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कंडी मार्ग पर कोर्ट को जवाब देने के लिए सरकार का होमवर्क तेज - Forest Department Uttarakhand

गौर हो कि लालढांग-चिल्लरखाल मार्ग पर लगी रोक को हटवाने के लिए वन महकमे ने प्रयास तेज कर दिए हैं. इस कड़ी में अधिकारी कोर्ट को जवाब देने के लिए होमवर्क कर रहे हैं.

मीडिया से बात करते वन मंत्री हरक सिंह रावत.
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Published : Jun 28, 2019, 2:56 PM IST

देहरादून: कंडी रोड उत्तराखंड सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार है. कंडी मार्ग के अंतर्गत लालढांग-चिल्लरखाल मार्ग पर सुप्रीम कोर्ट की रोक से वन महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. कोर्ट के आदेश के बाद वन महकमा और शासन के बड़े अधिकारी कोर्ट को 3 हफ्तों में जवाब देने के लिए होमवर्क करने में जुटे हुए हैं.

मीडिया से बात करते वन मंत्री हरक सिंह रावत.

गौर हो कि लालढांग-चिल्लरखाल मार्ग पर लगी रोक को हटवाने के लिए वन महकमे ने प्रयास तेज कर दिए हैं. इस कड़ी में अधिकारी कोर्ट को जवाब देने के लिए होमवर्क कर रहे हैं. वन मंत्री हरक सिंह ने भरोसा जताया कि जल्द से जल्द रोक को कोर्ट हटा देगा. गढ़वाल और कुमाऊं को जोड़ने वाले कंडी मार्ग के अंतर्गत लालढांग-चिल्लरखाल मार्ग का निर्माण खटाई में पढ़ता दिख रहा है. कोर्ट के आदेश ने शासन-प्रशासन के अधिकारियों की नींद उड़ा दी है.

एक तरफ वन मंत्री इस मार्ग के निर्माण को लेकर पुरजोर कोशिशों में जुटे हैं तो दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट द्वारा मार्ग के निर्माण में रोक लगाए जाने के बाद फिलहाल सरकार मार्ग को लेकर जवाब देने के लिए होमवर्क करने में जुटी है. बता दें कि 21 जून को सुप्रीम कोर्ट ने वन संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन मानते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 3 हफ्ते में जवाब मांगा था.

इसके बाद शासन स्तर पर कोर्ट को जवाब देने के लिए वन महकमे को आदेशित किया गया था. ऐसे में आप सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पक्ष रखने के लिए वन महकमा लगातार कोशिशों में जुटा है और कोर्ट में जवाब देने के लिए होमवर्क कर रहा है.

देहरादून: कंडी रोड उत्तराखंड सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार है. कंडी मार्ग के अंतर्गत लालढांग-चिल्लरखाल मार्ग पर सुप्रीम कोर्ट की रोक से वन महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. कोर्ट के आदेश के बाद वन महकमा और शासन के बड़े अधिकारी कोर्ट को 3 हफ्तों में जवाब देने के लिए होमवर्क करने में जुटे हुए हैं.

मीडिया से बात करते वन मंत्री हरक सिंह रावत.

गौर हो कि लालढांग-चिल्लरखाल मार्ग पर लगी रोक को हटवाने के लिए वन महकमे ने प्रयास तेज कर दिए हैं. इस कड़ी में अधिकारी कोर्ट को जवाब देने के लिए होमवर्क कर रहे हैं. वन मंत्री हरक सिंह ने भरोसा जताया कि जल्द से जल्द रोक को कोर्ट हटा देगा. गढ़वाल और कुमाऊं को जोड़ने वाले कंडी मार्ग के अंतर्गत लालढांग-चिल्लरखाल मार्ग का निर्माण खटाई में पढ़ता दिख रहा है. कोर्ट के आदेश ने शासन-प्रशासन के अधिकारियों की नींद उड़ा दी है.

एक तरफ वन मंत्री इस मार्ग के निर्माण को लेकर पुरजोर कोशिशों में जुटे हैं तो दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट द्वारा मार्ग के निर्माण में रोक लगाए जाने के बाद फिलहाल सरकार मार्ग को लेकर जवाब देने के लिए होमवर्क करने में जुटी है. बता दें कि 21 जून को सुप्रीम कोर्ट ने वन संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन मानते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 3 हफ्ते में जवाब मांगा था.

इसके बाद शासन स्तर पर कोर्ट को जवाब देने के लिए वन महकमे को आदेशित किया गया था. ऐसे में आप सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पक्ष रखने के लिए वन महकमा लगातार कोशिशों में जुटा है और कोर्ट में जवाब देने के लिए होमवर्क कर रहा है.

Intro:summary- कंडी मार्ग के अंतर्गत लालढांग-चिल्लरखाल मार्ग पर सुप्रीम कोर्ट की रोक से वन महकमे में हड़कंप मचा हुआ है.. कोर्ट के आदेश आने के बाद वन महकमा और शासन के बड़े अधिकारी कोर्ट को 3 हफ्तों में जवाब देने के लिए होमवर्क कर रहे हैं।


लालढांग-चिल्लरखाल मार्ग पर लगी रोक को हटवाने के लिए वन महकमे ने प्रयास तेज कर दिए हैं...इस कड़ी में अधिकारी कोर्ट को जवाब देने के लिए होमवर्क कर रहे हैं। वन मंत्री हरक सिंह ने भरोसा जताया कि जल्द से जल्द रोक को कोर्ट हटा देगा।


Body:गढ़वाल और कुमाऊं को जोड़ने वाले कंडी मार्ग के अंतर्गत लालढांग-चिल्लरखाल मार्ग का निर्माण खटाई में है... एक तरफ वन मंत्री इस मार्ग के निर्माण को लेकर पुरजोर कोशिशों में जुटे हैं तो दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट द्वारा मार्ग के निर्माण में रोक लगाए जाने के बाद फिलहाल सरकार मार्ग को लेकर जवाब देने के लिए होमवर्क करने में जुटी है।
आपको बता दें कि 21 जून को सुप्रीम कोर्ट ने वन संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन मानते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 3 हफ्ते में जवाब मांगा था इसके बाद शासन स्तर पर कोर्ट को जवाब देने के लिए वन महकमे को आदेशित किया गया था। ऐसे में आप सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पक्ष रखने के लिए वन महकमा लगातार कोशिशों में जुटा है और कोर्ट में जवाब देने के लिए होमवर्क किया जा रहा है।

बाइट हरक सिंह रावत वन मंत्री उत्तराखंड


Conclusion:यूं तो मार्ग के निर्माण पर कॉर्बेट क्षेत्र होने के चलते दिक्कतें पेश आ रही है और कोर्ट की तरफ से भी इस पर जवाब मांगा गया है लेकिन वन मंत्री को यह उम्मीद है कि राज्य की जनता की सहूलियत को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट जल्द जवाब के बाद रोक को हटा लेगा।
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