देहरादून: पटवारी व लेखपालों की हड़ताल चार महीनों से चल रही है. जिस वजह से जिला प्रशासन कार्यालयों में आम जनता के कार्य अटके हुए हैं. हैरत की बात यह कि परेशान जनता की समस्य से जिम्मेदार अधिकारी बने हुए हैं, जिसे देखते हुए शनिवार को कचहरी परिचर के अधिवक्ताओं ने जिला प्रशासन का घेराव कर तालाबंदी की चेतावनी दी. वकीलों का कहना है कि पटवारी मनमाने तरीके से कार्य बहिष्कार पर हैं और प्रशासनिक अमला आंखें बंद कर चैन की नींद सो रहा है.
देहरादून कहचरी परिसर के वकीलों ने पटवारी व लेखपालों की हड़ताल को जनहित में जल्द समाप्त कराने की अपील की. वकीलों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर ये हड़ताल को खत्म नहीं करवाया गया तो वो जिलाप्रशासन कार्यालय को भी नहीं चलने देंगे. वकीलों का कहना है अगर पटवारी काम पर नहीं लौटते तो जिलाप्रशासन कार्यालय में 18 जून को तालाबंदी की जाएगी.
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इस मामले में बार एसोसिएशन अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल ने कहा कि पटवारी लेखपालों की मनमानी हड़ताल चल रही है. लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि इससे आम जनता को हो रही परेशान से शासन-प्रशासन अंजान बना बैठा है. हड़ताल जल्द समाप्त नहीं होती तो इसके खिलाफ सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा.
एसआईटी जांच की वजह से पटवारी लेखपाल हड़ताल पर
जानकारी के मुताबिक जमीन खरीद फरोख्त सहित अन्य राजस्व विभाग के कार्यों में पटवारी- लेखपालों के खिलाफ लगातार भ्रष्टाचार की शिकायत सामने आने के बाद राज्य सरकार ने SIT जांच के आदेश दिए हैं. जिसके बाद से पटवारी लेखपाल अपने खिलाफ होने वाली SIT जांच के विरोध में हड़ताल कर रहे हैं.
बता दें कि पटवारियों के हड़ताल के कारण मूल व स्थायी निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, जमीनों के दाखिल खारिज, कोर्ट-कचहरी से संबंधी रिपोर्टों के साथ ही अन्य कानूनी कार्य बाधित हैं. वहीं, स्कूलों में नए सेशन के लिये निवास प्रमाण पत्र न बनने के चलते एडमिशन भी नहीं हो रहे हैं. हालांकि इस मामले पर कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद कुछ हद तक समस्या का निदान हुआ, लेकिन तहसील स्तर पर आम जनता के तमाम काम पूरी तरह प्रभावित हो रहे हैं.