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ACS ने की CM की घोषणाओं की समीक्षा, अफसरों को समय से काम करने के दिए निर्देश

एसीएस आनंद बर्द्धन ने सचिवालय में वन विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग से संबंधित अधिकारियों के साथ सीएम की घोषणा की समीक्षा की. उन्होंने निर्देश दिए कि जिन घोषणाओं/निर्णयों में शासनादेश जारी हो चुका है. उनमें शत-प्रतिशत लाभार्थियों को लाभ अनुमन्य कराते हुए इसकी सूचना मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए.

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Published : Nov 1, 2021, 10:06 PM IST

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देहरादून

देहरादूनः उत्तराखंड सचिवालय में बैठे अधिकारियों के यह हाल है कि मंत्रिमंडल में फैसले होने के बाद भी लंबे समय तक उसके आदेश जारी नहीं होते, स्थिति यह है कि कई बार अधिकारियों को विभिन्न फैसलों की याद दिला कर शासनादेश जल्द करने के निर्देश देने पड़ते हैं. ऐसा ही कुछ समीक्षा बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव की तरफ से भी किया गया. अधिकारियों को समय से कार्य करने के निर्देश दिए गए.

अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सोमवार को सचिवालय में वन विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग से संबंधित मुख्यमंत्री की घोषणाओं की समीक्षा की. उन्होंने निर्देश दिए कि जिन घोषणाओं/निर्णयों में शासनादेश जारी हो चुका है, उनमें शत-प्रतिशत लाभार्थियों को लाभ अनुमन्य कराते हुए इसकी सूचना मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए. घोषणा पोर्टल पर नियमित रूप से सूचनाओं को अपडेट किया जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि विभागीय स्तर पर प्रत्येक घोषणा के संदर्भ में परियोजना के टीएसी की संस्तुति का अनुश्रवण किया जाय एवं टीएसी की संस्तुति के आधार पर विभागीय स्तर पर निविदा इत्यादि आमंत्रित करने की कार्रवाई की जाए, जिससे समय की बचत हो.

एक महीने में खटीमा में डायलिसिस सेंटर का संचालनः अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि मेडिकल कॉलेजों में निशुल्क इलाज का लाभ सभी राज्य आंदोलनकारियों को प्रदान करना सुनिश्चित कराएं तथा गोल्डन कार्ड से संबंधित शासनादेश अविलंब निर्गत किया जाए. इसके साथ ही खटीमा में एक माह में डायलिसिस सेंटर का संचालन सुनिश्चित कराया जाए तथा लालढांग में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सुदृढ़ीकरण हेतु कार्य प्रारंभ किया जाए.

ये भी पढ़ेंः EXCLUSIVE इंटरव्यू में बोले राज्यपाल- टिहरी के विकास कार्यों से प्रभावित, धरातल पर उतरीं विकास योजनाएं

उन्होंने निर्देश दिए कि सोमेश्वर, अल्मोड़ा के अंतर्गत सोमेश्वर हॉस्पिटल को उच्चीकृत किए जाने का शासनादेश 15 दिन के भीतर निर्गत किया जाए. उत्तराखंड राज्य हेतु सकल घरेलू उत्पाद के समान सकल पर्यावरणीय उत्पाद की आंकलन किए जाने संबंधी प्रकरण अविलंब मंत्रिमंडल के अनुमोदनार्थ प्रस्तुत किया जाए. इस घोषणा का क्रियान्वयन पर्यावरण विभाग द्वारा किया जाएगा. उन्होंने निर्देश दिए कि उत्तराकंड के टाइगर रिजर्व, नेशनल पार्क, वन्य जीव अभ्यारण्य, कन्जर्वेशन रिजर्व, नेचर पार्क आदि में 12 वर्ष तक के बच्चों को निशुल्क प्रवेश दिए जाने संबंधी शासनादेश 1 सप्ताह के भीतर निर्गत किया जाए.

ऋषिकेश को वन्य जीवों से सुरक्षा व्यवस्थाः वहीं, उत्तराखंड के लोगों को वनों एवं वन्य जीवों के आर्थिकी से जोड़ने हेतु सीएम यंग-ईका प्रेन्योर स्कीम का प्रस्ताव तत्काल तैयार कर अनमोदनार्थ प्रस्तुत किया जाए. ऋषिकेश विधान सभा के अन्तर्गत गुलदार, हाथी एवं अन्य जानवरों से प्रभावित क्षेत्रों की सुरक्षा हेतु समुचित व्यवस्था की जाए. इसके अलावा विभागीय स्तर पर जिन घोषणाओं एवं परियोजनाओं के आगणन शासन को प्राप्त हो चुके हैं, उनके संदर्भ में एक सप्ताह के अन्दर शासनादेश निर्गत करने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.

देहरादूनः उत्तराखंड सचिवालय में बैठे अधिकारियों के यह हाल है कि मंत्रिमंडल में फैसले होने के बाद भी लंबे समय तक उसके आदेश जारी नहीं होते, स्थिति यह है कि कई बार अधिकारियों को विभिन्न फैसलों की याद दिला कर शासनादेश जल्द करने के निर्देश देने पड़ते हैं. ऐसा ही कुछ समीक्षा बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव की तरफ से भी किया गया. अधिकारियों को समय से कार्य करने के निर्देश दिए गए.

अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सोमवार को सचिवालय में वन विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग से संबंधित मुख्यमंत्री की घोषणाओं की समीक्षा की. उन्होंने निर्देश दिए कि जिन घोषणाओं/निर्णयों में शासनादेश जारी हो चुका है, उनमें शत-प्रतिशत लाभार्थियों को लाभ अनुमन्य कराते हुए इसकी सूचना मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए. घोषणा पोर्टल पर नियमित रूप से सूचनाओं को अपडेट किया जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि विभागीय स्तर पर प्रत्येक घोषणा के संदर्भ में परियोजना के टीएसी की संस्तुति का अनुश्रवण किया जाय एवं टीएसी की संस्तुति के आधार पर विभागीय स्तर पर निविदा इत्यादि आमंत्रित करने की कार्रवाई की जाए, जिससे समय की बचत हो.

एक महीने में खटीमा में डायलिसिस सेंटर का संचालनः अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि मेडिकल कॉलेजों में निशुल्क इलाज का लाभ सभी राज्य आंदोलनकारियों को प्रदान करना सुनिश्चित कराएं तथा गोल्डन कार्ड से संबंधित शासनादेश अविलंब निर्गत किया जाए. इसके साथ ही खटीमा में एक माह में डायलिसिस सेंटर का संचालन सुनिश्चित कराया जाए तथा लालढांग में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सुदृढ़ीकरण हेतु कार्य प्रारंभ किया जाए.

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उन्होंने निर्देश दिए कि सोमेश्वर, अल्मोड़ा के अंतर्गत सोमेश्वर हॉस्पिटल को उच्चीकृत किए जाने का शासनादेश 15 दिन के भीतर निर्गत किया जाए. उत्तराखंड राज्य हेतु सकल घरेलू उत्पाद के समान सकल पर्यावरणीय उत्पाद की आंकलन किए जाने संबंधी प्रकरण अविलंब मंत्रिमंडल के अनुमोदनार्थ प्रस्तुत किया जाए. इस घोषणा का क्रियान्वयन पर्यावरण विभाग द्वारा किया जाएगा. उन्होंने निर्देश दिए कि उत्तराकंड के टाइगर रिजर्व, नेशनल पार्क, वन्य जीव अभ्यारण्य, कन्जर्वेशन रिजर्व, नेचर पार्क आदि में 12 वर्ष तक के बच्चों को निशुल्क प्रवेश दिए जाने संबंधी शासनादेश 1 सप्ताह के भीतर निर्गत किया जाए.

ऋषिकेश को वन्य जीवों से सुरक्षा व्यवस्थाः वहीं, उत्तराखंड के लोगों को वनों एवं वन्य जीवों के आर्थिकी से जोड़ने हेतु सीएम यंग-ईका प्रेन्योर स्कीम का प्रस्ताव तत्काल तैयार कर अनमोदनार्थ प्रस्तुत किया जाए. ऋषिकेश विधान सभा के अन्तर्गत गुलदार, हाथी एवं अन्य जानवरों से प्रभावित क्षेत्रों की सुरक्षा हेतु समुचित व्यवस्था की जाए. इसके अलावा विभागीय स्तर पर जिन घोषणाओं एवं परियोजनाओं के आगणन शासन को प्राप्त हो चुके हैं, उनके संदर्भ में एक सप्ताह के अन्दर शासनादेश निर्गत करने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.

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