देहरादून: उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के खुद को राज्य में स्थापित करने के प्रयास के बीच अब नया दांव पेच कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच में शुरू हो गया है. उत्तराखंड में भले ही आम आदमी पार्टी फिलहाल भाजपा पर निशाना साधने के लिए अपने तरकस में कई तीर लेकर बैठी हो. लेकिन हकीकत यह है कि इस समय प्रदेश में सबसे ज्यादा द्वंद्व कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच में चल रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह दोनों ही पार्टियां उत्तराखंड में भाजपा की प्रतिद्वंदी होने का भरकस प्रयास कर रही हैं.
राज्य में कांग्रेस साल 2002 के बाद 2012 में सत्ता हासिल कर चुकी हैं. राज्य में इस समय मुख्य विपक्षी पार्टी भी है, लेकिन जिस आक्रामकता के साथ आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड में एंट्री की है. उसके बाद कांग्रेस को भी ये चिंता है कि कहीं दिल्ली की तरह इस राज्य में भी कांग्रेस तीसरे नंबर की पार्टी बनकर न रह जाए. शायद इसीलिए आप कांग्रेस ने अपना रुख आम आदमी पार्टी की तरफ कर दिया है.
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दिल्ली में चुनौती के साथ आम आदमी पार्टी ने भाजपा को पीछे धकेल देते हुए उसे दूसरे नंबर की पार्टी बनाया है. उसके बाद भाजपा भी आम आदमी पार्टी को कमतर नहीं आंक रही है. खास बात यह है कि भाजपा पर विकास को लेकर जो आरोप आम आदमी पार्टी के नेताओं ने लगाए हैं और सोशल मीडिया में जिस तरह का प्रचार-प्रसार हो रहा है. उसके बाद भाजपा भी कतई नहीं चाहती कि आम आदमी पार्टी चुनावी रण में उनके आसपास भी रहे. ऐसे में पार्टी फिलहाल आम आदमी पार्टी को इग्नोर करने की कोशिश में जुटी है. यही नहीं पार्टी के नेता अब भी कांग्रेस को ही दूसरे नंबर की पार्टी मान रहे हैं.