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AAP ने तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- वृक्षारोपण में हुई धांधली

आम आदमी पार्टी के नेता रविंद्र जुगरान ने तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार पर वृक्षारोपण एवं वनाग्नि रोकने के मामले में भष्ट्राचार के आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि इस पायलट प्रोजेक्ट को अपने चेहते को देकर धांधली की गई है.

ravindra jugran
रविंद्र जुगरान
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Published : Mar 23, 2021, 3:41 PM IST

Updated : Mar 23, 2021, 4:11 PM IST

देहरादूनः आम आदमी पार्टी ने तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. आप के नेता रविंद्र जुगरान ने वृक्षारोपण एवं वनाग्नि रोकने के लिए त्रिवेंद्र सिंह रावत पर संबंधित कंपनी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कई सवाल खड़े किए हैं. साथ ही उन्होंने मामले में अनियमितता की जांच कराने की मांग की है.

रविंद्र जुगरान ने लगाए भष्ट्राचार के आरोप.

आम आदमी पार्टी के नेता रविंद्र जुगरान ने कहा कि भारत सरकार ने साल 2019 में वृक्षारोपण और वनाग्नि रोकने के लिए 47,436 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की थी. जिसमें 27 राज्यों में उत्तराखंड राज्य भी शामिल था, इसके तहत आधुनिक तकनीक और सैटेलाइट की मदद से वनों को आग से बचाने समेत कई तकनीक शामिल थी.

उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को लेकर इसलिए चिंता, शंका और अंदेशा है कि जिस प्रकार से पायलट प्रोजेक्ट के लिए कंपनी का चयन किया गया, वह पहली नजर में किसी विशेष कंपनी या समूह पर मेहरबानी करने के उद्देश्य से सभी मानकों को ताक पर रखकर प्रक्रियाएं अपनाई गई, जो कहीं से भी न्यायोचित नहीं है.

ये भी पढ़ेंः जमकर हो रहा सरकारी पैसे का दुरुपयोग, CM के हेलीकॉप्टर से यूपी में घूम रहे BJP के नेता

जुगरान ने आरोप लगाते हुए कहा कि पायलट प्रोजेक्ट को एलॉट करते हुए भारी भरकम बजट को ठिकाने लगाने का ताना-बाना बुना गया है, जिसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने चेताया कि यदि समय रहते जांच नहीं हुई तो उन्हें न्यायालय की शरण में जाने पर मजबूर होना पड़ेगा.

आम आदमी पार्टी ने इस प्रोजेक्ट को लेकर कुछ सवाल उठाए हैं. जिस कंपनी को यह पायलट प्रोजेक्ट अलॉट किया गया, उसके पास इस तरह के कार्यों का कोई भी अनुभव नहीं है और इस कंपनी के मुख्य निदेशक पर साल 2015 में ग्यारह सौ एकड़ की जमीन घोटाले में भ्रष्टाचार के केस चल रहे हैं. ऐसे में कंपनी को 11 फरवरी 2020 को एफएसआई की ओर से पायलट प्रोजेक्ट के लिए सरकारी पत्र कैसे जारी किया गया.

देहरादूनः आम आदमी पार्टी ने तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. आप के नेता रविंद्र जुगरान ने वृक्षारोपण एवं वनाग्नि रोकने के लिए त्रिवेंद्र सिंह रावत पर संबंधित कंपनी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कई सवाल खड़े किए हैं. साथ ही उन्होंने मामले में अनियमितता की जांच कराने की मांग की है.

रविंद्र जुगरान ने लगाए भष्ट्राचार के आरोप.

आम आदमी पार्टी के नेता रविंद्र जुगरान ने कहा कि भारत सरकार ने साल 2019 में वृक्षारोपण और वनाग्नि रोकने के लिए 47,436 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की थी. जिसमें 27 राज्यों में उत्तराखंड राज्य भी शामिल था, इसके तहत आधुनिक तकनीक और सैटेलाइट की मदद से वनों को आग से बचाने समेत कई तकनीक शामिल थी.

उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को लेकर इसलिए चिंता, शंका और अंदेशा है कि जिस प्रकार से पायलट प्रोजेक्ट के लिए कंपनी का चयन किया गया, वह पहली नजर में किसी विशेष कंपनी या समूह पर मेहरबानी करने के उद्देश्य से सभी मानकों को ताक पर रखकर प्रक्रियाएं अपनाई गई, जो कहीं से भी न्यायोचित नहीं है.

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जुगरान ने आरोप लगाते हुए कहा कि पायलट प्रोजेक्ट को एलॉट करते हुए भारी भरकम बजट को ठिकाने लगाने का ताना-बाना बुना गया है, जिसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने चेताया कि यदि समय रहते जांच नहीं हुई तो उन्हें न्यायालय की शरण में जाने पर मजबूर होना पड़ेगा.

आम आदमी पार्टी ने इस प्रोजेक्ट को लेकर कुछ सवाल उठाए हैं. जिस कंपनी को यह पायलट प्रोजेक्ट अलॉट किया गया, उसके पास इस तरह के कार्यों का कोई भी अनुभव नहीं है और इस कंपनी के मुख्य निदेशक पर साल 2015 में ग्यारह सौ एकड़ की जमीन घोटाले में भ्रष्टाचार के केस चल रहे हैं. ऐसे में कंपनी को 11 फरवरी 2020 को एफएसआई की ओर से पायलट प्रोजेक्ट के लिए सरकारी पत्र कैसे जारी किया गया.

Last Updated : Mar 23, 2021, 4:11 PM IST
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