देहरादून: वन विकास निगम के कई अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं. यह आरोप वन विकास निगम के स्केलर संघ के कार्यकारी अध्यक्ष टीएस बिष्ट ने लगाए हैं. आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि वन विभाग के वित्त नियंत्रक जीवन चंद्र जोशी की जांच के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
वन विकास निगम के स्केलर संघ के कार्यकारी अध्यक्ष के विभाग पर आरोप हैं कि वन विकास निगम में सामान खरीदने के मामले में कई अनियमितताएं हुई हैं. उन्होंने कहा कि उस दौरान वीके अग्रवाल कांट्रेक्टर से सामान खरीदा गया था. उसमें बिल संख्या 26 को 9 अगस्त 2016 को काटा गया. जबकि बिल संख्या 22 को 12 अगस्त 2016 को काटा गया. जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि इन बिलों में गड़बड़ किया गया है.
इसके साथ ही ऑडिटर को भी गुमराह करने के लिए एक बिल हिंदी में बनाया और एक बिल इंग्लिश में बनाया गया है. उन्होंने आरोप लगया कि एक ही समान के दो-दो बिल बनाए गए हैं. साथ ही दोनों बिलों के अमाउंट में कुछ रुपयों का हेर फेर कर दिया गया है.
स्केलर संघ के कार्यकारी अध्यक्ष टीएस बिष्ट ने बताया कि आंतरिक लेखा परीक्षक को कोई भी साक्ष्य नहीं दिखाए गए, जो नियम के विरुद्ध हैं. ऐसे लोगों पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए. लेकिन इनपर अभी तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं हो पाया है.
उन्होंने बताया कि वन निगम के वित्त नियंत्रक जीवन चंद्र जोशी ने मई 2018 में जांच के बाद कड़ी कार्रवाई करने के लिए लिखा था. लेकिन अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई. संघ के अध्यक्ष ने बताया कि मुख्य सचिव ने साल 2015-16 और साल 2016-17 में स्पेशल जांच कराई गई थी. जिसमें सीधे-सीधे तौर पर लाखों रुपए का घोटाला पाया गया था. मई 2018 में वन निगम को रिपोर्ट सौंपी गई. लेकिन जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के करीब 1 साल बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जिससे साफ जाहिर होता है कि इसमें कई बड़े-बड़े अधिकारी संलिप्त हैं.
जिसके बाद अब वन विकास निगम स्केलर संघ के कार्यकारी अध्यक्ष टीएस बिष्ट ने इस मामले में एक पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय भी भेजा है. जिससे भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई की जा सके.