देहरादून: भारत-चीन के बीच चल रहे तनाव के बाद देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में भारतीय सेनाओं की सरगर्मी बढ़ी हुई है. इसी क्रम में भारतीय वायु सेना ने सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्तराखंड के चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे समेत अन्य हेलीपैड का सर्वे किया था. ऐसे में अटकले लगाईं जा रही हैं कि भारतीय वायुसेना उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में बने कुछ हेलीपैड को टेकओवर कर सकती है, ताकि उन्हें तकनीकी रूप से और विकसित किया जा सके. इस सिलसिले में 9 अक्टूबर को भारत सरकार के सिविल एविएशन के सचिव उत्तराखंड के मुख्य सचिव से मुलाकात करेंगे.
नागरिक उड्डयन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि पूरे प्रदेश में करीब 70 से अधिक हेलीपैड मौजूद हैं. जिनको सही ढंग से संचालित करने के लिए कार्य किए जाने की आवश्यकता है. हालांकि, कुछ हेलीपैड पर उड़ान योजना के अंतर्गत कार्य किए जा रहे हैं. लिहाजा भविष्य में नागरिक उड्डयन विभाग यह योजना बना रहा है कि राज्य सरकार की ओर से कुछ रूटों पर हेली सेवाओं का संचालन शुरू जाए. हालांकि, ऐसे में जिस रूट पर सब्सिडी देनी है, उस पर राज्य सरकार देगी. जिस तरह से भारत सरकार उड़ान योजना के तहत 90 प्रतिशत और राज्य सरकार 10 प्रतिशत का भुगतान करता है. इस पर नागरिक उड्डयन विभाग काम कर रहा है.
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सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि 9 अक्टूबर को भारत सरकार के सिविल एविएशन डिपार्टमेंट के सचिव देहरादून आ रहे हैं. जिनकी मुख्य सचिव ओमप्रकाश के साथ इस मामले पर बैठक होनी है. यही नहीं, सामरिक दृष्टि से जो प्रदेश के बॉर्डर्स क्षेत्रों में हेलीपैड हैं और प्रस्तावित हेलीपैड हैं. उस संदर्भ में भी बातचीत की जाएगी.