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केदारनाथ आपदा: 16 जून 2013 की खौफनाक रात की याद से सिहर उठती है आत्मा, आज भी हरे हैं जख्म - उत्तराखंड में बाढ़

16-17 जून 2013 की वो खौफनाक याद कर आज भी आत्मा सिहर उठती है. केदारनाथ की इस आपदा में जहां कई परिवार खत्म हो गये तो कई ऐसे भी हैं जो आज भी अपनों के लौटने की राह देख रहे हैं. ऐसे की एक शख्स हैं रुद्रप्रयाग के रहने वाले होटल व्यापारी गगन बिष्ट. सुनिये उस रात की खौफनाक कहानी उन्ही की जुबानी...

Kedarnath disaster
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Published : Jun 14, 2019, 12:05 PM IST

Updated : Jun 14, 2019, 1:29 PM IST

देहरादून: केदारनाथ में 16 जून 2013 को दैवीय आपदा से हुई तबाही को 6 साल पूरे होने जा रहे हैं. इस त्रासदी में मारे गए लोगों के परिजनों व पीड़ित परिवारों को फौरी राहत भले ही मिल गई हो, लेकिन उनके जख्म आज भी हरे के हरे हैं. शायद ही वो इस आपदा को कभी भूल पाएं. वक्त भी उनके जख्मों पर मरहम नहीं लगा पाया. इन्हीं में से एक है गगन बिष्ट. जिनका इस आपदा में सब कुछ लूट गया था, जो 15 जून की रात केदारनाथ में ही मौजूद थे.

पढ़ें- नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप: हरियाणा की छोरियों ने 5 गोल्ड झटके, मेडलिस्ट विदेशों में दिखाएंगे पंच का दम

ईटीवी भारत ने केदारनाथ आपदा के प्रत्यक्षदर्शी रुद्रप्रयाग के रहने वाले होटल व्यापारी गगन बिष्ट से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि वे 15 जून 2013 के दिन केदारघाटी में ही मौजूद थे. गगन बताते हैं कि यह दिन और दिनों से कुछ अलग था. 14 जून की रात से शुरू हुई तेज़ बारिश 15 जून के दिन भी बिना रुके लगातार जारी थी. ऐसे में पानी के तेज बहाव के साथ उनके होटल की जमीन धीरे-धीरे नीचे से कटने लगी थी और देखते ही देखते पूरा होटल पानी के तेज बहाव में बहता चला गया.

होटल व्यवसायी गगन बिष्ट से बातचीत करतीं संवाददाता प्रगति पचौली.

बिष्ट बताते हैं कि जिस समय उनके होटल के नीचे की जमीन का कटान हो रहा था उससे पहले ही उन्होंने होटल को खाली कर दिया था. जिस वजह से किसी की जान नहीं गई.

पढ़ें- पुलवामा शहीदों की शहादत को सलाम करने के लिए सॉन्ग रिलीज, पौड़ी में शूट किया गया ट्रिब्यूट वीडियो

गनन के मुताबिक यह होटल यात्रा सीजन में उनकी कमाई का एक बेहतरीन जरिया था. लेकिन होटल के इस तरह अचानक बह जाने से उन्हें करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ. कई साल तक वो ये भी नहीं समझ पा रहे थे कि इस नुकसान की भरपाई कैसे होगी?

ईटीवी भारत को गगन ने अपनी एक और आपबीती भी बताई. गगन बताते हैं कि अब एक बार फिर वह केदार घाटी में अपना होटल शुरू करना चाहते हैं, लेकिन सरकारी नौकरशाहों की दबंगई और मनमानी के चलते वह अपने होटल का काम शुरू नहीं कर पा रहे हैं. होटल बनाने की अनुमति के लिए वो कई बार एसडीएम कार्यालय जा चुके हैं, लेकिन अबतक उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिली है.

देहरादून: केदारनाथ में 16 जून 2013 को दैवीय आपदा से हुई तबाही को 6 साल पूरे होने जा रहे हैं. इस त्रासदी में मारे गए लोगों के परिजनों व पीड़ित परिवारों को फौरी राहत भले ही मिल गई हो, लेकिन उनके जख्म आज भी हरे के हरे हैं. शायद ही वो इस आपदा को कभी भूल पाएं. वक्त भी उनके जख्मों पर मरहम नहीं लगा पाया. इन्हीं में से एक है गगन बिष्ट. जिनका इस आपदा में सब कुछ लूट गया था, जो 15 जून की रात केदारनाथ में ही मौजूद थे.

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ईटीवी भारत ने केदारनाथ आपदा के प्रत्यक्षदर्शी रुद्रप्रयाग के रहने वाले होटल व्यापारी गगन बिष्ट से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि वे 15 जून 2013 के दिन केदारघाटी में ही मौजूद थे. गगन बताते हैं कि यह दिन और दिनों से कुछ अलग था. 14 जून की रात से शुरू हुई तेज़ बारिश 15 जून के दिन भी बिना रुके लगातार जारी थी. ऐसे में पानी के तेज बहाव के साथ उनके होटल की जमीन धीरे-धीरे नीचे से कटने लगी थी और देखते ही देखते पूरा होटल पानी के तेज बहाव में बहता चला गया.

होटल व्यवसायी गगन बिष्ट से बातचीत करतीं संवाददाता प्रगति पचौली.

बिष्ट बताते हैं कि जिस समय उनके होटल के नीचे की जमीन का कटान हो रहा था उससे पहले ही उन्होंने होटल को खाली कर दिया था. जिस वजह से किसी की जान नहीं गई.

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गनन के मुताबिक यह होटल यात्रा सीजन में उनकी कमाई का एक बेहतरीन जरिया था. लेकिन होटल के इस तरह अचानक बह जाने से उन्हें करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ. कई साल तक वो ये भी नहीं समझ पा रहे थे कि इस नुकसान की भरपाई कैसे होगी?

ईटीवी भारत को गगन ने अपनी एक और आपबीती भी बताई. गगन बताते हैं कि अब एक बार फिर वह केदार घाटी में अपना होटल शुरू करना चाहते हैं, लेकिन सरकारी नौकरशाहों की दबंगई और मनमानी के चलते वह अपने होटल का काम शुरू नहीं कर पा रहे हैं. होटल बनाने की अनुमति के लिए वो कई बार एसडीएम कार्यालय जा चुके हैं, लेकिन अबतक उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिली है.

Intro:This is a special story on kedarnath aapda

Folder Name- 13June Dehradun Aapda 7 saal -spl

देहरादून- 16 जून 2013 को केदार घाटी में आई भयानक आपदा के जख्म आज भी कई लोगो के जहन में हरे के हरे ही हैं । जहां इस भयानक आता नहीं कई लोगों को हमेशा हमेशा के लिए अपने प्रिय जनों से दूर कर दिया। वहीं दूसरी तरफ इस भयानक आपदा ने कई लोगों के व्यापार को भी पूरी तरह नष्ट कर दिया।








Body:ईटीवी भारत ने केदारनाथ आपदा के प्रत्यक्षदर्शी रुद्रप्रयाग के रहने वाले होटल व्यापारी गगन बिष्ट से खास बातचीत की । इस दौरान उन्होंने बताया कि 15 जून 2013 के दिन वह खुद केदार घाटी में ही मौजूद थे । गगन बताते हैं कि यह दिन और दिनों से कुछ अलग था । 14 जून की रात से शुरू हुई तेज़ बारिश 15 जून के दिन भी बिना रुके लगातार जारी थी । ऐसे में पानी के तेज बहाव के साथ मौजूद उनके होटल की जमीन धीरे- धीरे नीचे से काटने लगी और देखते ही देखते उनका पूरा होटल पानी के तेज बहाव में बहता चला गया । लेकिन गनीमत यह रही कि जिस दौरान होटल की जमीन को पानी की तेज रफ्तार धीरे धीरे काट रही थी उस दौरान उन्होंने अपने होटल को खाली करवा लिया था । जिसकी वजह से किसी भी व्यक्ति को कोई नुकसान नही पहुँचा




Conclusion:गगन बताते हैं की यह होटल उनके लिए बीते कई सालों से यात्रा सीजन में कमाई का एक बेहतरीन जरिया था लेकिन इस होटल के अचानक ही बह जाने से उन्हें करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ा । कुछ सालों के लिए दो उनके लिए यह समझ पाना मुश्किल हो क्या कि आखिर इस नुकसान की भरपाई करे तो करे कैसे।

ईटीवी भारत को गगन ने अपनी एक और आपबीती भी सुनाई। गगन बताते हैं कि अब एक बार फिर वह केदार घाटी में अपना एक होटल शुरू करना चाहते हैं लेकिन सरकारी नौकरशाहों की दबंगई और मनमानी के चलते वह अपने होटल का काम शुरू नहीं कर पा रहे हैं गगन का साफ शब्दों में कहना था कि वह होटल बनाने की अनुमति के लिए कई बार एसडीएम के चक्कर लगा चुके हैं लेकिन अब तक भी उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी गई है।
Last Updated : Jun 14, 2019, 1:29 PM IST
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