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नई दिल्ली से संचालित फर्जी कॉल सेंटर के साइबर ठग गिरफ्तार , दो महिलाएं भी शामिल - नई दिल्ली से 5 आरोपी गिरफ्तार

नई दिल्ली में फर्जी कॉल सेंटर चलाकर नौकरी का लालच देने वाले शातिर पकड़े गए हैं. एसटीएफ ने इनके ठिकाने पर छापेमारी कर मौके से 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

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साइबर ठग गिरफ्तार
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Published : Dec 5, 2019, 11:57 PM IST

देहरादून: नई दिल्ली में फर्जी कॉल सेंटर और बेवसाइट चलाकर नौकरी का लालच देने वाले शातिरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इंटरनेट बैंकिंग द्वारा लाखों रुपए की धोखाधड़ी करने वाले 2 महिला सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. एसटीएफ ने मौके से लैपटॉप, कंप्यूटर सिस्टम, मोबाइल फोन, सिम कार्ड, एटीएम कार्ड, फर्जी आधार कार्ड, तीन सोने के सिक्के और एक सोने की चेन बरामद की है.

इसके साथ ही ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी टाटा क्लिक से संपर्क कर पीड़ित के 6 लाख 56 हजार रुपए वापस कराए गए हैं. वहीं, डीआईजी ने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए हैं. जिसके चलते आईटी पार्क निवासी मलिन चंद्र दास द्वारा शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया कि अज्ञात व्यक्तियों द्वारा नौकरी का झांसा देकर लाखों इंटरनेट बैंकिंग, यूजर आईडी और पासवर्ड को हैक करके खाते से 10 लाख रुपए की धोखाधड़ी की गई.

यह भी पढ़ें: प्रशासन पर कांग्रेसियों का आरोप, कहा- गुलदार पकड़ने की मांग पर दर्ज किए मुकदमें

पीड़ित मलिन चंद्र दास की शिकायत के आधार पर एसटीएफ ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. एसटीएफ द्वारा बैंक के खाताधारकों का सत्यापन करने कोटक महिंद्रा बैंक में एक संदिग्ध पाया गया. सूचना मिलने पर मंसाराम नई दिल्ली में एक फर्जी को सेंटर संचालित किए जाने की जानकारी मिली जो कि इस तरह से लोगों से धोखाधड़ी कर लाखों रुपए की ठगी कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें: राज्य सरकार ने विकास के लिए खोला 'खजाना', 2533. 90 करोड़ का अनुपूरक बजट किया पेश

सूचना पर एसटीएफ की टीम द्वारा दिल्ली में संचालित कॉल सेंटर पर दबिश दी गई, जिसमें 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. जिसमें दो महिलाएं खुशबू त्यागी और सिम्मी धवन सहित 3 आरोपी तुषार, मयंक और मोनू को गिरफ्तार किया. एसटीएफ ने बताया कि आरोपियों को न्यायालय के सामने पेश किया जाएगा. इनपर अन्य राज्यों में भी धोखाधड़ी करने का आरोप है.

देहरादून: नई दिल्ली में फर्जी कॉल सेंटर और बेवसाइट चलाकर नौकरी का लालच देने वाले शातिरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इंटरनेट बैंकिंग द्वारा लाखों रुपए की धोखाधड़ी करने वाले 2 महिला सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. एसटीएफ ने मौके से लैपटॉप, कंप्यूटर सिस्टम, मोबाइल फोन, सिम कार्ड, एटीएम कार्ड, फर्जी आधार कार्ड, तीन सोने के सिक्के और एक सोने की चेन बरामद की है.

इसके साथ ही ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी टाटा क्लिक से संपर्क कर पीड़ित के 6 लाख 56 हजार रुपए वापस कराए गए हैं. वहीं, डीआईजी ने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए हैं. जिसके चलते आईटी पार्क निवासी मलिन चंद्र दास द्वारा शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया कि अज्ञात व्यक्तियों द्वारा नौकरी का झांसा देकर लाखों इंटरनेट बैंकिंग, यूजर आईडी और पासवर्ड को हैक करके खाते से 10 लाख रुपए की धोखाधड़ी की गई.

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पीड़ित मलिन चंद्र दास की शिकायत के आधार पर एसटीएफ ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. एसटीएफ द्वारा बैंक के खाताधारकों का सत्यापन करने कोटक महिंद्रा बैंक में एक संदिग्ध पाया गया. सूचना मिलने पर मंसाराम नई दिल्ली में एक फर्जी को सेंटर संचालित किए जाने की जानकारी मिली जो कि इस तरह से लोगों से धोखाधड़ी कर लाखों रुपए की ठगी कर रहे हैं.

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सूचना पर एसटीएफ की टीम द्वारा दिल्ली में संचालित कॉल सेंटर पर दबिश दी गई, जिसमें 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. जिसमें दो महिलाएं खुशबू त्यागी और सिम्मी धवन सहित 3 आरोपी तुषार, मयंक और मोनू को गिरफ्तार किया. एसटीएफ ने बताया कि आरोपियों को न्यायालय के सामने पेश किया जाएगा. इनपर अन्य राज्यों में भी धोखाधड़ी करने का आरोप है.

Intro:नई दिल्ली में फर्जी कॉल सेंटर चलाकर नौकरी का लालच देकर अपनी फर्जी वेबसाइट पर आवेदन करने वालो को इंटरनेट बैंकिंग के द्वारा लाखों रुपए की धोखाधड़ी करने वाले 2 महिला सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया।एसटीएफ को मौके से लैपटॉप,कंप्यूटर सिस्टम,मोबाइल फोन,सिम कार्ड,एटीएम कार्ड फर्जी आधार,तीन सोने के सिक्के और एक सोने की चेन बरामद की गई। साथ ही ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी टाटा क्लिक से संपर्क कर पीड़ित के 6 लाख 56 हजार रुपए वापस कराए गए।आरोपियों को न्यायालय के सामने पेश कर आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर देश के अन्य राज्यों में इस प्रकार से धोखाधड़ी के शिकार अन्य लोगों की पहचान के लिए कार्यवाही की जा रही है।


Body:वर्तमान समय में लॉटरी,बीमा,पॉलिसी और नौकरी दिलाने के नाम पर हो रही ऑनलाइन धोखाधड़ी के चलते डीआईजी ने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के निर्देश दे रखे हैं। जिसके चलते आईटी पार्क निवासी मलिन चंद्र दास द्वारा शिकायत दर्ज कराई कि अज्ञात व्यक्तियों द्वारा नौकरी का झांसा देकर इंटरनेट बैंकिंग,यूजर आईडी और पासवर्ड को हैक करके खाते से 10 लाख रुपए की धोखाधड़ी की गई।पीड़ित मलिन चंद्र दास की शिकायत के आधार पर एसटीएफ ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी।एसटीएफ द्वारा जांच के दौरान घटना में प्रयोग हुए मोबाइल,ई वॉलेट और बैंक खातों के बारे में जानकारी की गई तो मोबाइल नंबर गलत नाम व पते पर लिए गए हैं।साथ ही आरोपियों द्वारा बैंक के खाते प्रयोग में लाए गए जिसमें एचडीएफसी,कोटक महिंद्रा,केनरा बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के खाते शामिल है।एसटीएफ द्वारा बैंक के खाताधारकों का सत्यापन करने कोटक महिंद्रा बैंक के एक संदिग्ध पाया गया।और मुखबिर की सूचना पर मंसाराम नई दिल्ली में एक फर्जी को सेंटर संचालित किए जाने की जानकारी मिली जो कि इस तरह से लोगों से धोखाधड़ी कर लाखों रुपए की ठगी कर रहे हैं। सूचना पर एसटीएफ की टीम द्वारा दिल्ली में संचालित कॉल सेंटर पर दबिश दी गई जिसमें 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।जिसमें दो महिलाएं खुशबू त्यागी और सिम्मी धवन सहित 3 आरोपी तुषार,मयंक और मोनू को गिरफ्तार किया।एसटीएफ को मौके से एक लैपटॉप,7 कंप्यूटर सिस्टम,19 मोबाइल फोन,52 सिम कार्ड,एटीएम कार्ड्स,फर्जी आधार व पेन कार्ड तीन सोने के सिक्के एक सोने की चेन बरामद की।साथ ही आरोपी की बताई गई ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी टाटा क्लिक से संपर्क कर पीड़ित मलिन चंद्र दास के 6 लाख 56 हज़ार रुपए वापस कराए गए।


Conclusion:एसटीएफ एसपी स्वतंत्र कुमार ने बताया कि आरोपी द्वारा मॉन्सटर वेबसाइट से नौकरी के लिए आवेदन करने वाले लोगों का डाटा प्राप्त किया जाता था जिन से संपर्क कर नौकरी का लालच देकर उनको अपनी jobrescue.com फर्जी वेबसाइट पर 10 रुपय का आवेदन इंटरनेट बैंकिंग के द्वारा करने को कॉल की जाती थी जो कि महिला आरोपी द्वारा की जाती थी।पीड़ित द्वारा अपना यूजर आईडी और पासवर्ड संबंधित जानकारी jobrescue.comसाइट पर फीड करता था लेकिन आगे की प्रक्रिया में फेल्ड ट्रांजैक्शन आता था।इस प्रकार से आरोपी पीड़ित के साइट में से इंटरनेट बैंकिंग और पासवर्ड प्राप्त कर खाते से रुपए निकालने का काम करते थे।एसटीएफ द्वारा पांचों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया और उनसे मिली जानकारी के आधार पर देश के अन्य राज्यों में इस प्रकार से धोखाधड़ी के शिकार बने लोगों की पहचान के लिए कार्रवाई की जा रही है।

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