देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना मरीज के साथ-साथ मौत के आंकड़े भी लगातार बढ़ रहे है, जो चिंता की बात है. प्रदेश में अभीतक कोरोना के कारण 207 मरीजों की मौत हो चुकी है. पहली जुलाई को यह संख्या 41 थी यानी करीब 54 दिनों में 165 से ज्यादा संक्रमितों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. अगर आंकड़ों के आधार पर बात करें तो कोरोना से हुई कुल मौतों में 80 प्रतिशत मौत एक जुलाई से 24 अगस्त से बीच हुई है. एक अगस्त से पहले मौत को ये आंकड़ा 20 प्रतिशत तक था. सबसे ज्यादा मौत चार जिलों में ही हुई है. जिसमें देहरादून नंबर वन पर है. ईटीवी भारत आज उन हालात से पर्दा उठा रहा है कि जिसने जुलाई और अगस्त के महीनों में संक्रमितों को मौत के मुंह मे डाल दिया है.
बता दें कि प्रदेश में 15 मार्च को कोरोना संक्रमण का पहला मामला सामने आया था. इसके बाद हर अंतराल पर संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती गई. शुरुआत में कम संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे थे, वहीं मौत का आंकड़ा भी बेहद कम था. पिछले तीन महीनों में न सिर्फ संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ा है, बल्कि मौत का ग्राफ भी तेजी से बढ़ा है. अगस्त का महीना सब पर भारी पड़ रहा है. इस अवधि में तेजी से कोरोना के मरीज भी बढ़ रहे हैं और मरीजों की मृत्यु दर में भी लगातार इजाफा हो रहा है.
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उत्तराखंड में पिछले दो महीनों के अंतराल में कोरोना के ट्रेंड में बदलाव देखा जा रहा है. अबतक जहां प्रदेश में एसिंप्टोमेटिक या सामान्य लक्षण के साथ मरीजों का रजिस्ट्रेशन हो रहा था, वहीं अब मोडरेट मरीजों की संख्या ज्यादा बढ़ रही है. यानी गंभीर हालत में मरीज अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं.
बता दें कि प्रदेश में अभीतक कोरोना के 15,529 मरीज सामने आ चुके है. उत्तराखंड में कोरोना के रोज 300 से 400 नए मामले सामने आ रहे है. लेकिन इससे ज्यादा चिंता की बात यह है कि अब संक्रमित मरीजों में गंभीर हालात वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. जिसके बाद कोविड-19 अस्पतालों के डॉक्टर भी दबाव महसूस कर रहे है.
उत्तराखंड में गंभीर स्थिति वाले मरीजों की संख्या अचानक बढ़ी
उत्तराखंड में कोरोना के गंभीर मरीजों की संख्या एकाएक बढ़ोतरी हुई है. अनुमान के मुताबिक करीब 5 प्रतिशत मरीज अब सीवियर या मोडरेट यानी गंभीर स्थिति में भर्ती हो रहे हैं, लेकिन ये जानना भी जरूरी है कि अचानक कैसे संक्रमितों की मौत का आंकड़ा बढ़ गया है और क्यों अब गंभीर अवस्था में संक्रमित मरीज भर्ती हो रहे हैं. जानिए इसके कारण.
कोरोना का इलाज कर रहे विशेषज्ञ डॉक्टर भी मानते हैं कि हालात बिगड़ रहे हैं. कोरोना की चेन तोड़ने के लिए लोगों का जागरूक होना जरूरी है. यदि लोग जागरूक नहीं हुए तो सरकारी स्थानों पर मरीजों का दबाव बढ़ता चला चाएगा और मौत का आंकड़ा रोकना भी मुश्किल हो जाएगा.
देहरादून जिलाधिकारी आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में कोरोना के बढ़ते मामलों के बावजूद अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्थाएं की गई है, ऐसे में लोग कोरोना के लक्षण होने पर उसे छुपाए नहीं, बल्कि सामने आकर इसका इलाज करवाएं.