देहरादून: कोरोना काल में फ्रंट लाइन वारियर्स की भूमिका निभा रहे पुलिसकर्मी रात दिन काम कर रहे हैं. कोरोना की दूसरी लहर में हरिद्वार कुंभ में ड्यूटी पर तैनात अभी तक 315 पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. जिसमें अभी भी 177 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव हैं. सभी को होम आइसोलेट करने के निर्देश दिए गए हैं. सबसे ज्यादा देहरादून में 44 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव हुए है. जिसमें 33 पुलिसकर्मी अभी पॉजिटिव है.
बता दें कि कोरोना की पहली लहर में 1900 से ज्यादा पुलिसकर्मी संक्रमित हुए थे. वहीं, प्रदेश के सभी पुलिस जवानों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगाने के बावजूद दूसरी लहर में 315 पुलिसकर्मी संक्रमित हो चुके हैं.
ये भी पढ़ें: राजधानी में अब रोज 10 हजार से ज्यादा होंगे RT-PCR टेस्ट, दो दिन रहेगा कर्फ्यू
हरिद्वार महाकुंभ में अलग-अलग जनपदों से आए पुलिसकर्मी में से 50 प्रतिशत पुलिस बल को वापस भेज दिया गया है. जिन्हें अपने-अपने जनपदों में क्वारंटाइन किया गया है. डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में भी पुलिस फ्रंट में रहकर अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. जिसके चलते अब तक 315 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं. संक्रमित पुलिसकर्मियों को होम आइसोलेट करने के निर्देश दिए गए हैं.
रिपोर्ट की लेटलतीफी ने ली बुजुर्ग की जान
वहीं, दून अस्पताल में कोविड जांच की रिपोर्ट समय से नहीं देने पर एक बुजुर्ग की मौत हो गई. बता दें कि अमित रतूड़ी ने अपने माता पिता का दून मेडिकल कॉलेज में 20 अप्रैल को कोरोना टेस्ट कराया था. लेकिन अस्पताल की तरफ से एसएमएस के जरिए उनकी मां का सिर्फ रिपोर्ट भेजा गया. जिसमें वो कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं.
वहीं, पिता मुरलीघर रतूड़ी (62 वर्ष) की कोरोना रिपोर्ट के लिए अमित ने कई बार अस्पताल के चक्कर काटे, लेकिन अस्पताल से संतोषजनक जवाब नहीं मिला. इस दौरान उसके पिता की तबीयत काफी बिगड़ गई और आनन फानन में उन्हें निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
कोरोना जांच रिपोर्ट में विलंब होने से बड़ी संख्या में लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. दून मेडिकल कॉलेज में बड़ी संख्या में लोग टेस्ट कराने पहुंच रहे हैं, इसके साथ ही लैब कर्मचारियों के संक्रमित होने की वजह से भी रिपोर्ट देरी से मिल रही है.