देहरादून: इंडियन मिलिट्री एकेडमी की पासिंग आउट परेड (Dehradun IMA Passing Out Parade) में 314 युवा सैन्य अफसरों देश को मिले हैं. जिसमें आंध्र प्रदेश के 4 युवा सैन्य अधिकारी (4 young army officers from Andhra Pradesh at IMA POP) बने हैं. आंध्र प्रदेश के गरीब किसान का दूसरा बेटा अजय रेड्डी भी तीन साल की कड़ी मेहनत के बाद आज सेना में शामिल हुआ. साथ ही आंध्र प्रदेश के साधारण परिवार से आने वाले मंजूनाथ गौड़ के कंधों पर भी आज स्टार सजे. उनकी इस खुशी में उनके परिजन भी साथ दिखाई दिये.
आंध्र प्रदेश के किसान का बेटा बना ऑफिसर: आईएमए के चेटवुड बिल्डिंग में अंतिम पग पार कर लेफ्टिनेंट बने अजय रेड्डी आंध्र प्रदेश के गरीब किसान सुब्बी रेड्डी परिवार से आते हैं. आज अजय के कंधे पर गर्व का अहसास कराते दो स्टार देखकर माता पिता और सैन्य अधिकारी सुरेश रेड्डी का खुशी से ठिकाना नहीं रहा. एक लंबे दौर तक गरीबी में गुजर-बसर करने वाले किसान सुब्बी रेड्डी ने कहा आज उनके जीवन का ऐतिहासिक दिन है. उन्होंने कहा मैं हमेशा ही खेत में काम करते समय सपना देखता था कि मेरे दोनों बेटे एक दिन देश सेवा करेंगे. आज उनके बेटे ने उनकी यह हसरत पूरी तय कर दी है.
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जय किसान और जय जवान के नारे को करेंगे बुलंद: आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जनपद से आने वाले लेफ्टिनेंट अजय रेड्डी के बड़े भाई सुरेश रेड्डी भी भारतीय सेना में ऑफिसर हैं. पिछले 12 सालों से वे अपनी सेवाएं दे रहे हैं. सुरेश रेड्डी का कहना है कि माता-पिता का यही सपना था. उन्होंने कहा पिता ने सारी जिंदगी पूर्वजों की परंपरा को खेती किसान करके निभाया. अब उनके बेटे देश की सेवा में सैन्य अधिकारी बनकर जय किसान और जय जवान के नारे को बुलंद करेंगे.
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मंजूनाथ गौड़ भी सेना में बने अधिकारी: आंध्र प्रदेश के ही मंजूनाथ गौड़ (Manjunath Goud became an officer in army) भी आज सेना में शामिल हुए. कठिन परिश्रम और विश्व स्तरीय सैन्य ट्रेनिंग पाकर लेफ्टिनेंट बने मंजूनाथ गौड़ के माता-पिता ने बेटे के कंधों पर स्टार सजाए, जिसके बाद वे भावुक भी दिखें. वहीं, अपने छोटे भाई की सफलता देखकर बड़े भाई की आंखों में आंसू छलक पड़े. पास आउट होकर लेफ्टिनेंट बने मंजूनाथ गौड़ ने कहा आर्मी में बतौर सैन्य अधिकारी बनने का सपना पूरा हो गया है. उनके इस सपने को पूरा करने के लिए माता-पिता, भाई और परिवार ने मनोबल और साहस बढ़ाया.
उन्होंने कहा आज वो जो कुछ भी बन पाये हैं उसमें परिवार की भूमिका है. वहीं, लेफ्टिनेंट मंजूनाथ के पिता ने कहा कि आज वे इतना गर्व महसूस कर रहे हैं, जिसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते. उन्होंने कहा देश सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है. इस सफर को बेटे ने शुरू किया है जो आगे इसी तरह बढ़ता जाएगा.