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MSME का दायरा बढ़ने से उद्योग को मिला वरदान, 99 फीसदी उद्योग जुड़े - पंकज गुप्ता

उत्तराखंड में पहले लघु और सूक्ष्म उद्योगों की तादाद 60 हजार और बड़े स्तर के उद्योग की संख्या महज 296 थी, लेकिन एमएसएमई के तहत अब इनकी संख्या 60 हजार 90 हो गई है. राज्य के भीतर एमएसएमई श्रेणी के उद्योग की भागीदारी करीब 99 फीसदी तक हो गई है.

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पंकज गुप्ता
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Published : Jun 3, 2020, 4:54 PM IST

देहरादूनः कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते संकट झेल रहे उद्योगों को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी है. केंद्र सरकार ने एमएसएमई का दायरा भी बढ़ाया है. जिससे अब उत्तराखंड में 99 फीसदी उद्योग एमएसएमई में शामिल हो गए हैं. ऐसे में अब प्रदेश के भीतर बड़े उद्योगों की संख्या काफी कम रह गई है.

गौर हो कि पहले जहां सूक्ष्म, लघु उद्योग श्रेणी का लाभ लेने के लिए 25 लाख रुपये तक निवेश की सीमा थी. जिसे बढ़ाकर अब एक करोड़ कर दिया गया है. हालांकि, राज्य में पहले लघु और सूक्ष्म उद्योगों की तादाद 60 हजार और बड़े स्तर के उद्योग की संख्या महज 296 थी, लेकिन केंद्रीय कैबिनेट की ओर से उद्योग जगत की परिभाषा बदल दिए जाने के बाद अब उत्तराखंड राज्य में लघु और सूक्ष्म उद्योगों की तादाद 60 हजार 90 हो गई है.

ये भी पढ़ेंः कोविड-19 के चलते मई में सेवा गतिविधियों में हुई तेज गिरावट: पीएमआई

इतना ही नहीं बड़े स्तर के उद्योग की संख्या 296 से घटकर अब 206 ही रह गई है. जिसके चलते अब राज्य के भीतर एमएसएमई श्रेणी के उद्योग की भागीदारी करीब 99 फीसदी तक हो गई है. वहीं, इंडस्ट्री एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने बताया की एमएसएमई का दायरा बढ़ाने से अब इन उद्योगों को काफी फायदा मिलेगा. क्योंकि, पहले इन उद्योगों को मात्र 25 लाख के भीतर ही उद्योग चलाने पड़ते थे. जिसकी मुख्य वजह ये थी कि इन उद्योगों को जो लाभ राज्य सरकारों से मिलती थी, उस लाभ को खोना नहीं चाहते थे.

उन्होंने कहा कि यही वजह रही कि ये उद्योग कम पूंजी में ही अपने उद्योग को चलाते रहे. ऐसे में जब अब केंद्र सरकार ने एमएसएमई उद्योग के दायरे को 25 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ कर दिया है. ऐसे में अब यह छोटे उद्योग अपने दायरे को बढ़ाकर अच्छी क्वालिटी का प्रोडक्ट और बड़े स्केल पर तैयार कर सकेंगे और सरकार से मिलने वाला लाभ भी इन्हें मिल पाएगा.

देहरादूनः कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते संकट झेल रहे उद्योगों को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी है. केंद्र सरकार ने एमएसएमई का दायरा भी बढ़ाया है. जिससे अब उत्तराखंड में 99 फीसदी उद्योग एमएसएमई में शामिल हो गए हैं. ऐसे में अब प्रदेश के भीतर बड़े उद्योगों की संख्या काफी कम रह गई है.

गौर हो कि पहले जहां सूक्ष्म, लघु उद्योग श्रेणी का लाभ लेने के लिए 25 लाख रुपये तक निवेश की सीमा थी. जिसे बढ़ाकर अब एक करोड़ कर दिया गया है. हालांकि, राज्य में पहले लघु और सूक्ष्म उद्योगों की तादाद 60 हजार और बड़े स्तर के उद्योग की संख्या महज 296 थी, लेकिन केंद्रीय कैबिनेट की ओर से उद्योग जगत की परिभाषा बदल दिए जाने के बाद अब उत्तराखंड राज्य में लघु और सूक्ष्म उद्योगों की तादाद 60 हजार 90 हो गई है.

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इतना ही नहीं बड़े स्तर के उद्योग की संख्या 296 से घटकर अब 206 ही रह गई है. जिसके चलते अब राज्य के भीतर एमएसएमई श्रेणी के उद्योग की भागीदारी करीब 99 फीसदी तक हो गई है. वहीं, इंडस्ट्री एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने बताया की एमएसएमई का दायरा बढ़ाने से अब इन उद्योगों को काफी फायदा मिलेगा. क्योंकि, पहले इन उद्योगों को मात्र 25 लाख के भीतर ही उद्योग चलाने पड़ते थे. जिसकी मुख्य वजह ये थी कि इन उद्योगों को जो लाभ राज्य सरकारों से मिलती थी, उस लाभ को खोना नहीं चाहते थे.

उन्होंने कहा कि यही वजह रही कि ये उद्योग कम पूंजी में ही अपने उद्योग को चलाते रहे. ऐसे में जब अब केंद्र सरकार ने एमएसएमई उद्योग के दायरे को 25 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ कर दिया है. ऐसे में अब यह छोटे उद्योग अपने दायरे को बढ़ाकर अच्छी क्वालिटी का प्रोडक्ट और बड़े स्केल पर तैयार कर सकेंगे और सरकार से मिलने वाला लाभ भी इन्हें मिल पाएगा.

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