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गूगल में कस्टमर केयर नंबर सर्च कर साइबर फ्रॉड का शिकार हुई महिला, ₹95 हजार की ठगी

साइबर ठगों ने क्लेमनटाउन निवासी मनीषा ऐरी के दो बैंक खातों से 95 हजार रुपए धोखाधड़ी कर डाली. पीड़िता ने साइबर को सेल को इस बात की जानकारी दी. जांच पूरी होने के बाद क्लेमनटाउन पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है.

dehradun cyber fraud
देहरादून साइबर फ्रॉड
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Published : Nov 25, 2021, 12:20 PM IST

Updated : Nov 25, 2021, 1:39 PM IST

देहरादून: थाना क्लेमनटाउन क्षेत्र में साइबर ठगों ने एक महिला के दो बैंक खातों से 95 हजार रुपए की ठगी की है. पीड़ित महिला ने 11 नवंबर को साइबर सेल को इस घटना की जानकारी दी. पीड़िता ने बताया कि अनजान व्यक्ति ने कस्टमर केयर अधिकारी बनकर उसके दो बैंक खातों से पैसे उड़ा लिए. जांच के बाद क्लेमनटाउन थाना पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया है.

क्लेमनटाउन निवासी मनीषा ऐरी ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है कि, 11 नवंबर 2021 को उनके पीएनबी बैंक के डेबिट कार्ड में कुछ परेशानी हुई, जिसके बाद उन्होंने इंटरनेट से कस्टमर केयर नंबर निकाला और उस पर फोन किया. दूसरी ओर से कस्टमर केयर अधिकारी बन बात कर रहे शख्स ने महिला को एनीडेस्क एप्लीकेशन डाउनलोड करने को कहा. इसके बाद पीड़िता को उनके दूसरे एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) कार्ड की डिटेल भरने के लिए कहा गया.

इस पर महिला ने बात कर रहे शख्स को ये बताया कि एचडीएफसी नहीं बल्कि परेशानी उनके पीएनबी बैंक के डेबिट कार्ड में है. उस व्यक्ति ने महिला से पीएनबी डेबिट कार्ड का डिटेल भरने को भी कहा. डिटेल भरने के बाद उनके खाते से एक के बाद एक छोटी-छोटी ट्रांजेक्शन हुईं और दोनों बैंक अकाउंट से ₹95 हजार निकाल लिए गए. उसके बाद फोनकर्ता ने अपना मोबाइल बंद कर दिया.

पढ़ें- लक्सर में पुरानी रंजिश के चलते दो पक्षों में मारपीट, गोली लगने से एक शख्स घायल

क्लेमनटाउन थाना प्रभारी नरेंद्र गहलावत ने बताया कि पीड़िता ने पहले साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. साइबर पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद अज्ञात आरोपी के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया है. पुलिस अज्ञात नंबर की जानकारी जुटा रही है.

dehradun cyber fraud
नंबर इस्तेमाल करने से पहले हो जाइए सावधान.

कैसे करते हैं ठगी: दरअसल, वर्तमान में लगभग सभी प्रोडक्ट्स और सर्विसेस के लिए कस्टमर सपोर्ट उपलब्ध है. कस्टमर केयर के नंबर जब लोग गूगल पर सर्च करते हैं, तो फर्जी वेबसाइट के जरिए फर्जी मोबाइल नंबर सबसे पहले सामने आते हैं. इन नंबर को सही मानकर लोग कॉल करते हैं. इसके बाद ठग खुद को कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव बताकर उस व्यक्ति से डिटेल लेते हैं और ठगी करते हैं. ठगों ने कई पेमेंट एप्लिकेशंस, बैंकों और कंपनियों के नाम पर फर्जी कस्टमर केयर नंबर इंटरनेट पर डाल रखे हैं.

फ्रॉड से बचने के लिए अपनाए ये उपाय: कस्टमर केयर के नाम पर होने वाली ठगी से बचने लिए सावधानी रखनी होगी. सबसे पहले आपको कस्टमर केयर के नंबर सर्च करते समय सतर्क रहना होगा. नंबर सिर्फ कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट या एप से ही लें. जिस नंबर पर आप कॉल करने जा रहे हैं, उसके ऑनलाइन रिव्यू भी देख सकते हैं.

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शिकायत के लिए यहां करें संपर्क.

कभी भी पर्सनल जानकारी शेयर नहीं करें: असली कस्टमर केयर पर कॉल करने पर आपके खाते संबंधी पिन/सीवीवी जैसी कोई पर्सनल जानकारी नहीं मांगी जाती. ये ध्यान रखें कि बैंक के कस्टमर एग्जीक्यूटिव फोन नंबर या ईमेल के जरिए कभी भी पर्सनल जानकारी नहीं मांगते हैं. आप किसी को भी अपने लास्ट ट्रांजेक्शन की डिटेल भी शेयर न करें. इसके साथ ही अपने डेबिट-क्रेडिट कार्ड के पासवर्ड या ओटीपी गलती से भी न बताएं. इस तरह से इन टिप्स को अपनाकर आप कस्टमर केयर के नाम पर होने वाली ठगी से बच सकते हैं.

देहरादून: थाना क्लेमनटाउन क्षेत्र में साइबर ठगों ने एक महिला के दो बैंक खातों से 95 हजार रुपए की ठगी की है. पीड़ित महिला ने 11 नवंबर को साइबर सेल को इस घटना की जानकारी दी. पीड़िता ने बताया कि अनजान व्यक्ति ने कस्टमर केयर अधिकारी बनकर उसके दो बैंक खातों से पैसे उड़ा लिए. जांच के बाद क्लेमनटाउन थाना पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया है.

क्लेमनटाउन निवासी मनीषा ऐरी ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है कि, 11 नवंबर 2021 को उनके पीएनबी बैंक के डेबिट कार्ड में कुछ परेशानी हुई, जिसके बाद उन्होंने इंटरनेट से कस्टमर केयर नंबर निकाला और उस पर फोन किया. दूसरी ओर से कस्टमर केयर अधिकारी बन बात कर रहे शख्स ने महिला को एनीडेस्क एप्लीकेशन डाउनलोड करने को कहा. इसके बाद पीड़िता को उनके दूसरे एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) कार्ड की डिटेल भरने के लिए कहा गया.

इस पर महिला ने बात कर रहे शख्स को ये बताया कि एचडीएफसी नहीं बल्कि परेशानी उनके पीएनबी बैंक के डेबिट कार्ड में है. उस व्यक्ति ने महिला से पीएनबी डेबिट कार्ड का डिटेल भरने को भी कहा. डिटेल भरने के बाद उनके खाते से एक के बाद एक छोटी-छोटी ट्रांजेक्शन हुईं और दोनों बैंक अकाउंट से ₹95 हजार निकाल लिए गए. उसके बाद फोनकर्ता ने अपना मोबाइल बंद कर दिया.

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क्लेमनटाउन थाना प्रभारी नरेंद्र गहलावत ने बताया कि पीड़िता ने पहले साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. साइबर पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद अज्ञात आरोपी के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया है. पुलिस अज्ञात नंबर की जानकारी जुटा रही है.

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नंबर इस्तेमाल करने से पहले हो जाइए सावधान.

कैसे करते हैं ठगी: दरअसल, वर्तमान में लगभग सभी प्रोडक्ट्स और सर्विसेस के लिए कस्टमर सपोर्ट उपलब्ध है. कस्टमर केयर के नंबर जब लोग गूगल पर सर्च करते हैं, तो फर्जी वेबसाइट के जरिए फर्जी मोबाइल नंबर सबसे पहले सामने आते हैं. इन नंबर को सही मानकर लोग कॉल करते हैं. इसके बाद ठग खुद को कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव बताकर उस व्यक्ति से डिटेल लेते हैं और ठगी करते हैं. ठगों ने कई पेमेंट एप्लिकेशंस, बैंकों और कंपनियों के नाम पर फर्जी कस्टमर केयर नंबर इंटरनेट पर डाल रखे हैं.

फ्रॉड से बचने के लिए अपनाए ये उपाय: कस्टमर केयर के नाम पर होने वाली ठगी से बचने लिए सावधानी रखनी होगी. सबसे पहले आपको कस्टमर केयर के नंबर सर्च करते समय सतर्क रहना होगा. नंबर सिर्फ कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट या एप से ही लें. जिस नंबर पर आप कॉल करने जा रहे हैं, उसके ऑनलाइन रिव्यू भी देख सकते हैं.

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शिकायत के लिए यहां करें संपर्क.

कभी भी पर्सनल जानकारी शेयर नहीं करें: असली कस्टमर केयर पर कॉल करने पर आपके खाते संबंधी पिन/सीवीवी जैसी कोई पर्सनल जानकारी नहीं मांगी जाती. ये ध्यान रखें कि बैंक के कस्टमर एग्जीक्यूटिव फोन नंबर या ईमेल के जरिए कभी भी पर्सनल जानकारी नहीं मांगते हैं. आप किसी को भी अपने लास्ट ट्रांजेक्शन की डिटेल भी शेयर न करें. इसके साथ ही अपने डेबिट-क्रेडिट कार्ड के पासवर्ड या ओटीपी गलती से भी न बताएं. इस तरह से इन टिप्स को अपनाकर आप कस्टमर केयर के नाम पर होने वाली ठगी से बच सकते हैं.

Last Updated : Nov 25, 2021, 1:39 PM IST
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