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अतिक्रमण पर कार्रवाई होता देख महिला हुई बेहोश, स्थानीय लोगों ने प्रशासन से लगा रहे ये गुहार

प्रशासन की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर प्रेमनगर के व्यापारियों का कहना है कि त्योहार का सीजन आने से पहले ही शासन- प्रशासन को अतिक्रमण पर कार्रवाई करने की ही क्यों याद आती है.

प्रशासन की कार्रवाई का लोग कर रहे विरोध.
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Published : Sep 5, 2019, 3:02 PM IST

देहरादून: हाईकोर्ट के आदेश के बाद राजधानी देहरादून में एक बार फिर अतिक्रमण पर दूसरे चरण की कार्रवाई शुरू हो गई है. कैंट इलाके के प्रेमनगर बाजार में अतिक्रमण पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का लोग खुलकर विरोध कर रहे हैं. वहीं प्रशासन की कार्रवाई का खौफ लोगों में इस कदर घर कर गया है कि एक परिवार की महिला बच्चों के साथ रोती- बिलखती हुई बेहोश हो गई. जिसे आनन-फानन में हॉस्पिटल में भर्ती किया गया. वहीं स्थानीय लोग त्योहार का सीजन होने से शासन-प्रशासन से समय की मांग कर रहे हैं.

प्रशासन की कार्रवाई का लोग कर रहे विरोध.

प्रशासन की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर प्रेमनगर के व्यापारियों का कहना है कि त्योहार का सीजन आने से पहले ही शासन- प्रशासन को अतिक्रमण पर कार्रवाई करने की ही क्यों याद आती है. इससे पहले बीते साल भी प्रेम नगर बाजार में अतिक्रमण की जद आने वाली 158 दुकानों को कोर्ट आदेश के बाद ध्वस्त किया गया था.

व्यापारियों का आरोप है कि उस समय भी दीपावली का त्योहार था, जिसमें व्यापारियों का काफी नुकसान उठाना पड़ा था. वहीं हाईकोर्ट के आदेश के बाद राजधानी देहरादून में एक बार फिर दूसरे चरण के तहत अतिक्रमण पर कार्रवाई शुरू हो गई है.

पढ़ें-उत्तराखंड पर्यटन को मिला 'सर्वश्रेष्ठ राज्य साहसिक पर्यटन' अवॉर्ड

जिसका लोग खुलकर विरोध कर रहे हैं. बता दें कि प्रेमनगर बाजार में दर्जनों ऐसी दुकानें हैं जिन्हें लोग आजादी के समय से ही चलाते आ रहे हैं. बताया जाता है कि 1947-48 में भारत- पाकिस्तान बंटवारे के दौरान कई परिवार देहरादून के प्रेम नगर में आकर बस गए थे. जिसके बाद उन्होंने सड़क किनारे अतिक्रमण कर अपनी दुकानों से व्यापार चलाना शुरु किया.

वर्तमान समय में प्रेम नगर सहित देहरादून के तमाम शहरी क्षेत्र में अतिक्रमण अपनी हदें पार कर चुका है. ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन देहरादून से वर्षों पुराने अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई कर रहा है. हालांकि कार्रवाई का पहला चरण 2018 के सितंबर माह तक जिला प्रशासन द्वारा चलाया गया. लेकिन उसके बाद यह कार्रवाई निकाय चुनाव व अन्य कारणों से रोक दी गई थी.

वहीं एक बार फिर हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण पर कार्रवाई का आदेश आने के बाद गुरुवार से प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है. जिसके विरोध में व्यापारी सड़कों पर उतर कर राज्य सरकार से कुछ और समय देने की मांग कर रहे हैं. व्यापारियों की मांग है कि उन्हें राज्य सरकार द्वारा त्योहारी सीजन में 2 माह का समय दिया जाए. ताकि वह साल के अंत में दशहरा दीपावली जैसे मुख्य त्योहार से अपनी रोजी-रोटी चला सके.

देहरादून: हाईकोर्ट के आदेश के बाद राजधानी देहरादून में एक बार फिर अतिक्रमण पर दूसरे चरण की कार्रवाई शुरू हो गई है. कैंट इलाके के प्रेमनगर बाजार में अतिक्रमण पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का लोग खुलकर विरोध कर रहे हैं. वहीं प्रशासन की कार्रवाई का खौफ लोगों में इस कदर घर कर गया है कि एक परिवार की महिला बच्चों के साथ रोती- बिलखती हुई बेहोश हो गई. जिसे आनन-फानन में हॉस्पिटल में भर्ती किया गया. वहीं स्थानीय लोग त्योहार का सीजन होने से शासन-प्रशासन से समय की मांग कर रहे हैं.

प्रशासन की कार्रवाई का लोग कर रहे विरोध.

प्रशासन की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर प्रेमनगर के व्यापारियों का कहना है कि त्योहार का सीजन आने से पहले ही शासन- प्रशासन को अतिक्रमण पर कार्रवाई करने की ही क्यों याद आती है. इससे पहले बीते साल भी प्रेम नगर बाजार में अतिक्रमण की जद आने वाली 158 दुकानों को कोर्ट आदेश के बाद ध्वस्त किया गया था.

व्यापारियों का आरोप है कि उस समय भी दीपावली का त्योहार था, जिसमें व्यापारियों का काफी नुकसान उठाना पड़ा था. वहीं हाईकोर्ट के आदेश के बाद राजधानी देहरादून में एक बार फिर दूसरे चरण के तहत अतिक्रमण पर कार्रवाई शुरू हो गई है.

पढ़ें-उत्तराखंड पर्यटन को मिला 'सर्वश्रेष्ठ राज्य साहसिक पर्यटन' अवॉर्ड

जिसका लोग खुलकर विरोध कर रहे हैं. बता दें कि प्रेमनगर बाजार में दर्जनों ऐसी दुकानें हैं जिन्हें लोग आजादी के समय से ही चलाते आ रहे हैं. बताया जाता है कि 1947-48 में भारत- पाकिस्तान बंटवारे के दौरान कई परिवार देहरादून के प्रेम नगर में आकर बस गए थे. जिसके बाद उन्होंने सड़क किनारे अतिक्रमण कर अपनी दुकानों से व्यापार चलाना शुरु किया.

वर्तमान समय में प्रेम नगर सहित देहरादून के तमाम शहरी क्षेत्र में अतिक्रमण अपनी हदें पार कर चुका है. ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन देहरादून से वर्षों पुराने अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई कर रहा है. हालांकि कार्रवाई का पहला चरण 2018 के सितंबर माह तक जिला प्रशासन द्वारा चलाया गया. लेकिन उसके बाद यह कार्रवाई निकाय चुनाव व अन्य कारणों से रोक दी गई थी.

वहीं एक बार फिर हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण पर कार्रवाई का आदेश आने के बाद गुरुवार से प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है. जिसके विरोध में व्यापारी सड़कों पर उतर कर राज्य सरकार से कुछ और समय देने की मांग कर रहे हैं. व्यापारियों की मांग है कि उन्हें राज्य सरकार द्वारा त्योहारी सीजन में 2 माह का समय दिया जाए. ताकि वह साल के अंत में दशहरा दीपावली जैसे मुख्य त्योहार से अपनी रोजी-रोटी चला सके.

Intro:summary-अतिक्रमण ध्वस्तीकरण के विरोध में प्रेमनगर व्यापारी सड़क पर, कार्रवाई के विरोध में रोती बिलखती एक महिला हुई बेहोश, त्योहारी सीजन में अतिक्रमण पर कार्रवाई होने से नाराज व्यापार।

देश बटवारें के समय प्रेम नगर में आकर बसे रिफ्यूजी लोग

उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश अनुसार उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक बार फिर दूसरे चरण के तहत अतिक्रमण पर कार्रवाई शुरू हो गई है। केंट इलाकें के प्रेमनगर बाजार में अतिक्रमण पर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही बाजार के आक्रोशित व्यापारी सड़क पर करवाई का विरोध कर रहे है। इस बीच कार्रवाई के डर से एक परिवार की महिला बच्चों के साथ रोती बिलखती हुई बेहोश हो गई जिसे उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया गया।
प्रशासन द्वारा ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के विरोध में प्रेमनगर व्यापारियों का कहना है कि त्योहारी सीजन आने से पहले ही शासन प्रशासन को अतिक्रमण पर कार्रवाई करने की ही क्यों याद आती हैं। इससे पहले भी सितंबर दो हजार अट्ठारह में प्रेम नगर बाजार में अतिक्रमण की जद आने वाली 158 दुकानों को कोर्ट आदेश के बाद ध्वस्त किया गया था। व्यापारियों का आरोप है कि उस समय भी दिवाली दशहरा जैसे महत्वपूर्ण त्यौहार में व्यापारियों को बड़ा नुकसान हुआ जिसके चलते उनका व्यापार खत्म हो गया।






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बता दे कि प्रेमनगर बाजार में नेशनल हाईवे के क्षेत्र में आने वाली दर्जनों ऐसी दुकान है जो देश आज़ादी के बाद वर्ष 1947-48 से लोगों के द्वारा अतिक्रमण कर चलाई जा रही है। जानकारी के मुताबिक 1947-48 में हिंदुस्तान पाकिस्तान बटवारे के दौरान रिफ्यूजी लोग देहरादून के प्रेम नगर में आकर बसे जिसके बाद उन्होंने सड़क किनारे अतिक्रमण कर अपनी दुकानों से व्यापार चलाना शुरु किया। उधर वर्तमान समय में प्रेम नगर सहित देहरादून के तमाम शहरी क्षेत्र में अतिक्रमण अपनी हदें पार कर चुका है ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश के बाद उत्तराखंड शासन प्रशासन देहरादून से वर्षों पुरानी अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही में जुटा है हालांकि कार्रवाई का पहला चरण 2018 के सितंबर माह तक जिला प्रशासन द्वारा चलाया गया लेकिन उसके बाद यह कार्रवाई निकाय चुनाव व अन्य कारणों से रोक दी गई उधर एक बार फिर हाईकोर्ट के आदेश अनुसार अतिक्रमण पर कार्रवाई के लिए आदेश आने के बाद गुरुवार से कार्रवाई का दूसरा चरण प्रेम नगर से शुरू हो रहा है जिसके विरोध में व्यापारी सड़कों पर उतर कर राज्य सरकार से कुछ और समय का मोहलत मांग रहे हैं।

अतिक्रमण के विरोध में सड़क पर आए व्यापारियों की मांग है कि उन्हें राज्य सरकार द्वारा त्योहारी सीजन में 2 माह का समय दिया जाए ताकि वह साल के अंत में दशहरा दीपावली जैसे मुख्य त्योहार से अपनी रोजी-रोटी चला सके।

बाईट- संजीव पुंज, व्यापारी नेता


Conclusion:उधर अतिक्रमण पर कार्रवाई के दूसरे चरण शुरू होने से पहले प्रेम नगर थाने में जिला प्रशासन सहित पुलिस के आला अधिकारी एकत्र हुए और अभियान को शुरू करने से पहले तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए रणनीति तैयार करने में जुटे हैं।
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