ऋषिकेश: एम्स ऋषिकेश से आउटसोर्सिंग के जरिए नौकरी से हटाए जाने वाले युवाओं का आंदोलन अब धीरे-धीरे जनाक्रोश में तब्दील होने लगा है. एम्स निदेशक की तानाशाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ सभी सामाजिक दल, व्यापार मंडल, आम जनता और राजनैतिक दल एक मंच पर आ गये हैं. सर्वदलीय मंच ने एम्स के निदेशक का सामाजिक बहिष्कार करने का एलान किया है. साथ ही इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है.
ऋषिकेश के लोगों ने एम्स निदेशक पर नियुक्तियों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए आंदोलन का एलान किया है. शहर की महापौर अनीता ममंगाई के आह्वान पर सर्वदलीय बैठक में एम्स निदेशक के खिलाफ खासा गुस्सा देखा गया. लोगों का आरोप है कि सालों से आउटसोर्सिंग के तहत काम कर रहे राज्य के युवाओं को एक-एक कर बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है.
सामाजिक कार्यकर्ता जयेंद्र रमोला ने कहा कि ऋषिकेश एम्स निदेशक ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी हैं. अब ऋषिकेश की जनता एम्स निदेशक के खिलाफ बड़े आंदोलन के मूड में है.
महापौर अनीता ममंगाई ने बताया कि एम्स निदेशक की तानाशाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ सभी समाजिक दल, व्यापार मंडल, आम जनता और सभी राजनैतिक दल एक मंच पर आ गये हैं. सभी लोगों ने एक सुर में एम्स निदेशक को हटाने की मांग की है.
उन्होंने बताया कि एम्स निदेशक रविकान्त की प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में शिकायत की जाएगी. साथ निदेशक को यहां से हटाने की मांग की जाएगी और अगर मांग नहीं मानी जाती तो यह आंदोलन उग्र रूप ले सकता है.