देहरादूनः पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर पर हुए हमले के बाद देश में आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस घटना के बाद सभी डॉक्टर एकजुट होकर घटना का विरोध कर रहे हैं. इसी कड़ी में उत्तराखंड के प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ ने भी घटना को लेकर भारी रोष जताया. संघ ने 17 जून को सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ओपीडी का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. डॉक्टरों के ओपीडी बहिष्कार के फैसले से मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
उत्तराखंड के प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ ने पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर के साथ हुई हिंसा को लेकर रोष जताया. संघ के संयुक्त सचिव डॉक्टर तुहीन ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में नहीं घटनी चाहिए. अगर किसी कारणवश डॉक्टर से गलती हो जाती है, तो उसे मारने का अधिकार किसी को भी नहीं है. ऐसे मामलों के लिए कानूनी प्रकिया होता है, उसे देखते हुए उस डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि कोलकाता में बेरहमी से डॉक्टर को पीटने की वजह से वो जींदगी और मौत के बीच झूल रहा है. यह घोर निंदनीय है. प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ से जुड़े समस्त चिकित्सक आगामी 17 जून को काली पट्टी बांधकर ओपीडी बंद करेंगे और इस घटना के खिलाफ अपना रोष व्यक्त करेंगे.
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उधर, दूसरी ओर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े तमाम चिकित्सकों ने भी आगामी सोमवार को ओपीडी के कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया है. इस मामले में आईएमए की देहरादून शाखा के प्रेसिडेंट डॉ. संजय गोयल का कहना है कि आगामी 17 जून की सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ओपीडी बंद करने का निर्णय लिया गया है. हालांकि सीरियस कंडीशन के मरीजों के लिए इमरजेंसी सेवाएं यथावत चलती रहेंगी. जिससे आपातकालीन परिस्थिति में उन मरीजों का समुचित इलाज किया जा सके. साथ ही कहा कि इसके अलावा निजी अस्पतालों में पहले से ही भर्ती मरीजों का इलाज पूर्व की भांति चलता रहेगा.
वहीं, डॉक्टर संजय गोयल के मुताबिक अभी सिर्फ एक दिवसीय ओपीडी बहिष्कार किया जा रहा है. आवश्यकता पड़ी तो आईएमए के केंद्रीय नेतृत्व और पूरे देश के डॉक्टर्स मिलकर आगामी रणनीति तय करेंगे. गौर हो कि प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के पदाधिकारियों ने बाकायदा एक पत्र उत्तराखंड के डीजी हेल्थ को सौंपा है. जिसमें प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ की कोर कमेटी ने कार्यबहिष्कार करने की बात कही है. दरअसल, राज्यभर में करीब 1700 राजकीय चिकित्सक प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के मेंबर्स हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े चिकित्सक भी ओपीडी का कार्य बहिष्कार करने जा रहे हैं. ऐसे में तय है कि सोमवार को मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.