देहरादूनः उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियां जोरों पर है. आगामी 8 और 9 दिसंबर को यह मेगा इवेंट होने जा रहा है. इसी कड़ी अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इन्वेस्टर्स समिट के लिए किए गए 500 करोड़ रुपए से ज्यादा के एमओयू की ग्राउंडिंग की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने निवेशकों के भूमि एवं आवास संबंधित मामलों के त्वरित क्लीयरेंस के लिए गढ़वाल और कुमाऊं कमिश्वर को नोडल बनाने को कहा. साथ ही हर इन्वेस्टमेंट प्रोजेक्ट के फॉलोअप के लिए एक-एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करने के निर्देश दिए.
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अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने आज उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हेतु किए गए 500 करोड़ रूपये या उससे अधिक के 25 विभिन्न एमओयू की ग्राउण्डिग की समीक्षा की। pic.twitter.com/OXhf78T2QJ
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उत्तराखंड की अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निवेशकों के भूमि एवं आवास संबंधित मामलों के त्वरित क्लीयरेंस के लिए गढ़वाल और कुमाऊं आयुक्त को नोडल बनाने के निर्देश दिए हैं. इसके तहत गढ़वाल और कुमाऊं कमिश्नर लैंड क्लीयरेंस संबंधित मामलों की नियमित समीक्षा के साथ ही हर 15 दिन में इसकी रिपोर्ट अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री को देंगे. इसके साथ ही उन्होंने फॉरेस्ट एवं पॉल्यूशन क्लीयरेंस संबंधित मामलों के लिए प्रमुख सचिव वन और फायर क्लीयरेंस के लिए डीआईजी फायर को नोडल बनाने के निर्देश जारी किए हैं.
एसीएस राधा रतूड़ी ने हर इन्वेस्टमेंट प्रोजेक्ट के फॉलोअप के लिए एक-एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति के भी आदेश दिए हैं. यह नोडल अधिकारी उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए किए गए एमओयू के तहत हर प्रोजेक्ट का पटवारी स्तर से सचिव स्तर तक विभिन्न स्तरों के साथ विभागों में त्वरित क्लीयरेंस को सुनिश्चित करेंगे. आगामी 30 नवंबर को विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारियों के लिए एक इन्वेस्टमेंट ट्रैकिंग पोर्टल वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा. एसीएस रतूड़ी ने कहा कि सीएम धामी के विजन के अनुरूप इन्वेस्टर्स समिट से पहले सभी एमओयू की शत प्रतिशत ग्राउंडिंग की चुनौती का सामना सभी विभागों को कलेक्टिव ओनरशिप के साथ करना होगा.
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अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि उत्तराखंड सरकार एवं विभिन्न कंपनियों के बीच अभी तक 500 करोड़ से ज्यादा के 25 एमओयू किए जा चुके हैं. जिसमें 50 फीसदी से ज्यादा एमओयू पयर्टन के क्षेत्र में किए गए हैं. लिहाजा, एसीएस राधा रतूड़ी ने पर्यटन विभाग को ज्यादा सक्रियता के साथ प्रोजेक्ट्स की ग्राउंडिंग पर काम करने की हिदायत दी है. उन्होंने सभी विभागों को नसीहत दी है कि किसी भी प्रोजेक्ट्स पर एमओयू होने के बाद से ग्राउंडिंग के लिए हर दिन बेहद कीमती हैं. इसलिए सभी संबंधित अधिकारी सरकारी कार्यशैली की जगह कॉरपोरेट कार्यशैली को अपनाते हुए प्रोजेक्ट्स की ग्राउंडिंग पर मिशन मोड पर काम करें.
उन्होंने विभागों को एमओयू की शत प्रतिशत ग्राउंडिंग के लिए अलग-अलग रहकर काम करने स्थान पर कलेक्टिव ओनरशिप के साथ कार्य करने की हिदायत दी है. उन्होंने कहा कि विभागों को आइसोलेशन में काम करने की कार्य संस्कृति को समाप्त करना होगा. इन्वेस्टमेंट प्रोजेक्ट्स की ग्राउंडिंग के लिए प्रत्येक स्तर पर फास्ट ट्रैक पर निर्णय लेने के निर्देश भी दिए. वहीं, स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए एमओयू की प्रभावी ग्राउंडिंग से उत्तराखंड को मेडिकल टूरिज्म हब के रूप में विकसित करने की संभावनाएं बढ़ेगी.
वहीं, बैठक में अपर मुख्य सचिव ने परिवहन विभाग को पब्लिक ट्रांसपोर्ट और इलेक्ट्रिक बसों के क्षेत्र में रुचि दिखाने वाले निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि खासकर देहरादून जैसे भीड़ वाले शहरों में ट्रैफिक की समस्या के स्थायी समाधान के लिए पब्लिक टांसपोर्ट सिस्टम को मजबूत करना जरूरी है. उन्होंने परिवहन विभाग को राज्य के निवासियों और महिलाओं को ही ई रिक्शा के आवंटन की संभावनाओं के आकलन के निर्देश दिए हैं.
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