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बढ़ती गर्मी को लेकर केंद्र ने सभी राज्यों को जारी की एडवाइजरी, स्वास्थ्य महकमा बना लापरवाह

लगातार बढ़ रहे तापमान का सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. हमारी जरा सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है. इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health & Family Welfare) भी चिंतित नजर आ रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों को एडवाइजरी भी जारी की है.

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देहरादून
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Published : May 3, 2022, 2:25 PM IST

Updated : May 3, 2022, 5:04 PM IST

देहरादून: भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ((Ministry of Health & Family Welfare)) ने बढ़ रहे तापमान को लेकर देशभर के राज्यों को आगाह किया है. गर्मी बढ़ने के साथ ऐसी कई बीमारियों का खतरा बढ़ गया है, जो जरा सी लापरवाही करने पर जानलेवा साबित हो सकती हैं. उधर, उत्तराखंड का स्वास्थ्य महकमा है कि केंद्र की एडवाइजरी के बावजूद लापरवाह बना हुआ है. वरिष्ठ फिजीशियन डॉक्टर एनएस बिष्ट ने कहा है कि उत्तराखंड में मरीजों के लिए सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त दवाइयों की व्यवस्था ही नहीं है.

भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने गर्मी पर सभी राज्यों को आगाह किया है. एडवाइजरी जारी करते हुए स्वास्थ्य विभाग के सचिव राजेश भूषण ने राज्यों से कहा है कि गर्मी जिस तरह बढ़ रही है, उसमें राज्यों को विशेष प्रबंधन करना चाहिए. इसको लेकर न केवल निगरानी बढ़ाने की जरूरत है, बल्कि अस्पतालों में भी गर्मी से जुड़ी बीमारियों को लेकर तैयारी करनी होगी. एडवाइजरी में कहा गया है कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए दवाइयों की उपलब्धता सुचारू करने की भी जरूरत है.

बढ़ती गर्मी को लेकर स्वास्थ्य महकमा बना लापरवाह.

सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त दवाइयां नहीं: एक तरफ भारत सरकार एडवाइजरी जारी कर रहा है तो दूसरी तरफ सरकारी अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन ने ही उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल कर रख दी है. वरिष्ठ फिजीशियन डॉक्टर एनएस बिष्ट (Senior Physician Dr NS Bisht) ने कहा है कि उत्तराखंड में मरीजों के लिए सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त दवाइयों की व्यवस्था ही नहीं है.

सरकार दवाओं का पैटर्न बदले: एनएस बिष्ट ने कहा है कि वह 20 साल से सेवाएं दे रहे हैं और पिछले 20 सालों से वही पुरानी दवाइयां सामान्य चिकित्सक से लेकर विशेषज्ञ चिकित्सक तक सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दे रहा है, जबकि मरीज अच्छे इलाज के लिए निजी अस्पतालों में महंगी दवाइयों और इलाज से बचने के लिए सरकारी अस्पताल आता है लेकिन सरकारी अस्पताल में कई बीमारियों की दवाइयां मौजूद नहीं हैं. ऐसे में जो दवाइयां हैं वह भी 20 सालों से एक ही पैटर्न पर दी जा रही हैं. अब जाहिर है कि इससे मरीजों की बीमारी ठीक नहीं होगी. मरीज फिर निजी अस्पताल की तरफ रुख करेंगे.

गर्मियों में एहतियात बरतें: वरिष्ठ फिजीशियन डॉक्टर एनएस बिष्ट भी मानते हैं कि गर्मी बढ़ने के साथ-साथ तमाम बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. बिष्ट की मानें तो गर्मी में ऐसी कई बीमारियां होती हैं, जो लोगों के लिए परेशानी की सबब बन सकती हैं. इसमें सबसे ज्यादा डिहाइड्रेशन का खतरा रहता है. इसके अलावा त्वचा रोग की समस्या भी लोगों की परेशानियां बढ़ा सकती हैं. ऐसे में लोगों को इसके मद्देनजर एहतियात बरतनी चाहिए.
पढ़ें- खुले गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट, चारधाम यात्रा शुरू, PM मोदी के नाम की हुई पहली पूजा

गर्मियों में होने वाली बीमारियां

डिहाइड्रेशन: गर्मी के मौसम में डिहाइड्रेशन की समस्या होना आम बात है. आम तौर पर ये बीमारी तब होती है जब हमारे शरीर में पानी की कमी हो जाती है.
उपाय: अधिक से अधिक मात्रा में पानी का सेवन करें. एक दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं, नींबू पानी, नारियल पानी, शिकंजी या अन्य पौष्टिक पेय पदार्थों का सेवन करें रोजाना केला, तरबूज, खरबूज, खीरा, पपीता, संतरे इत्यादि फलों का सेवन करें.

फूड प्वाइजनिंग: विषाक्त भोजन (food poisoning) भी गर्मियों की बीमारी है. यह बीमारी खराब खाने या पानी की वजह से होती है. दरअसल, इस मौसम में बैक्टीरिया आसानी से पनप जाते हैं और शरीर के अंदर पहुंचते ही पेट दर्द, दस्त और उल्टी की शिकायतें होने लगती हैं.
उपाय: फूड प्वाइजनिंग से बचने के लिए बासी खाना खाने से बचना चाहिए. गर्मी के दिनों में आम तौर पर नींबू का सेवन करना चाहिए. नींबू में एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं. खाली पेट सेब के सिरके का सेवन करना चाहिए. यह खराब बैक्टीरिया को मारता है.

सन बर्न (Sunburn): सन बर्न भी गर्मी में तेज धूप के कारण हो सकता है. यह त्वचा रोग से जुड़ी शिकायत है, जिसमें शरीर पर कुछ निशान बन जाते हैं. यह काफी दर्दनाक और खतरनाक भी हो सकते हैं.
उपाय: धूप में जब भी निकलें तो चेहरे को ढकें और फुल आस्तीन के कपड़े पहनें. साथ ही चेहरे में सनस्क्रीन लोशन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

टाइफाइड: गर्मियों में टाइफाइड की बीमारी का नाम भी काफी सुनाई देता है. इसकी वजह भी गर्मियों में दूषित खान पान हो सकता है. इसमें तेज बुखार थकान कमजोरी और भूख नहीं लगने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
उपाय: गर्मियां ने फिल्टर पानी पीना चाहिए दूषित पानी से बचना चाहिए. ताजा सब्जी और फूड्स का ही सेवन करें. बार-बार हाथ धोएं. हाथ की सफाई से बैक्टीरिया और संक्रमण वाले कीटाणु हाथ से निकल जाते हैं.

हीट स्ट्रोक: गर्मियों में हीट स्ट्रोक का भी खतरा बना रहता है. गर्मी में तेज गर्म हवाएं हीट स्ट्रोक का कारण बनती है. हीट स्ट्रोक होने की स्थिति में सिर दर्द, आंखों में जलन कमजोरी जैसी शिकायतें मिलती हैं, इससे लापरवाही करने वाले लोगों को दिक्कतें काफी ज्यादा बढ़ सकती हैं.
उपाय: तेज धूप में निकलने से बचें. आंखों पर धूप वाला चश्मा लगाएं. गर्मी के दिनों में नारियल का पानी पीना लाभदायी रहता है, यह हीट स्ट्रोक से बचाता है.

खसरा: गर्मियों में खसरा भी लोगों की परेशानियां बढ़ाता है. यह एक संक्रामक बीमारी है, इसमें भी तेज बुखार, खांसी, जुकाम जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. इसका आपकी त्वचा पर भी सीधा असर होता है. शरीर और मुंह पर कई छोटे लाल निशान भी पड़ जाते हैं. इससे बचने के लिए लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत होती है.
उपाय: इस बीमारी से बचाव के लिए बचपन में खसरे का टीका लगवाना चाहिए. खसरे के लक्षण दिखाई देने पर चिकित्सक की सलाह लेकर उपचार कराना चाहिए.

अभी और सताएगी गर्मी: उत्तराखंड में इस सीजन में तापमान में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी आंकी गई है. मार्च का महीना पूरा सूखा निकल गया. अप्रैल के महीने के आखिरी में राजधानी देहरादून में तापमान 39 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा दर्ज किया गया. जिससे इसका सामान्य जनजीवन पर सीधा असर पड़ रहा है. हालांकि, पिछले तीन दिनों से प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है लेकिन उत्तराखंड मौसम विभाग की मानें तो अभी गर्मी से राहत नहीं मिलने वाली है.

देहरादून: भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ((Ministry of Health & Family Welfare)) ने बढ़ रहे तापमान को लेकर देशभर के राज्यों को आगाह किया है. गर्मी बढ़ने के साथ ऐसी कई बीमारियों का खतरा बढ़ गया है, जो जरा सी लापरवाही करने पर जानलेवा साबित हो सकती हैं. उधर, उत्तराखंड का स्वास्थ्य महकमा है कि केंद्र की एडवाइजरी के बावजूद लापरवाह बना हुआ है. वरिष्ठ फिजीशियन डॉक्टर एनएस बिष्ट ने कहा है कि उत्तराखंड में मरीजों के लिए सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त दवाइयों की व्यवस्था ही नहीं है.

भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने गर्मी पर सभी राज्यों को आगाह किया है. एडवाइजरी जारी करते हुए स्वास्थ्य विभाग के सचिव राजेश भूषण ने राज्यों से कहा है कि गर्मी जिस तरह बढ़ रही है, उसमें राज्यों को विशेष प्रबंधन करना चाहिए. इसको लेकर न केवल निगरानी बढ़ाने की जरूरत है, बल्कि अस्पतालों में भी गर्मी से जुड़ी बीमारियों को लेकर तैयारी करनी होगी. एडवाइजरी में कहा गया है कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए दवाइयों की उपलब्धता सुचारू करने की भी जरूरत है.

बढ़ती गर्मी को लेकर स्वास्थ्य महकमा बना लापरवाह.

सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त दवाइयां नहीं: एक तरफ भारत सरकार एडवाइजरी जारी कर रहा है तो दूसरी तरफ सरकारी अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन ने ही उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल कर रख दी है. वरिष्ठ फिजीशियन डॉक्टर एनएस बिष्ट (Senior Physician Dr NS Bisht) ने कहा है कि उत्तराखंड में मरीजों के लिए सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त दवाइयों की व्यवस्था ही नहीं है.

सरकार दवाओं का पैटर्न बदले: एनएस बिष्ट ने कहा है कि वह 20 साल से सेवाएं दे रहे हैं और पिछले 20 सालों से वही पुरानी दवाइयां सामान्य चिकित्सक से लेकर विशेषज्ञ चिकित्सक तक सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दे रहा है, जबकि मरीज अच्छे इलाज के लिए निजी अस्पतालों में महंगी दवाइयों और इलाज से बचने के लिए सरकारी अस्पताल आता है लेकिन सरकारी अस्पताल में कई बीमारियों की दवाइयां मौजूद नहीं हैं. ऐसे में जो दवाइयां हैं वह भी 20 सालों से एक ही पैटर्न पर दी जा रही हैं. अब जाहिर है कि इससे मरीजों की बीमारी ठीक नहीं होगी. मरीज फिर निजी अस्पताल की तरफ रुख करेंगे.

गर्मियों में एहतियात बरतें: वरिष्ठ फिजीशियन डॉक्टर एनएस बिष्ट भी मानते हैं कि गर्मी बढ़ने के साथ-साथ तमाम बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. बिष्ट की मानें तो गर्मी में ऐसी कई बीमारियां होती हैं, जो लोगों के लिए परेशानी की सबब बन सकती हैं. इसमें सबसे ज्यादा डिहाइड्रेशन का खतरा रहता है. इसके अलावा त्वचा रोग की समस्या भी लोगों की परेशानियां बढ़ा सकती हैं. ऐसे में लोगों को इसके मद्देनजर एहतियात बरतनी चाहिए.
पढ़ें- खुले गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट, चारधाम यात्रा शुरू, PM मोदी के नाम की हुई पहली पूजा

गर्मियों में होने वाली बीमारियां

डिहाइड्रेशन: गर्मी के मौसम में डिहाइड्रेशन की समस्या होना आम बात है. आम तौर पर ये बीमारी तब होती है जब हमारे शरीर में पानी की कमी हो जाती है.
उपाय: अधिक से अधिक मात्रा में पानी का सेवन करें. एक दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं, नींबू पानी, नारियल पानी, शिकंजी या अन्य पौष्टिक पेय पदार्थों का सेवन करें रोजाना केला, तरबूज, खरबूज, खीरा, पपीता, संतरे इत्यादि फलों का सेवन करें.

फूड प्वाइजनिंग: विषाक्त भोजन (food poisoning) भी गर्मियों की बीमारी है. यह बीमारी खराब खाने या पानी की वजह से होती है. दरअसल, इस मौसम में बैक्टीरिया आसानी से पनप जाते हैं और शरीर के अंदर पहुंचते ही पेट दर्द, दस्त और उल्टी की शिकायतें होने लगती हैं.
उपाय: फूड प्वाइजनिंग से बचने के लिए बासी खाना खाने से बचना चाहिए. गर्मी के दिनों में आम तौर पर नींबू का सेवन करना चाहिए. नींबू में एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं. खाली पेट सेब के सिरके का सेवन करना चाहिए. यह खराब बैक्टीरिया को मारता है.

सन बर्न (Sunburn): सन बर्न भी गर्मी में तेज धूप के कारण हो सकता है. यह त्वचा रोग से जुड़ी शिकायत है, जिसमें शरीर पर कुछ निशान बन जाते हैं. यह काफी दर्दनाक और खतरनाक भी हो सकते हैं.
उपाय: धूप में जब भी निकलें तो चेहरे को ढकें और फुल आस्तीन के कपड़े पहनें. साथ ही चेहरे में सनस्क्रीन लोशन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

टाइफाइड: गर्मियों में टाइफाइड की बीमारी का नाम भी काफी सुनाई देता है. इसकी वजह भी गर्मियों में दूषित खान पान हो सकता है. इसमें तेज बुखार थकान कमजोरी और भूख नहीं लगने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
उपाय: गर्मियां ने फिल्टर पानी पीना चाहिए दूषित पानी से बचना चाहिए. ताजा सब्जी और फूड्स का ही सेवन करें. बार-बार हाथ धोएं. हाथ की सफाई से बैक्टीरिया और संक्रमण वाले कीटाणु हाथ से निकल जाते हैं.

हीट स्ट्रोक: गर्मियों में हीट स्ट्रोक का भी खतरा बना रहता है. गर्मी में तेज गर्म हवाएं हीट स्ट्रोक का कारण बनती है. हीट स्ट्रोक होने की स्थिति में सिर दर्द, आंखों में जलन कमजोरी जैसी शिकायतें मिलती हैं, इससे लापरवाही करने वाले लोगों को दिक्कतें काफी ज्यादा बढ़ सकती हैं.
उपाय: तेज धूप में निकलने से बचें. आंखों पर धूप वाला चश्मा लगाएं. गर्मी के दिनों में नारियल का पानी पीना लाभदायी रहता है, यह हीट स्ट्रोक से बचाता है.

खसरा: गर्मियों में खसरा भी लोगों की परेशानियां बढ़ाता है. यह एक संक्रामक बीमारी है, इसमें भी तेज बुखार, खांसी, जुकाम जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. इसका आपकी त्वचा पर भी सीधा असर होता है. शरीर और मुंह पर कई छोटे लाल निशान भी पड़ जाते हैं. इससे बचने के लिए लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत होती है.
उपाय: इस बीमारी से बचाव के लिए बचपन में खसरे का टीका लगवाना चाहिए. खसरे के लक्षण दिखाई देने पर चिकित्सक की सलाह लेकर उपचार कराना चाहिए.

अभी और सताएगी गर्मी: उत्तराखंड में इस सीजन में तापमान में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी आंकी गई है. मार्च का महीना पूरा सूखा निकल गया. अप्रैल के महीने के आखिरी में राजधानी देहरादून में तापमान 39 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा दर्ज किया गया. जिससे इसका सामान्य जनजीवन पर सीधा असर पड़ रहा है. हालांकि, पिछले तीन दिनों से प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है लेकिन उत्तराखंड मौसम विभाग की मानें तो अभी गर्मी से राहत नहीं मिलने वाली है.

Last Updated : May 3, 2022, 5:04 PM IST
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