देहरादून: उत्तरकाशी में रविवार को बादल फटने के बाद राहत एवं बचाव कार्य में लगा हेलीकॉप्टर बुधवार को क्रैश हो गया. हादसे में पायलट और इंजीनियर समेत तीन लोगों की मौत हो गई. उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर क्रैश होने की ये कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी दैवीय आपदा के बाद राहत एवं बचाव कार्य में लगे कई हेलीकॉप्टर क्रैश हो चुके हैं.
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उत्तराखंड में 2013 की आपदा से लेकर अभीतक की बात करें तो प्रदेश में 6 हेलीकॉप्टर क्रैश हुए हैं. जिसमें करीब 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इसके साथ 10 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. हालांकि, प्रदेश में सबसे ज्यादा हेलीकॉप्टर केदारनाथ आपदा के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हुए थे.
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उत्तराखंड में अबतक दुर्घटनाग्रस्त हुए हेलीकॉप्टर
- साल 2013 में आयी भीषण आपदा में सामान की सप्लाई करने जा रहा एक निजी कंपनी का हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था. जिसमें पायलट और सह-पायलट की मौके पर ही मौत हो गयी थी.
- 2013 में केदारनाथ आपदा में राहत एवं बचाव कार्य में लगा वायुसेना का एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था. इस हादसे में 19 लोगों की मौत हो गई थी.
- इसके बाद 18 मई 2017 को भी केदारनाथ में एक निजी कंपनी का हेलीकॉप्टर हेलीपैड पर ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.
- इसके बाद 10 जून 2017 को बदरीनाथ में भी एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था.
- 3 अप्रैल 2018 को उत्तराखंड में केदारनाथ धाम के पास वायु सेना का एक MI-17 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. ये हेलीकॉप्टर हेलीपैड पर लैंडिंग के दौरान किसी लोहे की रॉड से टकरा गया था, जिसके कारण उसमे आग लग गई. इस हादसे में पायलट समेत चार लोग घायल हुए थे.
- ताजा मामला 21 अगस्त 2019 का है. उत्तरकाशी के मोरी तहसील में आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में राहत सामग्री लेकर जा रहा एक निजी कंपनी का हेलीकॉप्टर रोपवे के तारों में उलझ कर क्रैश हो गया. इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई.