर विभिन्न देशों में कार्य कर रहे राजदूतों ने सुझाव दिया कि राज्य के पर्वतीय अंचल के उत्पादों को राज्य की ओर से बढ़ावा दिया जाना चाहिए. राज्य के उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी मैन्युफैक्चरिंग, ब्रांडिंग एवं पैकेजिंग की अच्छी व्यवस्था हो. बैठक में सुझाव दिया गया कि उत्तराखंड को योग और वेलनेस टूरिज्म के रूप में वैश्विक स्तर पर तेजी से उभारा जा सकता है.

उत्तराखंड योग की भूमि रही है. यहां से प्रशिक्षण लेकर विभिन्न देशों में लोग योग का प्रशिक्षण दे रहे हैं. अधिक से अधिक लोग राज्य में योग का प्रशिक्षण ले सकें, इसकी राज्य में अच्छी व्यवस्था की जा सकती है. राज्य में अपने प्रवास के दौरान, राजदूत एवं हाई कमिश्नर राज्य में निवेश के विभिन्न अवसरों पर चर्चा करेंगे और राज्य से निर्यात को बढ़ावा देंगे. राजदूत आकांक्षी जनपद हरिद्वार का भी दौरा करेंगे, जहां ओडीओपी (एक जिला, एक उत्पाद) की जानकारी साझा की जाएगी.

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