अलवर/देहरादून: किशनगढ़बास क्षेत्र के खैरथल में बाबा रामदेव की पतंजलि ब्रांड (Patanjali Brand) के नाम से सरसों के तेल की पैकिंग किये जाने की सूचना के बाद प्रशासन ने सिंघानिया आयल मिल पर छापामार कर फैक्ट्री को सीज कर दिया है. फैक्ट्री में पतंजलि की भारी मात्रा में पैकिंग सामग्री बरामद की गई है. पतंजलि के नाम पर मिलावटी सरसों तेल सप्लाई करने के आरोप में आज जिला प्रशासन ने खैरथल में इस्माइलपुर रोड़ पर औधोगिक क्षेत्र में स्थित सिंघानिया आयल मिल पर छापा मारकर उसे सील कर दिया है.
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बताया जा रहा है कि खैरथल से इस फैक्ट्री से भारी मात्रा में सरसों का तेल बाबा रामदेव की कम्पनी पतंजलि को जाता है. पतंजलि इस तेल पर अपना ठप्पा लगाकर बाजार में बेचती है. इस शिकायत के आधार पर जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अलवर के उपखण्ड अधिकारी योगेश डागुर के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है.
जिला कलेक्टर को सूचना मिली कि खैरथल स्थित सिंघानिया आयल मिल में पतंजलि से सम्बंधित सरसों तेल की बोतलें एवं रैपर आदि पड़े हुए हैं. इस उपखण्ड अधिकारी डागुर ने किशनगढ़बांस के एसडीओ मुकुट चौधरी को अवगत कराया. चौधरी के नेतृत्व में रात 9 बजे पुलिस जाब्ते के साथ सिंघानिया आयल मिल पर छापा मारा गया. मिल के अंदर मशीन में लिपटे हुए पतंजलि के पैकिंग रैपर, बोतल तथा अन्य कई प्रकार की सामग्री बरामद हुई. एसडीओ चौधरी के निर्देश पर मिल को सील कर दिया है तथा पुलिस का पहरा लगा दिया गया है. इस घटना के बाद आयल मिल वालों में हड़कंप मच गया है. पुलिस और प्रशासन मामले की जांच में जुट गया है.
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खाद्य तेल संगठन पहले ही जता चुके हैं आपत्ति
गौरतलब है कि पतंजलि ब्रांड के सरसों तेल के विज्ञापन पर खाद्य तेल संगठन पहले से ही आपत्ति जता चुका है. दरअसल, पंतजलि के सरसों तेल के एक विज्ञापन में यह दिखाया जाता है कि पंतजलि छोड़ बाकी सभी कंपनियों के कच्ची घानी तेल में मिलावट है. इस विज्ञापन पर खाद्य तेल संगठन ने अपनी आपत्ति जताई थी.
हालांकि अलवर में हुई कार्रवाई से इस आपत्ति का कोई लेना-देना नहीं है. जिला कलेक्टर को यहां मिलावट की शिकायत मिली थी. जिसके बाद वे खुद इस कार्रवाई के दौरान मौजूद रहे. बताया जा रहा है प्रशासन ने वहां से कुछ रैपर और नमूने एकत्र किए हैं जिनकी जांच करने के बाद ही मिलावट का पता चल पाएगा. प्रशासन ने तब तक के लिए फैक्ट्री को सील कर दिया है.