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उत्तराखंड के सभी अस्पताल IPHS मानकों के तहत होंगे संचालित, मिलेगी बेहतर सुविधाएं

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Published : Jan 14, 2020, 2:05 PM IST

उत्तराखंड में मरीजों को बेहतर इलाज मिलने की उम्मीद जगी है. प्रदेश के सभी अस्पतालों को पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के अनुरूप ही संचालित किया जाएगा. जिसके अनुसार अस्पतालों को बेहतर सुविधाएं और इलाज देना होगा. जिससे मरीजों को राहत मिलेगी.

dehradun
दून अस्पताल

देहरादून: उत्तराखंड में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के अनुरूप ही अस्पताल संचालित किए जाएंगे. इसके अलावा प्रदेश की स्वास्थ सुविधाओं में हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी.

देहरादून की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मीनाक्षी जोशी ने बताया कि हेल्थ सर्विसेस का रीस्ट्रक्चरिंग चलाया जा रहा है. जिसके तहत सभी अस्पतालों और डॉक्टरों को आईपीएचएस मानकों के अनुरूप ही स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए बताया गया है. इन मानकों के अनुरूप जो भी अस्पताल बनेंगे उनमें स्टेंडर्ड स्पेस होगी, साथ ही उन अस्पतालों में स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल्स के अलावा डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती भी फिक्स होगी. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर का भी महत्वपूर्ण रोल होने जा रहा है.

देहरादून अस्पताल

इन सेंटर्स में मरीजों का बेसिक हेल्थ चेकअप किया जाएगा. सेंटर्स में अन्य सुविधाओं के अलावा कैंसर जैसी बीमारी की स्क्रीनिंग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों की भी बारीकी से स्क्रीनिंग की जाएगी. इसके साथ ही लोगों को स्वस्थ जीवन शैली के बारे में जागरूक किया जाएगा.

ये भी पढ़े: उच्च शिक्षा मंत्री पर हरदा का तंज- नौजवान लाठी-डंडे से चुप न हों, तो लगवा दो जैमर

इन सेंटर्स में योगाचार्य भी होंगे जो समय-समय पर स्वास्थ्य जीवन परक शैलियों के बारे में लोगों को बताएंगे. सेंटर से जांच कराकर संदर्भित मरीज सबसे पहले अपने फर्स्ट रेफरल यूनिट में जाएंगे. जहां पर उन्हें उपचार दिया जाएगा. अगर उन मरीजों को उससे आगे के अन्य उपचारों की आवश्यकता पड़ती है तो ऐसे मरीजों को आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में उपचार के लिए भेजा जायेगा.

दरअसल स्वास्थ विभाग का मानना है कि बीमारी जनित ही ना हो यदि बीमारी जनित हो तो उसका तुरंत निदान हो सके और बीमारी डायग्नोज होने के बाद उस मरीज को तुरंत निशुल्क उपचार मुहैया कराया जा सके.

देहरादून: उत्तराखंड में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के अनुरूप ही अस्पताल संचालित किए जाएंगे. इसके अलावा प्रदेश की स्वास्थ सुविधाओं में हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी.

देहरादून की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मीनाक्षी जोशी ने बताया कि हेल्थ सर्विसेस का रीस्ट्रक्चरिंग चलाया जा रहा है. जिसके तहत सभी अस्पतालों और डॉक्टरों को आईपीएचएस मानकों के अनुरूप ही स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए बताया गया है. इन मानकों के अनुरूप जो भी अस्पताल बनेंगे उनमें स्टेंडर्ड स्पेस होगी, साथ ही उन अस्पतालों में स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल्स के अलावा डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती भी फिक्स होगी. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर का भी महत्वपूर्ण रोल होने जा रहा है.

देहरादून अस्पताल

इन सेंटर्स में मरीजों का बेसिक हेल्थ चेकअप किया जाएगा. सेंटर्स में अन्य सुविधाओं के अलावा कैंसर जैसी बीमारी की स्क्रीनिंग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों की भी बारीकी से स्क्रीनिंग की जाएगी. इसके साथ ही लोगों को स्वस्थ जीवन शैली के बारे में जागरूक किया जाएगा.

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इन सेंटर्स में योगाचार्य भी होंगे जो समय-समय पर स्वास्थ्य जीवन परक शैलियों के बारे में लोगों को बताएंगे. सेंटर से जांच कराकर संदर्भित मरीज सबसे पहले अपने फर्स्ट रेफरल यूनिट में जाएंगे. जहां पर उन्हें उपचार दिया जाएगा. अगर उन मरीजों को उससे आगे के अन्य उपचारों की आवश्यकता पड़ती है तो ऐसे मरीजों को आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में उपचार के लिए भेजा जायेगा.

दरअसल स्वास्थ विभाग का मानना है कि बीमारी जनित ही ना हो यदि बीमारी जनित हो तो उसका तुरंत निदान हो सके और बीमारी डायग्नोज होने के बाद उस मरीज को तुरंत निशुल्क उपचार मुहैया कराया जा सके.

Intro:उत्तराखंड में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के अनुरूप ही अस्पताल संचालित किए जाएंगे, इसके अलावा प्रदेश की स्वास्थ सुविधाओं में हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर का भी महत्वपूर्ण रोल होने जा रहा है।
summary- प्रदेश में बेहतर स्वास्थ सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में अब आईपीएचएस मानकों के तहत ही अस्पताल संचालित किए जाएंगे


Body:देहरादून की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मीनाक्षी जोशी ने बताया कि हेल्थ सर्विसेस का रीस्ट्रक्चरिंग चलाया जा रहा है, जिसके तहत सभी अस्पतालों और डॉक्टरों को आईपीएचएस मानकों के अनुरूप ही स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए बताया गया है। इन मानकों के अनुरूप जो भी अस्पताल बनेंगे उनमें स्टेंडर्ड स्पेस होगी, साथ ही उन अस्पतालों में स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल्स के अलावा डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती भी फिक्स होगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर का भी महत्वपूर्ण रोल होने जा रहा है, इन सेंटर्स में मरीजों का बेसिक हेल्थ चेकअप किया जाएगा, सेंटर्स में अन्य सुविधाओं के अलावा कैंसर जैसी बीमारी की स्क्रीनिंग,मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों की भी बारीकी से स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके साथ ही लोगों को स्वस्थ जीवन शैली के बारे में जागरूक किया जाएगा। इन सेंटर्स में योगाचार्य भी होंगे जो समय-समय पर स्वास्थ्य जीवन परक शैलियों के बारे में लोगों को बताएंगे, सेंटर से जांच कराकर संदर्भित मरीज सबसे पहले अपने फर्स्ट रेफरल यूनिट में जाएंगे जहां पर उन्हें उपचार दिया जाएगा, अगर उन मरीजों को उससे आगे के अन्य उपचारों की आवश्यकता पड़ती है तो ऐसे मरीजों को आयुष्मान योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों मे अग्रिम उपचार के लिए भेजा जायेगा।
बाईट- डॉ मीनाक्षी जोशी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, देहरादून


Conclusion:दरअसल स्वास्थ विभाग का मानना है कि बीमारी जनित ही ना हो यदि बीमारी जनित हो तो उसका तुरंत निदान हो सके। और बीमारी डायग्नोज होने के बाद उस मरीज को तुरंत निशुल्क उपचार मुहैया कराया जा सके
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