ऋषिकेश: तीर्थ नगरी की विकास के लिए शासन से अधिक बजट की मांग कर रहे ऋषिकेश नगर निगम को फिलहाल कोई राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है. शासन ने नगर निगम को अपने आय के स्रोत बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. मुख्य रूप से शहर में कमर्शियल टैक्स कलेक्शन जल्द से जल्द शुरू करने और हाउस टैक्स का कलेक्शन बढ़ाने के निर्देश दिए हैं.
अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन आज ऋषिकेश पहुंचे. उन्होंने नगर निगम के सभागार में निकाय अधिकारियों और शहरी निदेशालय के अधिकारियों के साथ बैठक की. अपर मुख्य सचिव ने सबसे पहले नगर निगम के अधिकारियों से आय और व्यय का ब्यौरा पूछा. इस दौरान कमर्शियल टैक्स की वसूली शून्य होने पर उन्होंने अपनी नाराजगी जताई. हाउस टैक्स की वसूली कम होने पर भी अपर मुख्य सचिव नाराज होते हुए दिखाई दिए.
नगर आयुक्त ने कम बजट की वजह से क्षेत्र में विकास कार्य बाधित होने की समस्या अपर मुख्य सचिव को बताई. जिस पर उन्होंने विकास कार्यों का ब्यौरा बनाकर शासन को रिपोर्ट भेजने के लिए कहा. बैठक के बाद बजट बढ़ाए जाने की मांग को लेकर पार्षदों ने भी अपर मुख्य सचिव से मुलाकात की. अपर मुख्य सचिव ने दो टूक में पार्षदों को समझाया कि बजट राज्य वित्त आयोग के विभिन्न मानकों के आधार पर निकायों को दिया जाता है. इसलिए नगर निगम को अपने मानक ज्यादा से ज्यादा पूरा करने और अपनी इनकम के स्रोत बढ़ाने पर जोर देना चाहिए.
ये भी पढ़ें: ऋतु खंडूड़ी ने ली कोटद्वार नगर निगम की बैठक, मॉनसून को लेकर व्यवस्था बनाने के दिये निर्देश
अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने बताया कि नगर निगम ऋषिकेश की ओर से बजट को लेकर कुछ इश्यू सामने आए है. इसलिए नगर निगम के आय और व्यय को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की गई. इस दौरान नगर निगम को अपनी आय बढ़ाने के संदर्भ में निर्देशित किया गया है. जो भी विकास कार्य नगर निगम क्षेत्र में होने हैं, उसका ब्यौरा भी बनाकर रिपोर्ट शासन को भेजने के लिए कहा गया है.
बैठक के बाद अपर मुख्य सचिव ने नगर निगम ने ही मेयर अनीता ममगाई के साथ मुलाकात की. इस दौरान बजट बढ़ाए जाने की मांग फिर से मेयर और पार्षदों ने अपर मुख्य सचिव के सामने रखी. अपर मुख्य सचिव ने बजट को लेकर पूर्ण सहयोग देने का भरोसा मेयर को दिया है.