ऋषिकेश: कोरोना की तीसरी लहर (third wave of corona) के खतरे की आशंका को देखते हुए एम्स ऋषिकेश (AIIMS Rishikesh) ने बच्चों के इलाज के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसके लिए नर्सिंग स्टाफ को विशेष प्रशिक्षण (Special training to nursing staff) दिया जा रहा है. साथ ही कोरोना संक्रमित बच्चों के लिए 100 बेड की व्यवस्था की गई है. 100 अतिरिक्त बेड का कोविड वॉर्ड बनाने की योजना पर भी कार्य चल रहा है.
विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना महामारी (corona pandemic) की तीसरी लहर में सबसे ज्यादा खतरा बच्चों के संक्रमित होने का है. इस समस्या से निपटने के लिए एम्स ऋषिकेश ने बच्चों के इलाज की तैयारियों को लेकर विभिन्न योजनाएं बनायी हैं. प्लान के तहत बच्चों के लिए आवश्यक बेड की संख्या, मेडिकल उपकरण और मैन पावर पर फोकस किया जा रहा है.
एम्स अस्पताल प्रशासन के मुताबिक कोरोना संक्रमित बच्चों (corona infected children) के लिए 100 बेड अलग से रिजर्व रखे जाएंगे. इनमें 50 ऑक्सीजन बेड (50 oxygen bed) और 50 आईसीयू बेड (50 icu bed) शामिल हैं. इन बेडों के लिए वेन्टिलेटर, माॅनीटर आदि आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था कर ली गयी है.
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एम्स अस्पताल प्रशासन के डीन, प्रोफेसर यूबी मिश्रा ने बताया कि बच्चों के इलाज के लिए 55 प्रशिक्षित रेजिडेन्ट्स और 50 नर्सिंग स्टाफ की टीम उपलब्ध है. इसके अलावा 1 महीने से कम उम्र के क्रिटिकल स्थिति वाले नवजात बच्चों के इलाज के लिए एनआईसीयू के 15 प्रशिक्षित नर्सिंग ऑफिसर भी हैं.
उन्होंने बताया कि एम्स की पीडियाट्रिक इंटेन्सिव केयर यूनिट (Pediatric Intensive Care Unit) (पीआईसीयू) में 30 और नैनोटल इंटेन्सिव केयर यूनिट (Nanotel Intensive Care Unit)(एनआईसीयू) में 25 बेड की सुविधा स्थायी तौर पर पहले से ही है. जबकि 100 बेड का एक अतिरिक्त वॉर्ड भी प्लान में रखा गया है. जिससे एक समय में 150 कोरोना संक्रमित बच्चों का इलाज संभव हो सकेगा.