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नरेंद्र सिंह नेगी और दीवान बजेली की कला का होगा सम्मान, राष्ट्रपति देंगे संगीत नाट्य अकादमी पुरस्कार

उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी और लेखक दीवान सिंह बजेली आज राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित होंगे. दोनों को आज संगीत नाट्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा जाएगा. राष्ट्रपति 44 हस्तियों को आज पुरस्कृत करेंगे. इसके साथ ही 12 अप्रैल को नेगी दा अपने साथी कलाकारों के साथ राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के सामने अपने लोकगीतों की प्रस्तुति भी देंगे.

Uttarakhand folk singer Narendra Singh Negi
गढ़रत्न नेगी दा
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Published : Apr 8, 2022, 7:22 PM IST

Updated : Apr 9, 2022, 10:40 AM IST

देहरादून: संगीत नाटक अकादमी आज 9 अप्रैल को पुरस्कार अर्पण समारोह का आयोजन करने जा रही है. इस समारोह में देश भर से चयनित 42 प्रख्यात संगीतकारों, नर्तकों, लोक एवं जनजातीय कलाकारों और रंग कर्मियों को उनके विशिष्ट योगदान के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. वहीं, इस बार पारंपरिक व लोक संगीत केटेगरी में पांच संगीतकारों को सम्मानित किया गया है, जिसमें उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी का नाम भी है. सोमेश्वर के दीवान सिंह बजेली को भी संगीत एवं नाट्य अकादमी फेलोशिप और अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा.

नरेंद्र सिंह नेगी का परिचय: नेगी दा उत्तराखंड के मशहूर लोक गीतकारों और गायकों में से एक हैं. उनकी श्री नेगी नामक संस्था उत्तराखण्ड के कलाकारों के लिए एक लोकप्रिय संस्थाओं में से एक है. नरेंद्र सिंह नेगी मूल रूप से पौड़ी जिले के रहने वाले हैं, जिनका जन्म 12 अगस्त 1949 को हुआ. नेगी ने अपने म्यूजिक करियर की शुरुआत गढ़वाली गीतमाला से की थी और यह "गढ़वाली गीतमाला" 10 अलग-अलग हिस्सों में थी.
पढ़ें- उत्तराखंड में जब दो-दो CM पर भारी पड़े लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी, अपने गानों से बदल दी सरकार

नेगी की पहली एल्बम का नाम बुरांस रखा गया, जो कि पहाड़ों में पाया जाने वाला एक जाना माना एवं सुंदर सा फूल है. इसके बाद ये सिलसिला चलता रहा. अब तक वे हजार से भी​ अधिक गानों को आवाज दे चुके हैं. नरेंद्र सिंह नेगी लोक कलाकार के साथ ही लेखक और कवि भी हैं. उनकी अब तक 3 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं.

नेगी की पहली पुस्तक "खुचकंडी" उनकी दूसरी पुस्तक "गाणियौं की गंगा, स्यणियौं का समोदर" उनकी तीसरी पुस्तक मुट्ठ बोटी की राख शामिल हैं. इसके अलावा उनके चर्चित राजनीतिक गीत 'नौछमी नारेणा' पर 250 पृष्ठों की एक किताब 'गाथा एक गीत की: द इनसाइड स्टोरी ऑफ नौछमी नारेणा' 2014 में प्रकाशित हो चुकी है और यह काफी चर्चित रही.

कुछ सालों पहले जब टिहरी बांध के के कारण टिहरी नगर पानी में डूब गया था तब नेगी ने एक शोकगीत और उत्तराखण्ड राज्य के अलग होते समय भी एक ओज भरा आंदोलन गीत गाया था. उत्तराखंड के राज्य गीत को भी नरेंद्र सिंह नेगी ने ही आवाज दी है.

दीवान सिंह बजेली का परिचय: अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर तहसील के कलेत गांव में जन्मे दीवान सिंह बजेली का लेखन में 30 वर्षों का अनुभव है. फोन पर जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि वर्तमान में वह अपने परिवार के साथ दिल्ली में रह रहे हैं. थियेटर और फिल्म से जुड़े विषयों पर उनकी कलम हमेशा सामाजिक जागरूकता और नागरिकों को सामर्थ्यवान बनाने में अपना योगदान देती रही है.

पढ़ें- चैती मेला: मकराना के पत्थर पर कारीगरी कर बेशकीमती बना रहे सूरज, महंगाई ने तोड़ी कमर

देश के प्रमुख समाचार पत्रों टाइम्स ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान टाइम्स, इकोनॉमिक टाइम्स, फाइनेंशियल एक्सप्रेस और स्टेट्समैन आदि में उनके क्रिटिक्स प्रकाशित होते रहे हैं. स्थानीय स्तर पर कुमाऊं लोक कथाओं और कहानियों को दुनिया भर में पहचान दिलाने में भी योगदान दिया है. चिल्ड्रेंस वर्ल्ड में उनके प्रकाशन में इसकी बानगी मिलती है. थियेटर और सिनेमा जगत में भी उनकी क्षमता को हर स्तर पर सराहना मिली है. लेखक बजेली साहित्य कला परिषद दिल्ली के द्वारा गठित कई समितियों से भी जुडे़ हैं. इसके अलावा मोहन उप्रेती द्वारा स्थापित पर्वतीय कला केंद्र के अध्यक्ष पद पर भी सेवाएं दे रहे हैं.

दीवान सिंह बजेली की रचनाएं: मोहन उप्रेती द मैन एंड हिज आर्ट, द थियेटर ऑफ़ भानु भारती-ए न्यू पर्सपैक्टिव, यात्रिक-जर्नी इन थियेट्रिकल आर्ट्स और उत्तराखंड कल्चर इन दिल्लीः मिरियाड ह्यूज ऑफ़ हिमालयन आर्ट्स प्रमुख हैं.
पढ़ें- लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने 'हिलटॉप' का किया समर्थन, बोले-रोजगार के साथ मिलेगा राजस्व

बता दें कि भारत में प्रदर्शन कला वर्ग में दिए जाने वाला यह सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार है. इस साल अकादमी पुरस्कार दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया जाएगा, जिसमें उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू कलाकारों को पुरस्कार से सम्मानित करेंगे. उप राष्ट्रपति के अलावा केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी भी कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगी. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संगीत नाटक अकादमी और ललित कला अकादमी की अध्यक्ष उमा नंदूरी करेंगी.

संगीत नाटक अकादमी की सचिव टेम सुनारो जामीर ने बताया कि पुरस्कार वितरण की परंपरा 1952 से चली आ रही है. इस कार्यक्रम में संगीत, नृत्य, रंगमंच, पारंपरिक कलाओं, कठपुतली कला और प्रदर्शन कला में कलाकारों द्वारा दिए गए विशिष्ट योगदान के लिए उन्हें रत्न सदस्यता और अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है. पुरस्कारों का निर्णय अकादेमी महापरिषद लेती है, जिसमें प्रतिष्ठित संगीतकार, नर्तक, थिएटर कलाकार और विद्वान शामिल होते हैं.

टेम सुनारो जामीर ने कहा कि संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्रदर्शन कला के क्षेत्र में प्रदर्शन करने वाले कलाकारों के साथ-साथ शिक्षकों और विद्वानों को भी दिया जाता है. यह सम्मान न केवल उत्कृष्टता और उपलब्धियों के सर्वोच्च मानक का प्रतीक है, बल्कि निरंतर व्यक्तिगत कार्य और योगदान को मान्यता प्रदान करता है.

पारंपरिक/ लोक संगीत में 5 संगीतकारों को मिलेगा सम्मान:

नाम संगीतकार
मालिनी अवस्थी लोक संगीत, उत्तर प्रदेश
गाज़ी ख़ान बरना लोक संगीत (खड़ताल), राजस्थान
नरेंद्र सिंह नेगी लोक संगीत, उत्तराखंड
निरंजन राज्यगुरु लोक संगीत, गुजरात
सोमदत्त बट्टूलोक संगीत, हिमाचल प्रदेश

इसके साथ अभिनय कला में समग्र योगदान/विद्वता के क्षेत्र में अकादमी पुरस्कार 2018 के लिए दीवान सिंह बजेली को विद्वता और श्री पुरू दधीच को समग्र योगदान के लिए चुना गया है.

देहरादून: संगीत नाटक अकादमी आज 9 अप्रैल को पुरस्कार अर्पण समारोह का आयोजन करने जा रही है. इस समारोह में देश भर से चयनित 42 प्रख्यात संगीतकारों, नर्तकों, लोक एवं जनजातीय कलाकारों और रंग कर्मियों को उनके विशिष्ट योगदान के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. वहीं, इस बार पारंपरिक व लोक संगीत केटेगरी में पांच संगीतकारों को सम्मानित किया गया है, जिसमें उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी का नाम भी है. सोमेश्वर के दीवान सिंह बजेली को भी संगीत एवं नाट्य अकादमी फेलोशिप और अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा.

नरेंद्र सिंह नेगी का परिचय: नेगी दा उत्तराखंड के मशहूर लोक गीतकारों और गायकों में से एक हैं. उनकी श्री नेगी नामक संस्था उत्तराखण्ड के कलाकारों के लिए एक लोकप्रिय संस्थाओं में से एक है. नरेंद्र सिंह नेगी मूल रूप से पौड़ी जिले के रहने वाले हैं, जिनका जन्म 12 अगस्त 1949 को हुआ. नेगी ने अपने म्यूजिक करियर की शुरुआत गढ़वाली गीतमाला से की थी और यह "गढ़वाली गीतमाला" 10 अलग-अलग हिस्सों में थी.
पढ़ें- उत्तराखंड में जब दो-दो CM पर भारी पड़े लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी, अपने गानों से बदल दी सरकार

नेगी की पहली एल्बम का नाम बुरांस रखा गया, जो कि पहाड़ों में पाया जाने वाला एक जाना माना एवं सुंदर सा फूल है. इसके बाद ये सिलसिला चलता रहा. अब तक वे हजार से भी​ अधिक गानों को आवाज दे चुके हैं. नरेंद्र सिंह नेगी लोक कलाकार के साथ ही लेखक और कवि भी हैं. उनकी अब तक 3 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं.

नेगी की पहली पुस्तक "खुचकंडी" उनकी दूसरी पुस्तक "गाणियौं की गंगा, स्यणियौं का समोदर" उनकी तीसरी पुस्तक मुट्ठ बोटी की राख शामिल हैं. इसके अलावा उनके चर्चित राजनीतिक गीत 'नौछमी नारेणा' पर 250 पृष्ठों की एक किताब 'गाथा एक गीत की: द इनसाइड स्टोरी ऑफ नौछमी नारेणा' 2014 में प्रकाशित हो चुकी है और यह काफी चर्चित रही.

कुछ सालों पहले जब टिहरी बांध के के कारण टिहरी नगर पानी में डूब गया था तब नेगी ने एक शोकगीत और उत्तराखण्ड राज्य के अलग होते समय भी एक ओज भरा आंदोलन गीत गाया था. उत्तराखंड के राज्य गीत को भी नरेंद्र सिंह नेगी ने ही आवाज दी है.

दीवान सिंह बजेली का परिचय: अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर तहसील के कलेत गांव में जन्मे दीवान सिंह बजेली का लेखन में 30 वर्षों का अनुभव है. फोन पर जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि वर्तमान में वह अपने परिवार के साथ दिल्ली में रह रहे हैं. थियेटर और फिल्म से जुड़े विषयों पर उनकी कलम हमेशा सामाजिक जागरूकता और नागरिकों को सामर्थ्यवान बनाने में अपना योगदान देती रही है.

पढ़ें- चैती मेला: मकराना के पत्थर पर कारीगरी कर बेशकीमती बना रहे सूरज, महंगाई ने तोड़ी कमर

देश के प्रमुख समाचार पत्रों टाइम्स ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान टाइम्स, इकोनॉमिक टाइम्स, फाइनेंशियल एक्सप्रेस और स्टेट्समैन आदि में उनके क्रिटिक्स प्रकाशित होते रहे हैं. स्थानीय स्तर पर कुमाऊं लोक कथाओं और कहानियों को दुनिया भर में पहचान दिलाने में भी योगदान दिया है. चिल्ड्रेंस वर्ल्ड में उनके प्रकाशन में इसकी बानगी मिलती है. थियेटर और सिनेमा जगत में भी उनकी क्षमता को हर स्तर पर सराहना मिली है. लेखक बजेली साहित्य कला परिषद दिल्ली के द्वारा गठित कई समितियों से भी जुडे़ हैं. इसके अलावा मोहन उप्रेती द्वारा स्थापित पर्वतीय कला केंद्र के अध्यक्ष पद पर भी सेवाएं दे रहे हैं.

दीवान सिंह बजेली की रचनाएं: मोहन उप्रेती द मैन एंड हिज आर्ट, द थियेटर ऑफ़ भानु भारती-ए न्यू पर्सपैक्टिव, यात्रिक-जर्नी इन थियेट्रिकल आर्ट्स और उत्तराखंड कल्चर इन दिल्लीः मिरियाड ह्यूज ऑफ़ हिमालयन आर्ट्स प्रमुख हैं.
पढ़ें- लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने 'हिलटॉप' का किया समर्थन, बोले-रोजगार के साथ मिलेगा राजस्व

बता दें कि भारत में प्रदर्शन कला वर्ग में दिए जाने वाला यह सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार है. इस साल अकादमी पुरस्कार दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया जाएगा, जिसमें उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू कलाकारों को पुरस्कार से सम्मानित करेंगे. उप राष्ट्रपति के अलावा केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी भी कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगी. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संगीत नाटक अकादमी और ललित कला अकादमी की अध्यक्ष उमा नंदूरी करेंगी.

संगीत नाटक अकादमी की सचिव टेम सुनारो जामीर ने बताया कि पुरस्कार वितरण की परंपरा 1952 से चली आ रही है. इस कार्यक्रम में संगीत, नृत्य, रंगमंच, पारंपरिक कलाओं, कठपुतली कला और प्रदर्शन कला में कलाकारों द्वारा दिए गए विशिष्ट योगदान के लिए उन्हें रत्न सदस्यता और अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है. पुरस्कारों का निर्णय अकादेमी महापरिषद लेती है, जिसमें प्रतिष्ठित संगीतकार, नर्तक, थिएटर कलाकार और विद्वान शामिल होते हैं.

टेम सुनारो जामीर ने कहा कि संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्रदर्शन कला के क्षेत्र में प्रदर्शन करने वाले कलाकारों के साथ-साथ शिक्षकों और विद्वानों को भी दिया जाता है. यह सम्मान न केवल उत्कृष्टता और उपलब्धियों के सर्वोच्च मानक का प्रतीक है, बल्कि निरंतर व्यक्तिगत कार्य और योगदान को मान्यता प्रदान करता है.

पारंपरिक/ लोक संगीत में 5 संगीतकारों को मिलेगा सम्मान:

नाम संगीतकार
मालिनी अवस्थी लोक संगीत, उत्तर प्रदेश
गाज़ी ख़ान बरना लोक संगीत (खड़ताल), राजस्थान
नरेंद्र सिंह नेगी लोक संगीत, उत्तराखंड
निरंजन राज्यगुरु लोक संगीत, गुजरात
सोमदत्त बट्टूलोक संगीत, हिमाचल प्रदेश

इसके साथ अभिनय कला में समग्र योगदान/विद्वता के क्षेत्र में अकादमी पुरस्कार 2018 के लिए दीवान सिंह बजेली को विद्वता और श्री पुरू दधीच को समग्र योगदान के लिए चुना गया है.

Last Updated : Apr 9, 2022, 10:40 AM IST
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