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अफसरों को बार-बार याद दिलाना पड़ रहा उनका काम, ACS आनंद वर्धन ने फिर बजट पर कही ये बात

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Published : Jun 8, 2023, 9:47 PM IST

उत्तराखंड में अधिकारियों की याददाश्त कमजोर हो गई है या फिर वो अपनी जिम्मेदारी भूल गए हैं. ऐसा न होता तो शासन के बड़े अधिकारियों को बार-बार एक ही बात नहीं दोहरानी पड़ती. अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद वर्धन ने आज तमाम विभागों को पूंजीगत परिव्यय में वृद्धि करने के निर्देश दिए और इसके लिए हर महीने का लक्ष्य तय करने को भी कहा.

ACS Finance Anand Vardhan Held Meeting
अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद वर्धन

देहरादूनः वैसे तो उत्तराखंड में बजट की कमी के कारण तमाम योजनाओं के अधर में लटकने की बात कही जाती रही है, लेकिन इसी का दूसरा पहलू ये भी है कि तमाम विभाग अपने बजट को खर्च करने में भी उदासीन दिखाई देते हैं. अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद वर्धन ने आज अधिकारियों की बैठक लेते हुए बजट खर्च को लेकर अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारी की याद दिलाई. हैरानी की बात ये है कि इससे पहले भी विभागों को समय से बजट खर्च करने पर मुख्य सचिव से लेकर तमाम दूसरे अधिकारी निर्देश देते रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद आज फिर अपर मुख्य सचिव वित्त को पूंजीगत परिव्यय के लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश देने पड़े.

अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद वर्धन विभागीय अधिकारियों को सितंबर महीने तक 50% व्यय के लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश दिए हैं. इतना ही नहीं उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि पूंजीगत परिवार की नियमित समीक्षा के जरिए अधिकारियों के कार्यों को भी देखा जाएगा. इस लिहाज से निर्देशों का कितना पालन हुआ? इसकी भी समीक्षा हो सकेगी. खास बात ये है कि हर महीने खर्च का लक्ष्य रखने के लिए भी विभागों को निर्देशित किया गया है.

ACS Finance Anand Vardhan
अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद वर्धन
ये भी पढ़ेंः वित्त विभाग ने जारी किए आंकड़े, पिछले साल के मुकाबले इस बार ज्यादा खर्च किया बजट

बजट खर्च को लेकर अधिकारियों की तरफ से दिए जा रहे निर्देश इसलिए भी चौंकाने वाले हैं. क्योंकि, राज्य में विभिन्न योजनाएं बजट की कमी के कारण कई बार ठंडे बस्ते में चली जाती है. ऐसे में पूंजीगत परिव्यय हो या दूसरे कार्य जिनके लिए बजट स्वीकृत किया गया है, उसमें भी बजट खर्च के लिए विभागों को बार-बार कहना पड़े तो यह हैरानी की ही बात है.

बहरहाल, एसीएस आनंद वर्धन ने तो विभागों को उनकी जिम्मेदारी याद दिला दी है और उम्मीद की है कि पूंजीगत परिव्यय में भी सुधार लाया जाएगा. इस बैठक में करीब 16 विभाग के अधिकारी मौजूद रहे. इसमें खासतौर पर कृषि, पशुपालन, न्याय, मत्स्य, गन्ना विकास, राजस्व, पंचायती राज, वित्त विभाग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और पुलिस विभाग के अधिकारी शामिल रहे.
ये भी पढ़ेंः बजट खर्च में फिसड्डी विभागों से सीएम नाराज, राजस्व बढ़ाने के लिए दिया ये नुस्खा

देहरादूनः वैसे तो उत्तराखंड में बजट की कमी के कारण तमाम योजनाओं के अधर में लटकने की बात कही जाती रही है, लेकिन इसी का दूसरा पहलू ये भी है कि तमाम विभाग अपने बजट को खर्च करने में भी उदासीन दिखाई देते हैं. अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद वर्धन ने आज अधिकारियों की बैठक लेते हुए बजट खर्च को लेकर अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारी की याद दिलाई. हैरानी की बात ये है कि इससे पहले भी विभागों को समय से बजट खर्च करने पर मुख्य सचिव से लेकर तमाम दूसरे अधिकारी निर्देश देते रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद आज फिर अपर मुख्य सचिव वित्त को पूंजीगत परिव्यय के लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश देने पड़े.

अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद वर्धन विभागीय अधिकारियों को सितंबर महीने तक 50% व्यय के लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश दिए हैं. इतना ही नहीं उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि पूंजीगत परिवार की नियमित समीक्षा के जरिए अधिकारियों के कार्यों को भी देखा जाएगा. इस लिहाज से निर्देशों का कितना पालन हुआ? इसकी भी समीक्षा हो सकेगी. खास बात ये है कि हर महीने खर्च का लक्ष्य रखने के लिए भी विभागों को निर्देशित किया गया है.

ACS Finance Anand Vardhan
अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद वर्धन
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बजट खर्च को लेकर अधिकारियों की तरफ से दिए जा रहे निर्देश इसलिए भी चौंकाने वाले हैं. क्योंकि, राज्य में विभिन्न योजनाएं बजट की कमी के कारण कई बार ठंडे बस्ते में चली जाती है. ऐसे में पूंजीगत परिव्यय हो या दूसरे कार्य जिनके लिए बजट स्वीकृत किया गया है, उसमें भी बजट खर्च के लिए विभागों को बार-बार कहना पड़े तो यह हैरानी की ही बात है.

बहरहाल, एसीएस आनंद वर्धन ने तो विभागों को उनकी जिम्मेदारी याद दिला दी है और उम्मीद की है कि पूंजीगत परिव्यय में भी सुधार लाया जाएगा. इस बैठक में करीब 16 विभाग के अधिकारी मौजूद रहे. इसमें खासतौर पर कृषि, पशुपालन, न्याय, मत्स्य, गन्ना विकास, राजस्व, पंचायती राज, वित्त विभाग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और पुलिस विभाग के अधिकारी शामिल रहे.
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