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ऋषिकेश: मनचलों और नशेड़ियों  का अड्डा बना आस्था पथ, लोगों ने पुलिस से लगाई गुहार

तीर्थनगरी में आस्था पथ देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है. वहीं स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए ये शांति पाने का स्थान है, लेकिन आस्थापथ पर अक्सर मनचलों और असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहने के कारण लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

नशेड़ियों  का अड्डा बना आस्था पथ.
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Published : Mar 17, 2019, 1:56 PM IST

ऋषिकेश: तीर्थनगरी में आस्थापथ मनचलों और असमाजिक तत्वों का केंद्र बनता जा रहा है. मनचलों और नशेड़ियों के लिए तीर्थनगरी का आस्था पथ मनोरंजन का अड्डा बना हुआ है. जिससे देश-विदेश से आने वाले सैलानियों के साथ ही स्थानीय लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं लोगों ने पुलिस प्रशासन से मनचलों ओर नशेड़ियों से निजात दिलाने की मांग की है.

नशेड़ियों का अड्डा बना आस्था पथ

तीर्थनगरी में आस्था पथ देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है. वहीं स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए ये शांति पाने का स्थान है, लेकिन आस्थापथ पर अक्सर मनचलों और असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहने के कारण लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि शाम ढलते ही आस्था पथ पर मनचले और नशेड़ियों का भी जमावड़ा लगने लगता है. जिससे स्थानीय लोगों के साथ ही देश-विदेश से आने वाले सैलानी अपने को असुरक्षित महसूस करते हैं. साथ ही लोगों ने पुलिस प्रशासन से इस क्षेत्र में गश्त तेज करने की मांग की है.

वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि असामाजिक तत्व आस्था पथ को नुकसान पंहुचा रहे हैं. साथ ही चोरों ने आस्थापथ पर बनी रेलिंग को चुरा लिया है.

ऋषिकेश: तीर्थनगरी में आस्थापथ मनचलों और असमाजिक तत्वों का केंद्र बनता जा रहा है. मनचलों और नशेड़ियों के लिए तीर्थनगरी का आस्था पथ मनोरंजन का अड्डा बना हुआ है. जिससे देश-विदेश से आने वाले सैलानियों के साथ ही स्थानीय लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं लोगों ने पुलिस प्रशासन से मनचलों ओर नशेड़ियों से निजात दिलाने की मांग की है.

नशेड़ियों का अड्डा बना आस्था पथ

तीर्थनगरी में आस्था पथ देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है. वहीं स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए ये शांति पाने का स्थान है, लेकिन आस्थापथ पर अक्सर मनचलों और असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहने के कारण लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि शाम ढलते ही आस्था पथ पर मनचले और नशेड़ियों का भी जमावड़ा लगने लगता है. जिससे स्थानीय लोगों के साथ ही देश-विदेश से आने वाले सैलानी अपने को असुरक्षित महसूस करते हैं. साथ ही लोगों ने पुलिस प्रशासन से इस क्षेत्र में गश्त तेज करने की मांग की है.

वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि असामाजिक तत्व आस्था पथ को नुकसान पंहुचा रहे हैं. साथ ही चोरों ने आस्थापथ पर बनी रेलिंग को चुरा लिया है.

Intro:ऋषिकेश--ऋषिकेश का आस्था पथ देश विदेश से आये पर्यटकों और श्रधालुओं के लिए आकर्षण का केन्द्र है लेकिन आस्था पथ पर अक्सर लोगो को मनचलों और नशेड़ियों के कारण परेशानी झेलनी पड़ती है लोगो का कहना है की गंगा के किनारे मनचले और असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है इसलिए आस्था पथ पर पुलिस की नियमित गश्त होनी चाहिए ताकि लोगों की दिक्कतों सामना न करना पड़े।





Body:वी/ओ ---ये है आस्था पथ जंहा देश विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए ये आकर्षण का केन्द्र है साथ ही स्थानीय श्रधालुओं के लिए ये शांति पाने का स्थान है लेकिन आस्थापथ पर अक्सर मनचलों और असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है जिससे लोगो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है शाम के समय यंहा पर बड़ी संख्या में सीनियर सिटिजन भी सैर के लिए आते है लेकिन प्रेमी जोड़ो के कारण उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है स्थानीय लोगो का कहना है की प्रेमी जोड़ों के अलावा शाम ढलते ही यहाँ पर नशा करने वालों का भी जमावड़ा हो जाता है जिस कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है पुलिस को यंहा पर गश्त लगानी चाहिए ताकि श्रधालुओं और यात्रियों को परेशानी का सामना ना करना पड़े।

बाईट--संदीप खुराना(स्थानीय निवासी)


Conclusion:वी/ओ ----आस्थापथ की कुल लम्बाई करीब 4 किलोमीटर है इस आस्थापथ को बड़े खूबसूरत तरीके से बनाया गया है आस्थापथ के किनारे पर लोहे की रेलिंग, थोड़ी थोड़ी दूरी पर लाइट,कुछ दूरी पर छोटे छोटे खूसूरत हट बनाये गए हैं लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों ने आस्था पथ को नुकसान पंहुचा रहे हैं वहीं अब चोरों ने आस्थापथ पर बने रेलिंग को आरी से काट चोरी कर रहे हैं, कई स्थानों पर चोरो ने पूरी रेलिंग ही काट कर ले गए हैं,पुलिस ने कुछ दिनों तक सिर्फ खानापूर्ति करने के लिए गस्त किये थे लेकिन फिर वही ढाक के तीन पात।

वाकथ्रू-विनय पाण्डेय


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