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मणगणना से जुड़ी हर बात का यहां मिलेगा जबाव, देखिए खास रिपोर्ट

मतगणना से पहले सभी ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया है. इसके लिए प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में स्ट्रांग रूम बनाये गए है. इसके साथ ही 23 मई को मतगणना के दिन किसी भी प्रत्याशी या पार्टी प्रतिनिधि को मतगणना स्थल के भीतर नहीं जाने दिया जाएगा.

लोकसभा चुनाव मतगणना 2019
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Published : May 19, 2019, 6:56 PM IST

Updated : May 20, 2019, 12:01 AM IST

देहरादून: लोकसभा चुनाव 2019 के लिए आज सातों चरणों में मतदान प्रक्रिया सम्पन्न हो गई है. अब आगामी 23 मई को मतगणना कर चुनाव परिणामों की घोषणा की जाएगी. जिसकी तैयारी में निर्वाचन आयोग पूरे दमखम से जुटा हुआ है. हालांकि, ऐसे में आम मतदाता के जहन में मतगणना प्रक्रिया को लेकर कई तरह के सवाल रहते हैं कि कैसे मतगणना होती है, इसकी क्या प्रक्रिया है? तो आइए ईटीवी भारत पर मुख्य चुनाव अधिकारी उत्तराखंड सौजन्या आपको मतगणना के जुड़े तमाम पहलुओं को बड़े तफ़सील से बता रहीं हैं., देखिए खास रिपोर्ट...

मतगणना से जुड़ी जानकारी देती मुख्य निर्वाचन अधिकारी.

सूबे की पांचों लोकसभा सीटों पर 11 अप्रैल को पहले चरण में मतदान सम्पन्न हो गया था. जिसके साथ ही राज्य की सभी पांचों लोकसभा सीटों पर खड़े 52 प्रत्याशियों के भाग्य ईवीएम में कैद है. इन प्रत्याशियों के भाग्य का पिटारा 23 मई को खुलेगा. प्रदेश की पांचों लोकसभा सीट पर कुल 77,65,423 सामान्य मतदाताओं में से कुल 47,75,517 मतदाताओं ने इस बार अपने मत का प्रयोग किया. जिसमें 23,86,648 पुरुष, 23,88,831 महिलाऔर 38 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल थे. प्रदेश में इस बार लोकसभा चुनाव में कुल 61.50 फीसदी मतदान हुआ था.

पढ़ें- बदरीनाथ धाम में PM नरेंद्र मोदी ने की विशेष पूजा, दिव्य ज्योति के किये दर्शन

सबसे पहले होगी पोस्टल बैलेट की गणना
आगामी 23 मई को पूरे देश में मतगणना प्रक्रिया शुरु होनी है. ऐसे में सूबे के सभी जिला मुख्यालयों पर भी सुबह 8 बजे से मतगणना प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. सबसे पहले पोस्टल बैलेट को गणना में शामिल किया जाएगा. प्रदेश की पांचो लोकसभा सीटों के जिला मुख्यालयों पर सुबह 8 बजे से 8:30 बजे तक पोस्टल बैलेट की गणना की जाएगी. पोस्टल बैलेट की गणना के लिए मतगणना रूम में अलग से टेबल लगाया गया है. जबकि, सूबे की सभी लोकसभा सीटों में से गढ़वाल और अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा सर्विस वोटर है.

  • टिहरी लोकसभा सीट के पोस्टर बैलेट की गणना देहरादून जिले में की जाएगी. इसके लिए मतगणना स्थल पर करीब 56 टेबल लगाए जाएंगे.
  • गढ़वाल लोकसभा सीट के पोस्टर बैलेट की गणना पौड़ी जिले में की जाएगी, इसके लिए यहां करीब 125 टेबल लगाए जाएंगे.
  • अल्मोड़ा लोकसभा सीट के पोस्टर बैलेट की गणना अल्मोड़ा जिले में की जाएगी, इसके लिए करीब 125 टेबल लगाए जाएंगे.
  • नैनीताल -उधमसिंह नगर लोकसभा सीट के पोस्टर बैलेट की गणना उधमसिंह नगर जिले में की जाएगी, इसके लिए करीब 90 टेबल लगाए जाएंगे.
  • हरिद्वार लोकसभा सीट के पोस्टर बैलेट की गणना हरिद्वार जिले में की जाएगी, इसके लिए करीब 32 टेबल लगाए जाएंगे.

प्रदेश के सभी 13 जिला मुख्यालयों पर होगी मतगणना

पोस्टल बैलेट की गणना होने के बाद 8:30 बजे सूबे के सभी जिला मुख्यालयों पर ईवीएम की मतगणना शुरू हो जाएगी. इसके लिए सभी जिला मुख्यालयों पर बूथ वाइज टेबल लगाये जायेंगे. जहा ईवीएम में दर्ज मतों की गणना की जाएगी. प्रदेश के पांचों लोकसभा सीटो पर मतदान के लिए कुल 11,229 पोलिंग बूथ बनाये गए थे. जहां मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था.

कड़ी सुरक्षा के बीच होगी मतगणना
मतगणना से पहले सभी ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया है. इसके लिए प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में स्ट्रांग रूम बनाये गए है. इसके साथ ही 23 मई को मतगणना के दिन किसी भी प्रत्याशी या पार्टी प्रतिनिधि को मतगणना स्थल के भीतर नहीं जाने दिया जाएगा. इसके लिए मतगणना स्थल के बाहर भारी सुरक्षा बल को तैनात किया गया है. साथ ही मतगणना स्थल के बाहर और अंदर सीसीटीवी कैमरों से मॉनिटरिंग की जाएगी.

सभी विधानसभा में प्रयुक्त ईवीएम का 5 वीवीपैट स्लिप्स का होगा मिलान
मतगणना के दिन प्रदेश के सभी विधानसभाओं के बूथों में से एक-एक विधानसभा के संबंधित बूथों में से 5 बूथों की ईवीएम में दर्ज मतों और वीवीपैट के परिणामों का मिलान किया जाएगा. इसके लिए विधानसभा से संबंधित सभी बूथों में रैंडमली किन्हीं पांच बूथों को चुना जाएगा. उसके बाद वीवीपैट के सभी स्लिपों काउंटिंग कर उनका मिलान ईवीएम में दर्ज वोट से किया जाएगा. ताकि, इस बात को पुख्ता किया जा सके कि ईवीएम में कोई गड़बड़ नहीं है. इसके साथ ही निर्वाचन आयोग ने वीवीपैट की काउंटिंग के लिए अलग से केबिन भी बनाया है. जहां वीवीपैट मशीन की स्लिप्स की गिनती की जाएगी.

सूबे में मणगणना के लिए पांच हज़ार से ज्यादा कर्मचारियों की ड्यूटी, मोबाइल फ़ोन वर्जित
प्रदेश के पांचों लोकसभा सीटों पर मतगणना के लिए 5 हज़ार से ज्यादा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है. जिसमें सुरक्षा व्यवस्था को बनाये रखने के लिए पुलिस कर्मचारी भी शामिल है. इसके साथ ही मतगणना परिसर में मोबाइल, कैमरा, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक चीजें वर्जित है. अधिकारी खुद भी अपने मोबाइल को मतगणना हॉल में नहीं ले जा सकेंगे. यह व्यवस्था ईवीएम की सुरक्षा के दृष्टिगत की गई है.

आपत्ति जताने पर ही होगा वीवीपैट स्पिप्स का मिलान
मतगणना के दिन अगर किसी पार्टी के प्रतिनिधि या प्रत्याशी द्वारा किसी बूथ के ईवीएम में गड़बड़ी की बात कही जाती है या फिर किसी भी प्रकार की आपत्ति दर्ज कराई जाती है तो, निर्वाचन आयोग ने नियमानुसार आपत्ति जताने वाले व्यक्ति को आरओ के समक्ष एक पत्र देना होगा. जिसके बाद आरओ उस तथ्य का परीक्षण करने के बाद स्पीकिंग आर्डर पास करेगा. जिसके बाद अगर संबंधित आरओ सहमति देता है तो उस बूथ के वीवीपैट मशीन की स्लिप्स को गिना जाएगा और उनका ईवीएम से मिलान किया जाएगा.

देहरादून: लोकसभा चुनाव 2019 के लिए आज सातों चरणों में मतदान प्रक्रिया सम्पन्न हो गई है. अब आगामी 23 मई को मतगणना कर चुनाव परिणामों की घोषणा की जाएगी. जिसकी तैयारी में निर्वाचन आयोग पूरे दमखम से जुटा हुआ है. हालांकि, ऐसे में आम मतदाता के जहन में मतगणना प्रक्रिया को लेकर कई तरह के सवाल रहते हैं कि कैसे मतगणना होती है, इसकी क्या प्रक्रिया है? तो आइए ईटीवी भारत पर मुख्य चुनाव अधिकारी उत्तराखंड सौजन्या आपको मतगणना के जुड़े तमाम पहलुओं को बड़े तफ़सील से बता रहीं हैं., देखिए खास रिपोर्ट...

मतगणना से जुड़ी जानकारी देती मुख्य निर्वाचन अधिकारी.

सूबे की पांचों लोकसभा सीटों पर 11 अप्रैल को पहले चरण में मतदान सम्पन्न हो गया था. जिसके साथ ही राज्य की सभी पांचों लोकसभा सीटों पर खड़े 52 प्रत्याशियों के भाग्य ईवीएम में कैद है. इन प्रत्याशियों के भाग्य का पिटारा 23 मई को खुलेगा. प्रदेश की पांचों लोकसभा सीट पर कुल 77,65,423 सामान्य मतदाताओं में से कुल 47,75,517 मतदाताओं ने इस बार अपने मत का प्रयोग किया. जिसमें 23,86,648 पुरुष, 23,88,831 महिलाऔर 38 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल थे. प्रदेश में इस बार लोकसभा चुनाव में कुल 61.50 फीसदी मतदान हुआ था.

पढ़ें- बदरीनाथ धाम में PM नरेंद्र मोदी ने की विशेष पूजा, दिव्य ज्योति के किये दर्शन

सबसे पहले होगी पोस्टल बैलेट की गणना
आगामी 23 मई को पूरे देश में मतगणना प्रक्रिया शुरु होनी है. ऐसे में सूबे के सभी जिला मुख्यालयों पर भी सुबह 8 बजे से मतगणना प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. सबसे पहले पोस्टल बैलेट को गणना में शामिल किया जाएगा. प्रदेश की पांचो लोकसभा सीटों के जिला मुख्यालयों पर सुबह 8 बजे से 8:30 बजे तक पोस्टल बैलेट की गणना की जाएगी. पोस्टल बैलेट की गणना के लिए मतगणना रूम में अलग से टेबल लगाया गया है. जबकि, सूबे की सभी लोकसभा सीटों में से गढ़वाल और अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा सर्विस वोटर है.

  • टिहरी लोकसभा सीट के पोस्टर बैलेट की गणना देहरादून जिले में की जाएगी. इसके लिए मतगणना स्थल पर करीब 56 टेबल लगाए जाएंगे.
  • गढ़वाल लोकसभा सीट के पोस्टर बैलेट की गणना पौड़ी जिले में की जाएगी, इसके लिए यहां करीब 125 टेबल लगाए जाएंगे.
  • अल्मोड़ा लोकसभा सीट के पोस्टर बैलेट की गणना अल्मोड़ा जिले में की जाएगी, इसके लिए करीब 125 टेबल लगाए जाएंगे.
  • नैनीताल -उधमसिंह नगर लोकसभा सीट के पोस्टर बैलेट की गणना उधमसिंह नगर जिले में की जाएगी, इसके लिए करीब 90 टेबल लगाए जाएंगे.
  • हरिद्वार लोकसभा सीट के पोस्टर बैलेट की गणना हरिद्वार जिले में की जाएगी, इसके लिए करीब 32 टेबल लगाए जाएंगे.

प्रदेश के सभी 13 जिला मुख्यालयों पर होगी मतगणना

पोस्टल बैलेट की गणना होने के बाद 8:30 बजे सूबे के सभी जिला मुख्यालयों पर ईवीएम की मतगणना शुरू हो जाएगी. इसके लिए सभी जिला मुख्यालयों पर बूथ वाइज टेबल लगाये जायेंगे. जहा ईवीएम में दर्ज मतों की गणना की जाएगी. प्रदेश के पांचों लोकसभा सीटो पर मतदान के लिए कुल 11,229 पोलिंग बूथ बनाये गए थे. जहां मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था.

कड़ी सुरक्षा के बीच होगी मतगणना
मतगणना से पहले सभी ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया है. इसके लिए प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में स्ट्रांग रूम बनाये गए है. इसके साथ ही 23 मई को मतगणना के दिन किसी भी प्रत्याशी या पार्टी प्रतिनिधि को मतगणना स्थल के भीतर नहीं जाने दिया जाएगा. इसके लिए मतगणना स्थल के बाहर भारी सुरक्षा बल को तैनात किया गया है. साथ ही मतगणना स्थल के बाहर और अंदर सीसीटीवी कैमरों से मॉनिटरिंग की जाएगी.

सभी विधानसभा में प्रयुक्त ईवीएम का 5 वीवीपैट स्लिप्स का होगा मिलान
मतगणना के दिन प्रदेश के सभी विधानसभाओं के बूथों में से एक-एक विधानसभा के संबंधित बूथों में से 5 बूथों की ईवीएम में दर्ज मतों और वीवीपैट के परिणामों का मिलान किया जाएगा. इसके लिए विधानसभा से संबंधित सभी बूथों में रैंडमली किन्हीं पांच बूथों को चुना जाएगा. उसके बाद वीवीपैट के सभी स्लिपों काउंटिंग कर उनका मिलान ईवीएम में दर्ज वोट से किया जाएगा. ताकि, इस बात को पुख्ता किया जा सके कि ईवीएम में कोई गड़बड़ नहीं है. इसके साथ ही निर्वाचन आयोग ने वीवीपैट की काउंटिंग के लिए अलग से केबिन भी बनाया है. जहां वीवीपैट मशीन की स्लिप्स की गिनती की जाएगी.

सूबे में मणगणना के लिए पांच हज़ार से ज्यादा कर्मचारियों की ड्यूटी, मोबाइल फ़ोन वर्जित
प्रदेश के पांचों लोकसभा सीटों पर मतगणना के लिए 5 हज़ार से ज्यादा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है. जिसमें सुरक्षा व्यवस्था को बनाये रखने के लिए पुलिस कर्मचारी भी शामिल है. इसके साथ ही मतगणना परिसर में मोबाइल, कैमरा, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक चीजें वर्जित है. अधिकारी खुद भी अपने मोबाइल को मतगणना हॉल में नहीं ले जा सकेंगे. यह व्यवस्था ईवीएम की सुरक्षा के दृष्टिगत की गई है.

आपत्ति जताने पर ही होगा वीवीपैट स्पिप्स का मिलान
मतगणना के दिन अगर किसी पार्टी के प्रतिनिधि या प्रत्याशी द्वारा किसी बूथ के ईवीएम में गड़बड़ी की बात कही जाती है या फिर किसी भी प्रकार की आपत्ति दर्ज कराई जाती है तो, निर्वाचन आयोग ने नियमानुसार आपत्ति जताने वाले व्यक्ति को आरओ के समक्ष एक पत्र देना होगा. जिसके बाद आरओ उस तथ्य का परीक्षण करने के बाद स्पीकिंग आर्डर पास करेगा. जिसके बाद अगर संबंधित आरओ सहमति देता है तो उस बूथ के वीवीपैट मशीन की स्लिप्स को गिना जाएगा और उनका ईवीएम से मिलान किया जाएगा.

Intro:लोकसभा चुनाव 2019 के सातों चरणों का मतदान सम्पन्न हो गया है। जिसके बाद अब 23 मई को मतगणना कर चुनाव के परिणामो की घोषणा की जाएगी। जिसकी तैयारियों ने निर्वाचन आयोग दमखम से जुट हुआ है। हालांकि आम जनता के जहन में मतगणना को लेकर कई तरह के सवाल रहते है कि आखिर चुनाव आयोग किस तरह से मतगणना की जाती है। और क्या प्रक्रिया होती है मतगणना करने की। ईटीवी भारत आपको बताने जा रहा है, मतगणना से जुड़े तमाम पहलुओं को.......



Body:गौरतलब है कि उत्तराखंड की पांचो लोकसभा सीटों पर पहले चरण में 11 अप्रैल को मतदान सम्पन्न हो गया था। और राज्य की सभी पांचो लोकसभा सीटों पर खड़े 52 प्रत्याशियों के भाग्य ईवीएम में कैद है। जिनके सियासी भाग्य का पिटारा 23 मई को खुलेगा। आपके प्रदेश के पांचो लोकसभा सीट पर कुल 77,65,423 सामान्य मतदाताओं में से कुल 47,75,517 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था। जिसमे 23,86,648 पुरुष मतदाता, 23,88,831 महिला मतदाता और इसके अलावा 38 ट्रांसजेंडर मतदाता भी शामिल थे। यानी कुल मिलाकर 61.50 फीसदी मतदान हुआ था। 


.........सबसे पहले पोस्टल बैलेट की होगी गणना..........

लोकसभा चुनाव 2019 के मतदान सम्पन होने के बाद 23 मई को मतगणना किया जाएगा। इसके लिए सभी जिला मुख्यालयो पर 8 बजे से मतगणना प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। और सुबह 8 बजे तक आये पोस्टल बैलेट को गणना में शामिल किया जाएगा। हालांकि प्रदेश के पांचो लोकसभा सीटों के जिला मुख्यालयों पर सुबह 8 बजे से 8:30 बजे तक पोस्टल बैलेट की गणना कि जाएगी । जिसके लिए अलग से टेबल लगाया गया है। हालांकि प्रदेश के पांचो लोकसभा सीटों में से गढ़वाल और अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा सर्विस वोटर है।

- टिहरी लोकसभा सीट के पोस्टर बैलेट की गणना देहरादून जिले में किया जाएगा, इसके लिए करीब 56 टेबल लगाए जाएंगे। 

- गढ़वाल लोकसभा सीट के पोस्टर बैलेट की गणना पौड़ी जिले में किया जाएगा, इसके लिए करीब 125 टेबल लगाए जाएंगे। 

- अल्मोड़ा लोकसभा सीट के पोस्टर बैलेट की गणना अल्मोड़ा जिले में किया जाएगा, इसके लिए करीब 125 टेबल लगाए जाएंगे। 

- नैनीताल -उधमसिंह नगर लोकसभा सीट के पोस्टर बैलेट की गणना उधमसिंह नगर जिले में किया जाएगा, इसके लिए करीब 90 टेबल लगाए जाएंगे। 

- हरिद्वार लोकसभा सीट के पोस्टर बैलेट की गणना हरिद्वार जिले में किया जाएगा, इसके लिए करीब 32 टेबल लगाए जाएंगे। 


.......प्रदेश के सभी 13 जिला मुख्यालयों पर होगी मतगणना........

8 से 8:30 बजे तक पोस्टल बैलेट की गणना होने के बाद 8:30 बजे सभी जिला मुख्यालयों पर ईवीएम की मतगणना शुरू हो जाएगी। इसके लिए सभी जिला मुख्यालयों पर बूथ वाइस टेबल लगाये जायेंगे। जहा ईवीएम में दर्ज किए गए मतों की गणना की जाएगी। और यह गणना विधानसभा में आने वाले बूथों को कई चरणों मे किया जाएगा। हालांकि प्रदेश के पांचो लोकसभा सीटो पर मतदान के लिए कुल 11,229 पोलिंग बूथ बनाये गए थे। जहा मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था। 


.........कड़ी सुरक्षा के बीच होगी मतगणना......

हालांकि मतगणना से पहले चुनाव में इतेमाल किये गए सभी ईवीएम और वीवीपैट को त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया है। इसके लिए प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर स्ट्रांग रूम बनाये गए है। इसके साथ ही 23 मई को मतगणना के दिन भी किसी भी प्रत्याशी या पार्टी प्रतिनिधि को मतगणना स्थल के भीतर नही जाने दिया जाएगा। इसके लिए मतगणना स्थल के बाहर सुरक्षा बल लगाए गए है साथ ही मतगणना स्थल के बाहर और अंदर सीसीटीवी से निगरानी रखी जायेगी। 


......सभी विधानसभा से 5 वीवीपैट के पर्चियों का मिलान......

मतगणना के दिन प्रदेश के सभी विधानसभाओ के बूथों में से एक एक विधानसभा के संबंधित बूथों में से 5 बूथों के ईवीएम के परिणाम और वीवीपैट के परिणामो का मिलान किया जाएगा। इसके लिए विधानसभा से संबंधित सभी बूथों में आकस्मिक रूप से किन्ही पांच बूथों को चुना लिया जाता है। उसके बाद वीवीपैट के सभी पर्चियों की गिनती कर ईवीएम से मिलान किया जाएगा। ताकि इस बात को पुख्ता किया जा सके कि ईवीएम में कोई गड़बड़ नही है। इसके साथ ही निर्वाचन आयोग ने वीवीपैट के कॉउंटिंग के लिए अलग से केबिन भी बनाया है। जहा वीवीपैट के पर्चियों की गिनती की जाएगी। 


..........पांच हज़ार से ज्यादा कर्मचारियों की ड्यूटी, मोबाइल फ़ोन वर्जित......

प्रदेश के पांचो लोकसभा सीटों पर मतगणना के लिए 5 हज़ार से ज्यादा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। जिसमे सुरक्षा व्यवस्था को बनाये रखने के लिए पुलिस कर्मचारी भी शामिल है। इसके साथ ही मतगणना परिसर में मोबाइल, कैमरा, और wifi से जुड़ी अन्य इलेक्ट्रॉनिक चीजे वर्जित है। अधिकारी खुद भी अपने मोबाइल को मतगणना हॉल में नही ले जा सकेंगे, हालांकि यह व्यवस्था ईवीएम के सुरक्षा के दृष्टिगत रखा गया है। 


.......आपत्ति जताने पर ही होगी वीवीपैट के पर्चीयो का मिलान......

मतगणना के दिन अगर किसी पार्टी के प्रतिनिधि या प्रत्यशी द्वारा किसी बूथ के ईवीएम में गड़बड़ी की बात कही जाती है या फिर किसी भी प्रकार की आपत्ति जताई जाती है तो, निर्वाचन आयोग ने नियमानुसार आपत्ति जताने वाले व्यक्ति को आरओ के समक्ष पत्र देना होगा। जिसके बाद आरओ उस तथ्य का परीक्षण करने के बाद स्पीकिंग आर्डर पास करेगा। जिसके बाद अगर संबंधित आरओ सहमति देता है तो उस बूथ के वीवीपैट के पर्चियों को गिना जाएगा और ईवीएम से मिलान किया जाएगा। 



Conclusion:
Last Updated : May 20, 2019, 12:01 AM IST
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