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सावधान ! डेल्टा से भी खतरनाक लैंब्डा की धमक, ये सावधानियां हैं जरूरी

डेल्टा प्लस वेरिएंट के बाद लैंब्डा वेरिएंट भी आने की आशंका जताई जा रही है. एम्स ऋषिकेश के डायरेक्टर प्रो. रविकांत के मुताबिक डेल्टा प्लस वेरिएंट ज्यादा खतरनाक साबित नहीं होगा.

lamda variant of corona
lamda variant of corona
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Published : Jul 9, 2021, 3:03 PM IST

Updated : Jul 9, 2021, 3:20 PM IST

देहरादून: कोरोना संक्रमण के डेल्टा वेरिएंट की दस्तक के बाद से ही कोविड की तीसरी लहर आने की आशंका बढ़ गई है. इसी बीच डेल्टा प्लस वेरिएंट के बाद लैंब्डा वेरिएंट (Lambda Variant) भी आने की आशंका जताई जा रही है. विशेषज्ञों के मुताबिक डेल्टा प्लस वेरिएंट ज्यादा खतरनाक साबित नहीं होगा. अगर लोगों ने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली हैं और लगातार मास्क पहन रहे हैं तो 90 फीसदी गारंटी है कि अगर किसी को संक्रमण होता है, तो उसे आईसीयू में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

ऋषिकेश एम्स के डायरेक्टर प्रो. रविकांत ने बताया कि जब कोरोना वायरस का प्रोटीन बदलता है, तो कोरोना वायरस एक नए स्वरूप यानी नए वेरिएंट के रूप में सामने आता है. वर्तमान में डेल्टा प्लस वेरिएंट ने देश के कई राज्यों में दस्तक दे दी है. ऐसे में अब कोरोना संक्रमण के नए वेरिएंट के रूप में लैंब्डा वेरिएंट आ रहा है.

डेल्टा के बाद लैंब्डा की धमक.

उन्होंने कहा कि कोरोना का डेल्टा प्लस वेरिएंट ज्यादा खतरनाक नहीं है. फिलहाल जो रिसर्च में बात सामने में आई है, उसके अनुसार फेफड़ों पर इसका असर पड़ेगा. रविकांत ने बताया कि दूसरी लहर के बाद संक्रमित हुए मरीजों में अधिक स्टेरॉयड लेने की वजह से उनकी हड्डियों पर इसका साइड इफेक्ट देखने को मिल रहा है.

ऋषिकेश एम्स निदेशक ने बताया कि अमेरिका में हुई रिसर्च में सामने आया है कि जिन्होंने वैक्सीन लगवा ली है, उसमें से 90% लोगों की मौत नहीं हुई है. ऐसे में लोगों को वैक्सीन के प्रति जागरूक होने की जरूरत है. रविकांत ने बताया कि देश में जब 80 फीसदी लोगों को वैक्सीन लग जाएगी तब जाकर, मास्क पहनने से लोगों को फ्रीडम दी जा सकती है.

पढ़ें- CM धामी बोले- कोरोना की तीसरी लहर को तैयार, टेस्टिंग और टीकाकरण में आई तेजी

रविकांत ने बताया कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका है, लेकिन अगर हम चाहते हैं कि संक्रमण की तीसरा लहर दस्तक ना दे तो ऐसे में जरूरी है कि अधिक से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन कर दिया जाए. इसके साथ ही जिस भी व्यक्ति को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं, उन्हें अगले 2 महीने तक पूरी सावधानियां बरतने की जरूरत है, ताकि कोरोना संक्रमण के तीसरी लहर की चपेट में ना आ पाएं. ये दो ही तरीके ऐसे हैं, जिनके माध्यम से तीसरी लहर से बचा जा सकता है.

रविकांत ने बताया कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए ऋषिकेश एम्स पूरी तरह से तैयार है. इसके लिए ऋषिकेश एम्स में 100 आईसीयू बेड बच्चों के लिए और 200 आईसीयू बेड बड़ों के लिए तैयार किये हैं. यह सभी 300 आईसीयू बेड वेंटिलेटर सुविधा से जुड़े हैं. इसके साथ ही तीसरी लहर के मद्देनजर दवाइयां और मास्क की भी व्यवस्था की जा रही है.

उन्होंने कहा कि हमेशा से ही ये दिक्कत ही रहती है कि जब 100 बेड का इंतजाम करते हैं तो मरीजों की संख्या बढ़कर 200 हो जाती है. ऐसे में सभी अस्पतालों को सहयोग की जरूरत है ताकि सभी संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा सके.

देहरादून: कोरोना संक्रमण के डेल्टा वेरिएंट की दस्तक के बाद से ही कोविड की तीसरी लहर आने की आशंका बढ़ गई है. इसी बीच डेल्टा प्लस वेरिएंट के बाद लैंब्डा वेरिएंट (Lambda Variant) भी आने की आशंका जताई जा रही है. विशेषज्ञों के मुताबिक डेल्टा प्लस वेरिएंट ज्यादा खतरनाक साबित नहीं होगा. अगर लोगों ने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली हैं और लगातार मास्क पहन रहे हैं तो 90 फीसदी गारंटी है कि अगर किसी को संक्रमण होता है, तो उसे आईसीयू में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

ऋषिकेश एम्स के डायरेक्टर प्रो. रविकांत ने बताया कि जब कोरोना वायरस का प्रोटीन बदलता है, तो कोरोना वायरस एक नए स्वरूप यानी नए वेरिएंट के रूप में सामने आता है. वर्तमान में डेल्टा प्लस वेरिएंट ने देश के कई राज्यों में दस्तक दे दी है. ऐसे में अब कोरोना संक्रमण के नए वेरिएंट के रूप में लैंब्डा वेरिएंट आ रहा है.

डेल्टा के बाद लैंब्डा की धमक.

उन्होंने कहा कि कोरोना का डेल्टा प्लस वेरिएंट ज्यादा खतरनाक नहीं है. फिलहाल जो रिसर्च में बात सामने में आई है, उसके अनुसार फेफड़ों पर इसका असर पड़ेगा. रविकांत ने बताया कि दूसरी लहर के बाद संक्रमित हुए मरीजों में अधिक स्टेरॉयड लेने की वजह से उनकी हड्डियों पर इसका साइड इफेक्ट देखने को मिल रहा है.

ऋषिकेश एम्स निदेशक ने बताया कि अमेरिका में हुई रिसर्च में सामने आया है कि जिन्होंने वैक्सीन लगवा ली है, उसमें से 90% लोगों की मौत नहीं हुई है. ऐसे में लोगों को वैक्सीन के प्रति जागरूक होने की जरूरत है. रविकांत ने बताया कि देश में जब 80 फीसदी लोगों को वैक्सीन लग जाएगी तब जाकर, मास्क पहनने से लोगों को फ्रीडम दी जा सकती है.

पढ़ें- CM धामी बोले- कोरोना की तीसरी लहर को तैयार, टेस्टिंग और टीकाकरण में आई तेजी

रविकांत ने बताया कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका है, लेकिन अगर हम चाहते हैं कि संक्रमण की तीसरा लहर दस्तक ना दे तो ऐसे में जरूरी है कि अधिक से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन कर दिया जाए. इसके साथ ही जिस भी व्यक्ति को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं, उन्हें अगले 2 महीने तक पूरी सावधानियां बरतने की जरूरत है, ताकि कोरोना संक्रमण के तीसरी लहर की चपेट में ना आ पाएं. ये दो ही तरीके ऐसे हैं, जिनके माध्यम से तीसरी लहर से बचा जा सकता है.

रविकांत ने बताया कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए ऋषिकेश एम्स पूरी तरह से तैयार है. इसके लिए ऋषिकेश एम्स में 100 आईसीयू बेड बच्चों के लिए और 200 आईसीयू बेड बड़ों के लिए तैयार किये हैं. यह सभी 300 आईसीयू बेड वेंटिलेटर सुविधा से जुड़े हैं. इसके साथ ही तीसरी लहर के मद्देनजर दवाइयां और मास्क की भी व्यवस्था की जा रही है.

उन्होंने कहा कि हमेशा से ही ये दिक्कत ही रहती है कि जब 100 बेड का इंतजाम करते हैं तो मरीजों की संख्या बढ़कर 200 हो जाती है. ऐसे में सभी अस्पतालों को सहयोग की जरूरत है ताकि सभी संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा सके.

Last Updated : Jul 9, 2021, 3:20 PM IST
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