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त्रिवेंद्र की विस सीट में 2 साल में 4 पुल ध्वस्त, देखें खस्ताहाल पुलों का इतिहास

देहरादून जिले के डोईवाला विधानसभा क्षेत्र में आज रानीपोखरी पुल गिरने से मार्ग बाधित हो गया. हालांकि इससे पहले भी क्षेत्र में कई पुलों के टूटने और क्षतिग्रस्त होने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की विधानसभा सीट में पुल पार करते समय लोग भयभीत हो रहे हैं.

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आफत बनी डोईवाला विधानसभा की पुलें
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Published : Aug 27, 2021, 7:22 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में हर साल बारिश मुसीबतों का सैलाब लेकर आती है. हर साल करोड़ों की संपदा आसमानी आफत की भेंट चढ़ जाती है. वहीं, लगातार दो दिनों से प्रदेश में हो रही आफत की बारिश से करीब 659 सड़कें बाधित हैं. आज भी पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के विधानसभा क्षेत्र डोईवाला के रानीपोखरी में एक ब्रिज उस समय धराशायी हो गया, जिस वक्त बरसाती नदी अपने उफान पर थी. गनीमत यह रही कि इस घटना में किसी की जान नहीं गई. डोईवाला में पुलों के धराशायी होने का क्या इतिहास है चलिए हम आपको बताते हैं.

बता दें कि डोईवाला विधानसभा क्षेत्र में बीते 2 सालों में बारिश ने यहां कुछ ज्यादा ही नुकसान किया है. या यह कहें कि इस विधानसभा सीट में बने छोटे-बड़े पुलों में अधिकारियों और विभागों की लापरवाही के चलते जनता का पैसा बरसाती पानी के साथ हर साल बह रहा है. क्योंकि 2 सालों में यहां 4 पुल अपनी बदहाली की गवाही दे चुके हैं.

आज से ठीक डेढ़ साल पहले जून महीने में रायपुर-देहरादून मार्ग पर सोडा सरोली सौंग नदी के ऊपर बने पुल की सपोर्टिंग दीवार हल्की सी बारिश में गिर गई थी. जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई के निर्देश दिए थे. इस पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद आनन-फानन में तत्कालीन मुख्यमंत्री के आदेश पर दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया था.

वहीं, अभी इस घटना को बीते 3 महीने का भी वक्त नहीं हुआ था कि जुलाई महीने के अंत में एक और नवनिर्मित बड़ासी पुल का एक हिस्सा ढह गया. इस हादसे के बाद भी मुख्यमंत्री रहते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जांच के आदेश दिए और तत्काल प्रभाव से पीडब्ल्यूडी के दो अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए सस्पेंड कर दिया. लेकिन डोईवाला क्षेत्र में पुलों के क्षतिग्रस्त होने का मानो एक इतिहास लिखा जाना था.

ये भी पढ़ें: धारचूला में बादल फटने से बड़ी तबाही, लैंडस्लाइड की चपेट में आए कई घर, एक महिला दबी

लिहाजा आज से ठीक 4 महीने पहले लच्छीवाला फ्लाईओवर की सपोर्टिंग दीवार अचानक से गिर जाती है. इस हादसे के बाद ट्रैफिक को डायवर्ट किया जाता है, जिसका काम अभी तक चल रहा है. बाकी दो पुलों का काम लगभग पूरा हो गया है. जिससे आवागमन भी शुरू हो गया है.

वहीं, आज एक बार फिर से डोईवाला क्षेत्र के ही एयरपोर्ट स्थित रानीपोखरी और देहरादून को जोड़ने वाला जाखन नदी पर बना यह पुल सुबह उस वक्त धराशाई हो जाता है, जिस वक्त पहाड़ों में लगातार बारिश के बाद नदी अपने उफान पर थी. इस घटना में तीन गाड़ियां इसकी चपेट में आई हैं. एक व्यक्ति को मामूली सी चोटें भी आई हैं. जिसके बाद सरकार के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना के जांच के आदेश दे दिए हैं. आपको बता दें कि यह पुल साल 1964 में बना था. हालांकि, बताया जा रहा है कि अधिकारियों को इस पुल की मरम्मत के लिए पहले से ही निर्देश दिए हुए थे.

जिस वक्त ये हादसा हुआ उस वक्त मौजूदा विधायक त्रिवेंद्र सिंह रावत गढ़वाल के उत्तरकाशी बुग्गलो में समय बिता रहे हैं. उनका कहना है कि उन्होंने अधिकारियों से फोन पर संपर्क किया है और जल्द जो कुछ भी राहत और बचाव कार्य मौके पर हो सकता है उसको तत्काल प्रभाव से करवाया जाए.

देहरादून: उत्तराखंड में हर साल बारिश मुसीबतों का सैलाब लेकर आती है. हर साल करोड़ों की संपदा आसमानी आफत की भेंट चढ़ जाती है. वहीं, लगातार दो दिनों से प्रदेश में हो रही आफत की बारिश से करीब 659 सड़कें बाधित हैं. आज भी पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के विधानसभा क्षेत्र डोईवाला के रानीपोखरी में एक ब्रिज उस समय धराशायी हो गया, जिस वक्त बरसाती नदी अपने उफान पर थी. गनीमत यह रही कि इस घटना में किसी की जान नहीं गई. डोईवाला में पुलों के धराशायी होने का क्या इतिहास है चलिए हम आपको बताते हैं.

बता दें कि डोईवाला विधानसभा क्षेत्र में बीते 2 सालों में बारिश ने यहां कुछ ज्यादा ही नुकसान किया है. या यह कहें कि इस विधानसभा सीट में बने छोटे-बड़े पुलों में अधिकारियों और विभागों की लापरवाही के चलते जनता का पैसा बरसाती पानी के साथ हर साल बह रहा है. क्योंकि 2 सालों में यहां 4 पुल अपनी बदहाली की गवाही दे चुके हैं.

आज से ठीक डेढ़ साल पहले जून महीने में रायपुर-देहरादून मार्ग पर सोडा सरोली सौंग नदी के ऊपर बने पुल की सपोर्टिंग दीवार हल्की सी बारिश में गिर गई थी. जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई के निर्देश दिए थे. इस पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद आनन-फानन में तत्कालीन मुख्यमंत्री के आदेश पर दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया था.

वहीं, अभी इस घटना को बीते 3 महीने का भी वक्त नहीं हुआ था कि जुलाई महीने के अंत में एक और नवनिर्मित बड़ासी पुल का एक हिस्सा ढह गया. इस हादसे के बाद भी मुख्यमंत्री रहते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जांच के आदेश दिए और तत्काल प्रभाव से पीडब्ल्यूडी के दो अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए सस्पेंड कर दिया. लेकिन डोईवाला क्षेत्र में पुलों के क्षतिग्रस्त होने का मानो एक इतिहास लिखा जाना था.

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लिहाजा आज से ठीक 4 महीने पहले लच्छीवाला फ्लाईओवर की सपोर्टिंग दीवार अचानक से गिर जाती है. इस हादसे के बाद ट्रैफिक को डायवर्ट किया जाता है, जिसका काम अभी तक चल रहा है. बाकी दो पुलों का काम लगभग पूरा हो गया है. जिससे आवागमन भी शुरू हो गया है.

वहीं, आज एक बार फिर से डोईवाला क्षेत्र के ही एयरपोर्ट स्थित रानीपोखरी और देहरादून को जोड़ने वाला जाखन नदी पर बना यह पुल सुबह उस वक्त धराशाई हो जाता है, जिस वक्त पहाड़ों में लगातार बारिश के बाद नदी अपने उफान पर थी. इस घटना में तीन गाड़ियां इसकी चपेट में आई हैं. एक व्यक्ति को मामूली सी चोटें भी आई हैं. जिसके बाद सरकार के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना के जांच के आदेश दे दिए हैं. आपको बता दें कि यह पुल साल 1964 में बना था. हालांकि, बताया जा रहा है कि अधिकारियों को इस पुल की मरम्मत के लिए पहले से ही निर्देश दिए हुए थे.

जिस वक्त ये हादसा हुआ उस वक्त मौजूदा विधायक त्रिवेंद्र सिंह रावत गढ़वाल के उत्तरकाशी बुग्गलो में समय बिता रहे हैं. उनका कहना है कि उन्होंने अधिकारियों से फोन पर संपर्क किया है और जल्द जो कुछ भी राहत और बचाव कार्य मौके पर हो सकता है उसको तत्काल प्रभाव से करवाया जाए.

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