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देहरादून जेल से पिछले साल पैरोल पर छोड़े गए 36 कैदी 'लापता' तलाश में कोरोना बन रहा बांधा

पिछले साल कोरोना महामारी को देखते हुए कुछ कैदियों को देहरादून जेल से पैरोल पर छोड़ा गया था. जिसमें 36 कैदी अभी लापता है. जिनकी गिरफ्तारी के लिए जेल प्रशासन में पुलिस को पत्र लिखा है.

dehradun jail
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Published : Apr 20, 2021, 9:55 PM IST

देहरादून: पिछले साल कोविड-19 महामारी के मद्देनजर इमरजेंसी में देहरादून जेल से पैरोल पर रिहा हुए 36 कैदी ''लापता'' है. इन कैदियों की धरपकड़ के लिए जेल प्रशासन ने पुलिस और जिला प्रशासन को पत्र भी लिखा है, लेकिन कोरोना के खतरे को देखते हुए पुलिस लापता कैदियों की धरपकड़ प्रभावी रूप से नहीं कर पा रही है.

दरअसल, पिछले साल कोरोना का खतरे को देखते हुए कोर्ट के आदेश पर कुछ कैदियों को पैराल पर रिहा किया गया था. देहरादून की सुद्धोवाला जेल के जेल अधीक्षक पवन कोठारी ने बताया कि मारपीट व चोरी चकारी जैसे छोटे अपराधों में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कई कैदी जेल में बंद हैं. जिन्हे पिछले साल मार्च में छह माह की पैरोल पर छोड़ा गया था. समय सीमा खत्म होने के बाद कुछ कैदी तो वापस आ गए थे. कुछ वापस नहीं आए थे, जिनके लिए पुलिस को पत्र लिखा गया था. जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. लेकिन अभी भी 36 कैदी ऐसे है, जो लापता है.

पढ़ें- उत्तराखंड में शाम 7 बजे से नाइट कर्फ्यू, शहरों में दोपहर दो बजे के बाद नहीं खुलेगी दुकानें

इन 36 लापता कैदियों की धरपकड़ के लिए जेल प्रशासन में पुलिस को पत्र लिखा है, लेकिन कोरोना संक्रमण के खतरे चलते लापता कैदियों की धरपकड़ प्रभावी रूप से नहीं हो पा रही है. इस बारे में देहरादून एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बीती 13 अप्रैल को जेल प्रशासन ने लापता कैदियों की सूची और उनका ब्यौरा मुहैया कराया गया था. उसी के अनुसार भगोड़े कैदियों की गिरफ्तारी के लिए संबंधित थाना पुलिस को निर्देशित किया गया है. अभी कोरोना के कारण फरार कैदियों की धरपकड़ कार्रवाई कुछ हद तक बाधित हो रही है. हालांकि पुलिस कैदियों के घर और अन्य छिपने वाले ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाएगा.

देहरादून: पिछले साल कोविड-19 महामारी के मद्देनजर इमरजेंसी में देहरादून जेल से पैरोल पर रिहा हुए 36 कैदी ''लापता'' है. इन कैदियों की धरपकड़ के लिए जेल प्रशासन ने पुलिस और जिला प्रशासन को पत्र भी लिखा है, लेकिन कोरोना के खतरे को देखते हुए पुलिस लापता कैदियों की धरपकड़ प्रभावी रूप से नहीं कर पा रही है.

दरअसल, पिछले साल कोरोना का खतरे को देखते हुए कोर्ट के आदेश पर कुछ कैदियों को पैराल पर रिहा किया गया था. देहरादून की सुद्धोवाला जेल के जेल अधीक्षक पवन कोठारी ने बताया कि मारपीट व चोरी चकारी जैसे छोटे अपराधों में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कई कैदी जेल में बंद हैं. जिन्हे पिछले साल मार्च में छह माह की पैरोल पर छोड़ा गया था. समय सीमा खत्म होने के बाद कुछ कैदी तो वापस आ गए थे. कुछ वापस नहीं आए थे, जिनके लिए पुलिस को पत्र लिखा गया था. जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. लेकिन अभी भी 36 कैदी ऐसे है, जो लापता है.

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इन 36 लापता कैदियों की धरपकड़ के लिए जेल प्रशासन में पुलिस को पत्र लिखा है, लेकिन कोरोना संक्रमण के खतरे चलते लापता कैदियों की धरपकड़ प्रभावी रूप से नहीं हो पा रही है. इस बारे में देहरादून एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बीती 13 अप्रैल को जेल प्रशासन ने लापता कैदियों की सूची और उनका ब्यौरा मुहैया कराया गया था. उसी के अनुसार भगोड़े कैदियों की गिरफ्तारी के लिए संबंधित थाना पुलिस को निर्देशित किया गया है. अभी कोरोना के कारण फरार कैदियों की धरपकड़ कार्रवाई कुछ हद तक बाधित हो रही है. हालांकि पुलिस कैदियों के घर और अन्य छिपने वाले ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाएगा.

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