देहरादून: उत्तराखंड सरकार राज्य में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए तमाम जुगत लगा रही है. इसी क्रम में राज्य सरकार, साहसिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए भी नए-नए तरीके अपना रही है. ताकि राज्य के भीतर साहसिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके. ऐसे में अब राज्य के भीतर साहसिक पर्यटन को बढ़ावा दिए जाने को लेकर पर्यटन विभाग ने एक अलग साहसिक विंग बनाया है. इस साहसिक विंग में रिटायर्ड कर्नल रैंक के अधिकारी के साथ ही कई विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है.
विशेषज्ञ प्रदेश के भीतर साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रोडमैप तैयार करेंगे. उत्तराखंड राज्य में जो मौजूदा एस्टेब्लिश ट्रैक रूट हैं वो बुग्यालों से होकर जाते हैं. इन बुग्यालों पर लंबे समय से पारंपरिक तरीके से कैंपिंग होती रही है. यह ट्रैकिंग 2 से 3 दिनों की होती थी, जिसके चलते ट्रैकर्स को बुग्यालों में ही रुकना पड़ता था. हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने बुग्यालों में कैंपिंग और ट्रैकिंग बंद कर दी थी. ऐसे में उत्तराखंड में आने वाले ट्रैकर्स और उससे जुड़े व्यापारियों को दिक्कत ना हो इसके लिए पर्यटन विभाग अन्य विकल्प की तलाश कर रहा है.
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पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि नए ट्रैकिंग रूट को डेवलप करने को लेकर उत्तराखंड टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड के अंतर्गत एक नया साहसिक विंग बनाया गया है. इसमें एडिशनल सीईओ कर्नल रैंक के अधिकारी के होंगे. साथ ही इस विंग में तमाम एक्सपर्ट को भी शामिल किया गया है, जो प्रदेश की सभी साहसिक गतिविधियों को देखेंगे. साथ ही उच्च हिमालई क्षेत्रों में नए ट्रैकिंग रूट्स को चिन्हित करेंगे जिन रूटों पर बुग्याल नहीं है. इसके साथ ही सभी साहसिक गतिविधियों को नियोजित करने के लिए रणनीति बनाई जा रही है, ताकि साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में आने वाले अवरोध को खत्म किया जा सके.