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बढ़ेगी मरीजों की मुश्किलें, बंगाल हिंसा को लेकर 17 जून को बंद रहेंगे अस्पताल - इंडियन मेडिकल एसोसिएशन

पश्चिम बंगाल में डॉक्टर पर हुए हमले के विरोध में प्रदेश में आगामी 17 जून की सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ओपीडी बंद रहेंगे. ओपीडी के बंद रहने से सोमवार को मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

17 जून को बंद रहेंगे अस्पतालों के OPD काउंटर
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Published : Jun 16, 2019, 12:04 AM IST

Updated : Jun 16, 2019, 12:30 AM IST

देहरादूनः पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर पर हुए हमले के बाद देश में आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस घटना के बाद सभी डॉक्टर एकजुट होकर घटना का विरोध कर रहे हैं. इसी कड़ी में उत्तराखंड के प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ ने भी घटना को लेकर भारी रोष जताया. संघ ने 17 जून को सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ओपीडी का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. डॉक्टरों के ओपीडी बहिष्कार के फैसले से मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

बंगाल हिंसा के विरोध में 17 जून को बंद रहेंगे अस्पतालों के OPD काउंटर.


उत्तराखंड के प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ ने पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर के साथ हुई हिंसा को लेकर रोष जताया. संघ के संयुक्त सचिव डॉक्टर तुहीन ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में नहीं घटनी चाहिए. अगर किसी कारणवश डॉक्टर से गलती हो जाती है, तो उसे मारने का अधिकार किसी को भी नहीं है. ऐसे मामलों के लिए कानूनी प्रकिया होता है, उसे देखते हुए उस डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.


उन्होंने कहा कि कोलकाता में बेरहमी से डॉक्टर को पीटने की वजह से वो जींदगी और मौत के बीच झूल रहा है. यह घोर निंदनीय है. प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ से जुड़े समस्त चिकित्सक आगामी 17 जून को काली पट्टी बांधकर ओपीडी बंद करेंगे और इस घटना के खिलाफ अपना रोष व्यक्त करेंगे.

ये भी पढ़ेंः नंदादेवी में 'डेयर डेविल' रेस्क्यू जारी, MI-17 हेलीकॉप्टर की मदद से बेस कैंप-2 पहुंचे पर्वतारोही


उधर, दूसरी ओर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े तमाम चिकित्सकों ने भी आगामी सोमवार को ओपीडी के कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया है. इस मामले में आईएमए की देहरादून शाखा के प्रेसिडेंट डॉ. संजय गोयल का कहना है कि आगामी 17 जून की सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ओपीडी बंद करने का निर्णय लिया गया है. हालांकि सीरियस कंडीशन के मरीजों के लिए इमरजेंसी सेवाएं यथावत चलती रहेंगी. जिससे आपातकालीन परिस्थिति में उन मरीजों का समुचित इलाज किया जा सके. साथ ही कहा कि इसके अलावा निजी अस्पतालों में पहले से ही भर्ती मरीजों का इलाज पूर्व की भांति चलता रहेगा.

वहीं, डॉक्टर संजय गोयल के मुताबिक अभी सिर्फ एक दिवसीय ओपीडी बहिष्कार किया जा रहा है. आवश्यकता पड़ी तो आईएमए के केंद्रीय नेतृत्व और पूरे देश के डॉक्टर्स मिलकर आगामी रणनीति तय करेंगे. गौर हो कि प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के पदाधिकारियों ने बाकायदा एक पत्र उत्तराखंड के डीजी हेल्थ को सौंपा है. जिसमें प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ की कोर कमेटी ने कार्यबहिष्कार करने की बात कही है. दरअसल, राज्यभर में करीब 1700 राजकीय चिकित्सक प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के मेंबर्स हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े चिकित्सक भी ओपीडी का कार्य बहिष्कार करने जा रहे हैं. ऐसे में तय है कि सोमवार को मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

देहरादूनः पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर पर हुए हमले के बाद देश में आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस घटना के बाद सभी डॉक्टर एकजुट होकर घटना का विरोध कर रहे हैं. इसी कड़ी में उत्तराखंड के प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ ने भी घटना को लेकर भारी रोष जताया. संघ ने 17 जून को सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ओपीडी का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. डॉक्टरों के ओपीडी बहिष्कार के फैसले से मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

बंगाल हिंसा के विरोध में 17 जून को बंद रहेंगे अस्पतालों के OPD काउंटर.


उत्तराखंड के प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ ने पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर के साथ हुई हिंसा को लेकर रोष जताया. संघ के संयुक्त सचिव डॉक्टर तुहीन ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में नहीं घटनी चाहिए. अगर किसी कारणवश डॉक्टर से गलती हो जाती है, तो उसे मारने का अधिकार किसी को भी नहीं है. ऐसे मामलों के लिए कानूनी प्रकिया होता है, उसे देखते हुए उस डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.


उन्होंने कहा कि कोलकाता में बेरहमी से डॉक्टर को पीटने की वजह से वो जींदगी और मौत के बीच झूल रहा है. यह घोर निंदनीय है. प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ से जुड़े समस्त चिकित्सक आगामी 17 जून को काली पट्टी बांधकर ओपीडी बंद करेंगे और इस घटना के खिलाफ अपना रोष व्यक्त करेंगे.

ये भी पढ़ेंः नंदादेवी में 'डेयर डेविल' रेस्क्यू जारी, MI-17 हेलीकॉप्टर की मदद से बेस कैंप-2 पहुंचे पर्वतारोही


उधर, दूसरी ओर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े तमाम चिकित्सकों ने भी आगामी सोमवार को ओपीडी के कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया है. इस मामले में आईएमए की देहरादून शाखा के प्रेसिडेंट डॉ. संजय गोयल का कहना है कि आगामी 17 जून की सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ओपीडी बंद करने का निर्णय लिया गया है. हालांकि सीरियस कंडीशन के मरीजों के लिए इमरजेंसी सेवाएं यथावत चलती रहेंगी. जिससे आपातकालीन परिस्थिति में उन मरीजों का समुचित इलाज किया जा सके. साथ ही कहा कि इसके अलावा निजी अस्पतालों में पहले से ही भर्ती मरीजों का इलाज पूर्व की भांति चलता रहेगा.

वहीं, डॉक्टर संजय गोयल के मुताबिक अभी सिर्फ एक दिवसीय ओपीडी बहिष्कार किया जा रहा है. आवश्यकता पड़ी तो आईएमए के केंद्रीय नेतृत्व और पूरे देश के डॉक्टर्स मिलकर आगामी रणनीति तय करेंगे. गौर हो कि प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के पदाधिकारियों ने बाकायदा एक पत्र उत्तराखंड के डीजी हेल्थ को सौंपा है. जिसमें प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ की कोर कमेटी ने कार्यबहिष्कार करने की बात कही है. दरअसल, राज्यभर में करीब 1700 राजकीय चिकित्सक प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के मेंबर्स हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े चिकित्सक भी ओपीडी का कार्य बहिष्कार करने जा रहे हैं. ऐसे में तय है कि सोमवार को मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

Intro: उत्तराखंड के प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ ने पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर के साथ घटी हिंसक वारदात पर अपना रोष व्यक्त किया है, इसके विरोध मे प्रदेश भर के राजकीय चिकित्सक काली पट्टी बांधकर इस घटना के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त करेंगे, दूसरी ओर निजी चिकित्सकों ने ऐलान किया है कि आगामी 17 जून को सुबह 6:00 बजे से लेकर शाम 6:00 बजे तक ओपीडी का बहिष्कार किया जाएगा ।जिसके बाद तय माना जा रहा है कि सोमवार को मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, हालांकि निजी अस्पतालों और क्लिनिकों मे इमरजेंसी सेवाएं पूर्व की भांति चलती रहेंगी।
summary- आईएमए के चिकित्सकों ने बैठक करके आगामी 17 जून को ओपीडी बंद रखने का ऐलान किया है, तो वही प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ से जुड़े चिकित्सक भी निजी चिकित्सकों का समर्थन करते हुए समूचे उत्तराखंड में काली पट्टी बांधकर अपना रोष व्यक्त करेंगें,लेकिन सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी अन्य दिनों की भांति चलती रहेगी।


Body:इस संबंध में प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के संयुक्त सचिव डॉक्टर तुहीन ने पश्चिम बंगाल में चिकित्सक के साथ हुई घटना की घोर निंदा करते हुए कहा, कि ऐसी हिंसक घटना की जितनी भी निंदा की जाए उतना कम है, इस तरह की घटनाएं भविष्य में नहीं घटनी चाहिए, क्योंकि डॉक्टर्स भी इंसान होते हैं। अगर किसी कारणवश डॉक्टर से गलती हो जाती है तो उसे मारने का अधिकार किसी को भी नहीं है। इसके लिए एक लीगल मेथड होता है ,उसको फॉलो करते हुए उस डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए, जिसने इलाज में लापरवाही बरती है किसी को डॉक्टर के ऊपर हाथ उठाने का किसी को हक नहीं है। कोलकाता में जिस तरह से हिंसक वारदात को अंजाम देकर इस परिस्थिति में ला दिया गया है, कि आज वो चिकित्सक मरने की कगार पर है। अगर हमले में घायल चिकित्सक शादीशुदा है तो उसके परिजनों को पीड़ा झेलनी पड़ रही होगी। यह घोर निंदनीय घटना है और प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ से जुड़े समस्त चिकित्सक आगामी 17 जून को काली पट्टी बांधकर ओपीडी करके इस घटना के खिलाफ अपना रोष व्यक्त करेंगे।

बाईट-डॉ तुहीन, संयुक्त सचिव, प्रांतीय चिकित्सा सेवा सेवा संघ

दूसरी ओर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े तमाम चिकित्सकों ने आगामी सोमवार को ओपीडी के कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया है। इस मामले में आईएमए की देहरादून शाखा के प्रेसिडेंट डॉ संजय गोयल ने कहा कि आगामी 17 जून की सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ओपीडी बंद करने का निर्णय लिया गया है। हालांकि सीरियस कंडीशन के मरीजों के लिए इमरजेंसी सेवाएं यथावत चलती रहेंगी, ताकि आपातकालीन परिस्थिति में उन मरीजों का समुचित इलाज किया जा सके जिन्हें इमरजेंसी की आवश्यकता है। इसके अलावा निजी अस्पतालों में पहले से ही भर्ती मरीजों का इलाज पूर्व की भांति चलता रहेगा। डॉक्टर संजय गोयल के मुताबिक अभी सिर्फ एक दिवसीय ओपीडी बहिष्कार किया जा रहा है, अगर आवश्यकता पड़ी तो आईएमए की के केंद्रीय नेतृत्व और पूरे देश के डॉक्टर्स मिलकर आगामी रणनीति तय करेंगे। हालांकी कोशिश रहेगी कि ऐसी नौबत ना आए और सरकार ऐसे ऐसा स्थाई समाधान निकालें जिससे डॉक्टर्स पर हिंसक हमले बंद हो सके।

बाईट-डॉ संजय गोयल ,प्रेसिडेंट ,आईएमए ,देहरादून शाखा


Conclusion:गौरतलब है कि प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के पदाधिकारियों ने बाकायदा एक पत्र उत्तराखंड के डीजी हेल्थ को सौंप दिया है जिसमें लिखा है कि पश्चिम बंगाल के कोलकाता मे मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में चिकित्सकों पर हुए हमले के विरोध मैं उत्तराखंड मे कार्यरत समस्त चिकित्सकों द्वारा रोष व्यक्त किया जा रहा है। जिस के क्रम में प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ की कोर कमेटी द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि उत्तराखंड राज्य के राजकीय चिकित्सकों द्वारा आगामी सोमवार को काली पट्टी बांधकर राज्य के सभी चिकित्सक घटना के विरोध में अपना आक्रोश व्यक्त करेंगे।दरअसल राज्य भर में करीब 1700 राजकीय चिकित्सक प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के मेंबर्स हैं, तो वही प्रदेश भर मे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े चिकित्सक सोमवार को ओपीडी का कार्य बहिष्कार करने जा रहे हैं ऐसे में तय है कि सोमवार को मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
Last Updated : Jun 16, 2019, 12:30 AM IST
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