देहरादून: होली से पहले मिलावटखोरों ने खाद्य सामग्रियों और होली के रंगों में जमकर मिलावट की है. स्पेक्स यानी सोसायटी ऑफ पॉल्यूशन एन्ड एनवायरमेंटल कंजर्वेशन के साइंटिस्टों ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों से खाद्य सामग्रियों और रंगों के नमूने की जांच प्रयोगशाला भेजा में की. जहां खाद्य सामग्रियों मे जमकर मिलावट पाई गयी साथ रंगों में हर्बल व प्राकृतिक रंगों के नाम पर अधिकतर में घातक रसायन पाए गए हैं.
स्पेक्स के संस्थापक डॉ. बृजभूषण के मुताबिक देहरादून के विभिन्न क्षेत्रों से लिए गए खाद्य सामग्रियों के नमूनों को स्पेक्स ने प्रयोगशाला में परीक्षण किया है. जिनमें से अधिकतर सैंपल फेल पाए गए. खाद्य पदार्थों से लेकर रंगों में जमकर मिलावट की गई है. जिसकी रिपोर्ट शासन प्रशासन को भी प्रदान की जाती है. यह प्रयोगशाला विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार ने स्पेक्स को प्रदान की है.
स्पेक्स संस्था ने 27 फरवरी से लेकर 5 मार्च तक देहरादून के धामा वाला, पटेल नगर ,माजरा, सहारनपुर चौक, हनुमान चौक, कांवली रोड, पलटन बाजार ,पंडितवारी, प्रेम नगर, किशन नगर और डाकरा, करनपुर, नालापानी रोड, सहस्त्रधारा रोड, रायपुर ,जाखन और राजपुर क्षेत्रों से होली के विभिन्न रंगों के 50 नमूने और 240 खाद्य पदार्थों के नमूने एकत्रित कर स्पेक्स प्रयोगशाला में परीक्षण किया. परीक्षण में पाया गया की रंगों में काफी मात्रा में मिलावट की गई है. जिसके प्रयोग से त्वचा रोग, आंखों में जलन, अंधापन, कैंसर जैसी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है.
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स्पेक्स ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों से दूध, मावा ,पनीर ,सरसों और रिफाइन ऑयल, मिल्क केक, बर्फी गुजिया, बत्तीसा, गुलाब जामुन आदि के 240 नमूने एकत्रित किए. परीक्षण में पाया गया कि इन खाद्य सामग्रियों में 82.5 प्रतिशत मिलावट है. मिलावट का आलम यह रहा कि दूध के 20 नमूनों में से 14 नमूनों में सोडा, सूखा दूध, आरारोट, फॉर्मलीन, यूरिया आदि की 70 प्रतिशत मिलावट पाई गई. मावा के 40 नमूनों में से 38 नमूनों में सूखा दूध ,आलू का पाउडर, आरारोट, बटर ऑयल आदि की 95 प्रतिशत मिलावट पाई गई. यही हाल रिफाइंड और सरसों का तेल का रहा जिसमें तेल के 30 नमूनों में से 28 नमूनों मे मोबिल ऑयल (रिफायड,लेड,क्रोमेट) 93 प्रतिशत की मिलावट सामने आयी है.
स्पेक्स के संस्थापक डॉ. बृजभूषण ने लोगों को सावधानियां बरतनी की सलाह देते हुए कहा कि होली के दिन सुबह ही अपने शरीर पर नारियल का तेल या क्रीम जरूर लगा लें ताकि रासायनिक रंगों से बचा सके. क्योंकि यह रंग के टॉक्सिंस को त्वचा में जाने से रोकेगा और बालों को धोने में भी आसानी होगी. उन्होंने कहा कि घर पर ही प्राकृतिक रंग बनाकर होली मनाई जा सकती है. मेहंदी को आंवले के साथ मिलाकर भूरा रंग बनेगा ,सुखी मेहंदी आपके चेहरे पर रंग नहीं छोड़ेगी और गुलाल के स्थान पर इस्तेमाल की जा सकेगी.