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देहरादून में प्रतिदिन हो रही मात्र 40 लैंड रजिस्ट्री, लोगों की बड़ी मुश्किलें - भूमि रजिस्ट्री लिमिट तय होने से अधिवक्ता परेशान

कोरोना संक्रमण के चलते जिला प्रशासन ने अब कचहरी में हर दिन 40 लैंड रजिस्ट्री की ही अनुमति दी है. इस फैसले के बाद से आम जनता के साथ ही अधिवक्ताओं को भी परेशानी उठानी पड़ रही है.

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प्रतिदिन 40 भूमि रजिस्ट्री की लिमिट तय.
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Published : Aug 7, 2020, 7:09 PM IST

देहरादून: कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से अब कचहरी में हर दिन 40 लैंड रजिस्ट्री की ही अनुमति दी गई है. जिससे आम जनता को परेशान होना पड़ रहा है. वहीं, लिमिटेड रजिस्ट्री होने के कारण अधिवक्ता भी खासे परेशान चल रहे हैं.

मामले पर अधिवक्ताओं का कहना है कि अब सरकार को प्रतिदिन 40 भूमि रजिस्ट्री की लिमिट को खत्म कर देना चाहिए. जिस तरह अनलॉक-3 में सरकार ने बाजार समेत अन्य सभी व्यवसायियों को खोलने की अनुमति प्रदान कर दी है. उसी के तहत अब इस लिमिट को भी हटाया जाना चाहिए. इससे आम नागरिक को भी खासी सहूलियत मिलेगी.

प्रतिदिन 40 भूमि रजिस्ट्री की लिमिट तय.

बता दें कि वर्तमान में प्रतिदिन 40 रजिस्ट्री ही की जा रही है. जिसके लिए लोगों को ऑनलाइन आवेदन करना पड़ रहा है. जिसके बाद निर्धारित तिथि को कचहरी पहुंच लोग अपनी भूमि का रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं, लेकिन इस स्थिति में सबसे अधिक परेशानियां देश के अन्य हिस्से से आने वाले लोगों को हो रही है. इस पूरे मामले पर उपजिलाधिकारी (वित्त) वीर सिंह बुदियाल का कहना है कि कचहरी परिसर में अधिक भीड़ न लगे इस बात को ध्यान रखते हुए भूमि रजिस्ट्री के लिए सीमा निर्धारित की गई है. जब तक स्थितियां सामान्य नहीं हो जाती, तब तक सीमित संख्या में ही प्रतिदिन लोग रजिस्ट्री करा सकेंगे.

ये भी पढ़ें: कॉर्बेट की शान बढ़ा रही कीवी बोट, 1977 के 'सागर से आकाश' अभियान का रही है हिस्सा

वहीं, अधिवक्ताओं ने तहसील में कामकाज ठप पड़ने पर भी नाराजगी जाहिर की है. अधिवक्ताओं के अनुसार तहसील में पिछले 5 महीनों से दाखिल खारिज नहीं हो रहा है. जिसकी वजह से भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त का खतरा बना हुआ है. अधिवक्ताओं का कहना है कि राज्य सरकार को जल्द से जल्द इन सभी चीजों को सामान्य करने की जरूरत है. जिससे ही आम नागरिक धोखाधड़ी का शिकार होने से बच सके.

देहरादून: कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से अब कचहरी में हर दिन 40 लैंड रजिस्ट्री की ही अनुमति दी गई है. जिससे आम जनता को परेशान होना पड़ रहा है. वहीं, लिमिटेड रजिस्ट्री होने के कारण अधिवक्ता भी खासे परेशान चल रहे हैं.

मामले पर अधिवक्ताओं का कहना है कि अब सरकार को प्रतिदिन 40 भूमि रजिस्ट्री की लिमिट को खत्म कर देना चाहिए. जिस तरह अनलॉक-3 में सरकार ने बाजार समेत अन्य सभी व्यवसायियों को खोलने की अनुमति प्रदान कर दी है. उसी के तहत अब इस लिमिट को भी हटाया जाना चाहिए. इससे आम नागरिक को भी खासी सहूलियत मिलेगी.

प्रतिदिन 40 भूमि रजिस्ट्री की लिमिट तय.

बता दें कि वर्तमान में प्रतिदिन 40 रजिस्ट्री ही की जा रही है. जिसके लिए लोगों को ऑनलाइन आवेदन करना पड़ रहा है. जिसके बाद निर्धारित तिथि को कचहरी पहुंच लोग अपनी भूमि का रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं, लेकिन इस स्थिति में सबसे अधिक परेशानियां देश के अन्य हिस्से से आने वाले लोगों को हो रही है. इस पूरे मामले पर उपजिलाधिकारी (वित्त) वीर सिंह बुदियाल का कहना है कि कचहरी परिसर में अधिक भीड़ न लगे इस बात को ध्यान रखते हुए भूमि रजिस्ट्री के लिए सीमा निर्धारित की गई है. जब तक स्थितियां सामान्य नहीं हो जाती, तब तक सीमित संख्या में ही प्रतिदिन लोग रजिस्ट्री करा सकेंगे.

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वहीं, अधिवक्ताओं ने तहसील में कामकाज ठप पड़ने पर भी नाराजगी जाहिर की है. अधिवक्ताओं के अनुसार तहसील में पिछले 5 महीनों से दाखिल खारिज नहीं हो रहा है. जिसकी वजह से भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त का खतरा बना हुआ है. अधिवक्ताओं का कहना है कि राज्य सरकार को जल्द से जल्द इन सभी चीजों को सामान्य करने की जरूरत है. जिससे ही आम नागरिक धोखाधड़ी का शिकार होने से बच सके.

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