देहरादून: कोरोनाकाल के दौरान राजधानी देहरादून में कुल 963 कोरोना के मरीजों की मौत हुई. राज्य स्तर पर देखें तो पूरे प्रदेश में करीब 60% से ज्यादा मौत देहरादून में ही रिकॉर्ड की गईं, लेकिन चिकित्सकों के ऑडिट में एक नया खुलासा हुआ है, जो कोरोना से हुई मौत को लेकर यह साफ करता है कि हकीकत में कोरोना से मौत के आंकड़े उतने नहीं है, जितने सरकारी दस्तावेजों में दिखाई देते हैं.
राजधानी देहरादून में भले ही कोरोना के मरीजों की मौत का आंकड़ा 963 हो लेकिन हकीकत में कोरोना के कारण 80% से भी कम मरीजों की मौत हुई है. यह आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों के उस ऑडिट रिपोर्ट से सामने आया है, जिसे चिकित्सकों की टीम ने जांच के बाद पाया है.
दरअसल, प्रदेश में कोरोना काल में संक्रमित मरीजों के आंकड़े जुटाए जाते हैं और इन आंकड़ों को हेल्थ बुलेटिन के जरिए सार्वजनिक किया जाता है. आपको हैरानी होगी कि जब मारे गए कोरोना मरीजों को लेकर ऑडिट किया गया तो पता चला कि राजधानी देहरादून में हकीकत में कोरोना से मरने वालों की संख्या दिए गए आंकड़ों से बेहद कम हैं. ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार राजधानी देहरादून में कुल 963 संक्रमित मरीजों की मौत हुई, जिसमें से 940 मरीजों की मौत का ऑडिट किया गया.
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आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इसमें केवल 165 मरीज ही ऐसे पाए गए, जिनकी मौत कोरोनावायरस के कारण ही हुई थी. इसके अलावा राजधानी में इसमें से केवल 91 लोग ही ऐसे थे, जो देहरादून के रहने वाले थे. बाकी 74 कोरोना से मरने वाले लोग दूसरे प्रदेश या दूसरे जिलों से देहरादून में आकर इलाज करवा रहे थे. इस तरह देखा जाए तो आंकड़ों से साफ है कि मरने वालों में 775 लोग कोरोना संक्रमित तो थे लेकिन उनकी मौत दूसरी बीमारी या चोटों से हुई थी.