देहरादूनः राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में टीबी बीमारी के इलाज के दौरान नाबालिग छात्रा के साथ शारीरिक उत्पीड़न मामले में फरार आरोपी डॉक्टर ने आखिरकार कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. आरोपी डॉक्टर के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के साथ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था.
ये है पूरा मामला: 10वीं में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा के मुताबिक, साल 2021 से उसका इलाज राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय यानी दून अस्पताल के टीबी डॉट्स डिपार्टमेंट में चल रहा था. इसी दौरान 22 फरवरी 2021 को वो चेकअप के लिए संबंधित डॉक्टर के पास गईं. जहां पहले से एक्स-रे और अन्य जांच रिपोर्ट के आधार पर बताया गया कि अब वो पूरी तरह से नॉर्मल है, लेकिन रेगुलर चेकअप के लिए उन्हें बीच-बीच में आना पड़ेगा. ऐसे में 4 मार्च 2022 को जब पीड़िता दून अस्पताल के टीबी डॉट्स डिपार्टमेंट में चेकअप के लिए गई तो वहां नए डॉक्टर अयोध्या प्रसाद मिले.
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नॉर्मल रिपोर्ट के बावजूद टेस्ट कराने को कहा: आरोप है कि पीड़िता का नए सिरे से चेकअप करने के साथ-साथ उससे कहा गया कि उन्हें फिर से अपने एक्स-रे और अन्य टेस्ट कराने होंगे. ऐसे में छात्रा जब नए डॉक्टर के निर्देश के अनुसार पैथोलॉजी डिपार्टमेंट में एक्स-रे और अन्य जांच के लिए पहुंची तो पैथोलॉजी वालों ने जांच करने से इसलिए मना कर दिया, क्योंकि लैब रिकॉर्ड अनुसार कुछ दिन पहले ही छात्रा की सभी रिपोर्ट नॉर्मल आई थी. ऐसे में पीड़िता ने डॉक्टर से सारी बात बताई. इस पर डॉक्टर ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है. जांच में कुछ समस्या है. वो खुद सब करवा लेंगे. आरोप अनुसार इसी तरह टीबी के इलाज के नाम पर डॉक्टर अयोध्या प्रसाद ने उसे गुमराह किया.
चेकअप के बहाने कर रहा था शारीरिक शोषण: आरोप है कि डॉक्टर ने छात्रा को लगातार चेकअप करने के बहाने बुलाया और उसके साथ अश्लील हरकत की. छात्रा ने डॉक्टर के गलत इरादे को समझने के बाद अस्पताल आने से मना कर दिया. आरोप है कि उसके बाद डॉक्टर प्रसाद लगातार उसे डरा-धमका कर अस्पताल आने में मजबूर करने लगे. लेकिन पीड़िता ने आरोपी डॉक्टर से फोन पर साफ मना कर दिया. जिसके बाद भी डॉक्टर मानसिक रूप से लगातार फोन कर छात्रा को परेशान करता रहा.
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वहीं, लंबे समय से शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान पीड़िता और उसके पिता ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया. शहर कोतवाली में एफआईआर (FIR) दर्ज होते ही आरोपी डॉक्टर अयोध्या प्रसाद फरार हो गया था. लेकिन मंगलवार को आरोपी डॉक्टर ने खुद को सरेंडर कर दिया. जहां से उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. कोतवाल विद्या भूषण नेगी ने बताया कि मामले में आरोपी डॉक्टर के खिलाफ पहले से मौजूद साक्ष्य के आधार पर विवेचना की जाएगा और चार्जशीट तैयार करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी.