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ऋषिकेश AIIMS में गोल्डन कार्ड धारक का 6 लाख का मुफ्त इलाज, राज्य में पहला मामला - गोल्डन कार्ड धारक का 6 लाख का मुफ्त इलाज

गोल्डन कार्ड धारक व्यक्ति को इलाज में 6 लाख रुपये का लाभ मिला है. एम्स ऋषिकेश में मरीज का सफल ऑपरेशन हुआ.

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Published : Feb 27, 2021, 7:40 PM IST

ऋषिकेशः हृदय रोग संबंधी समस्या से ग्रसित गोल्डन कार्ड धारक व्यक्ति को इलाज में 6 लाख रुपये का लाभ मिला है. रोगी का इलाज एम्स ऋषिकेश के काॅर्डियालोजी विभाग के डाॅक्टरों द्वारा किया गया. गोल्डन कार्ड योजना में 5 लाख से अधिक राशि के इलाज का यह राज्य में पहला मामला है.

बार-बार बेहोश हो जाने और सांस फूलने की बीमारी से ग्रसित 62 वर्षीय मरीज पिछले दिनों एम्स की इमरजेंसी में भर्ती हुआ था. नैनीताल निवासी इस शख्स के दिल की धड़कन भी बार-बार रूक जाती थी. ऐसे में काॅर्डियालोजी विभाग के डाॅक्टरों की टीम ने मरीज की जांच की तो पता चला कि उसे हार्ट संबंधी समस्या है. लेकिन इलाज का खर्च बहुत महंगा होने के कारण मरीज के परिजन बड़े परेशान थे.

गोल्डन कार्ड धारक का 6 लाख का मुफ्त इलाज

पढ़ेंः दून की रचना ठाकुर अगारी को मिसेज इंडिया 2021 में मिला तीसरा स्थान, कांस्टेबल पति ने बांटी मिठाई

मामले में जानकारी देते हुए एम्स के काॅर्डियालोजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डाॅक्टर बरुण कुमार ने बताया कि उन्होंने मरीज को बचाने के लिए बिना बेहोश किए उसके शरीर में सीआरटी डिवाइस प्रत्योरोपित करने का निर्णय लिया. उन्होंने बताया कि बिना बेहोश किए डिवाइस लगाने की प्रक्रिया बहुत जटिल होती है. लेकिन मरीज का जीवन बचाने के लिए जोखिम लेते हुए डाॅक्टरों की टीम ने इस तकनीक का उपयोग करने में अथक प्रयास किए.

सीआरटी डिवाइस प्रत्यारोपित करने के बाद उसे एक सप्ताह तक अस्पताल में रखा गया. अब वह स्वस्थ है. उसे एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया है. डाॅक्टर बरुण ने बताया कि मरीज के इलाज का खर्च बहुत ज्यादा था. ऐसे में उसका गोल्डन कार्ड काम आया. उसके इलाज में 6 लाख रुपये खर्च आया है. यह खर्च गोल्डन कार्ड योजना द्वारा वहन किया गया है.

ऋषिकेशः हृदय रोग संबंधी समस्या से ग्रसित गोल्डन कार्ड धारक व्यक्ति को इलाज में 6 लाख रुपये का लाभ मिला है. रोगी का इलाज एम्स ऋषिकेश के काॅर्डियालोजी विभाग के डाॅक्टरों द्वारा किया गया. गोल्डन कार्ड योजना में 5 लाख से अधिक राशि के इलाज का यह राज्य में पहला मामला है.

बार-बार बेहोश हो जाने और सांस फूलने की बीमारी से ग्रसित 62 वर्षीय मरीज पिछले दिनों एम्स की इमरजेंसी में भर्ती हुआ था. नैनीताल निवासी इस शख्स के दिल की धड़कन भी बार-बार रूक जाती थी. ऐसे में काॅर्डियालोजी विभाग के डाॅक्टरों की टीम ने मरीज की जांच की तो पता चला कि उसे हार्ट संबंधी समस्या है. लेकिन इलाज का खर्च बहुत महंगा होने के कारण मरीज के परिजन बड़े परेशान थे.

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मामले में जानकारी देते हुए एम्स के काॅर्डियालोजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डाॅक्टर बरुण कुमार ने बताया कि उन्होंने मरीज को बचाने के लिए बिना बेहोश किए उसके शरीर में सीआरटी डिवाइस प्रत्योरोपित करने का निर्णय लिया. उन्होंने बताया कि बिना बेहोश किए डिवाइस लगाने की प्रक्रिया बहुत जटिल होती है. लेकिन मरीज का जीवन बचाने के लिए जोखिम लेते हुए डाॅक्टरों की टीम ने इस तकनीक का उपयोग करने में अथक प्रयास किए.

सीआरटी डिवाइस प्रत्यारोपित करने के बाद उसे एक सप्ताह तक अस्पताल में रखा गया. अब वह स्वस्थ है. उसे एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया है. डाॅक्टर बरुण ने बताया कि मरीज के इलाज का खर्च बहुत ज्यादा था. ऐसे में उसका गोल्डन कार्ड काम आया. उसके इलाज में 6 लाख रुपये खर्च आया है. यह खर्च गोल्डन कार्ड योजना द्वारा वहन किया गया है.

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