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पहली अगस्त से राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान योजना का दूसरा चरण, 3 लाख पशु गर्भित करने का लक्ष्य - राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान योजना

राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान योजना का दूसरा चरण 1 अगस्त से अगले सला 31 मई तक संचालित किया जाएगा. इसके तहत प्रत्येक जनपद में 50 हजार पशुओं को सफलतापूर्वक गर्भित करने का लक्ष्य रखा गया है.

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पशुपालन सचिव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की
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Published : Jul 27, 2020, 10:37 PM IST

Updated : Jul 29, 2020, 7:03 PM IST

देहरादून: राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान योजना का दूसरा चरण 1 अगस्त से अगले सला 31 मई तक संचालित किया जाएगा. इसके तहत प्रत्येक जनपद में 50 हजार पशुओं को सफलतापूर्वक गर्भित करने का लक्ष्य रखा गया है. पशुपालकों को देसी गाय और भैंस का लिंग वर्गीकृत वीर्य केवल 100 रूपए में उपलब्ध कराया जाएगा. सचिव पशुपालन आर. मीनाक्षी सुन्दरम ने सोमवार को मीडिया सेंटर, सचिवालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी.

पहली अगस्त से राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान योजना का दूसरा चरण.
उत्तराखंड में पशुपालकों की आमदनी में वृद्धि करने के लिए प्रदेश पशुपालन विभाग विभिन्न योजनाएं चला रहा है. इस कड़ी में कई केंद्रीय योजनाओं को भी अभियान के रूप में आगे बढ़ाया जा रहा है. राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान योजना (द्वितीय चरण) प्रदेश के सम्पूर्ण जनपदों के समस्त ग्रामों में राजकीय, डेयरी और प्राइवेट कृत्रिम गर्भाधान केन्द्रों पर निःशुल्क उपलब्ध होगी. योजना में प्रत्येक जनपद में 50 हजार पशुओं को सफलतापूर्वक गर्भित करने का लक्ष्य रखा गया है.

एक बार में पशु गर्भित न होने पर दूसरी, तीसरी बार तक निःशुल्क कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा दी जायेगी. गाय-भैंसों में समस्त प्रकार की देशी- विदेशी प्रजातियों के वीर्य उपलब्ध होंगे. प्रत्येक पशु को पहचान चिह्न टैग लगाकर आधार की तरह पहचान पत्र दिया जायेगा.

पढ़ें: हरिद्वार: MP के राज्यपाल लालजी टंडन की अस्थियां गंगा में विसर्जित

प्रत्येक कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता राजकीय और प्राइवेट को प्रत्येक गर्भाधान पर 50 रूपए व संतति पर 100 रूपए देय होगा. राज्य सरकार द्वारा इस साल देशी गाय ,भैंस के लिंग वर्गीकृत वीर्य से 3 लाख पशु गर्भित करने का लक्ष्य है, जिसके लिये केवल 100 रू का शुल्क पशुपालकों से लिया जायेगा. जिसका वास्तविक मूल्य 1150 रूपए है. इसके उपयोग से 90 प्रतिशत तक केवल बछिया पैदा होंगी और पशुपालकों की उत्पादकता बढ़ेगी.

देहरादून: राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान योजना का दूसरा चरण 1 अगस्त से अगले सला 31 मई तक संचालित किया जाएगा. इसके तहत प्रत्येक जनपद में 50 हजार पशुओं को सफलतापूर्वक गर्भित करने का लक्ष्य रखा गया है. पशुपालकों को देसी गाय और भैंस का लिंग वर्गीकृत वीर्य केवल 100 रूपए में उपलब्ध कराया जाएगा. सचिव पशुपालन आर. मीनाक्षी सुन्दरम ने सोमवार को मीडिया सेंटर, सचिवालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी.

पहली अगस्त से राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान योजना का दूसरा चरण.
उत्तराखंड में पशुपालकों की आमदनी में वृद्धि करने के लिए प्रदेश पशुपालन विभाग विभिन्न योजनाएं चला रहा है. इस कड़ी में कई केंद्रीय योजनाओं को भी अभियान के रूप में आगे बढ़ाया जा रहा है. राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान योजना (द्वितीय चरण) प्रदेश के सम्पूर्ण जनपदों के समस्त ग्रामों में राजकीय, डेयरी और प्राइवेट कृत्रिम गर्भाधान केन्द्रों पर निःशुल्क उपलब्ध होगी. योजना में प्रत्येक जनपद में 50 हजार पशुओं को सफलतापूर्वक गर्भित करने का लक्ष्य रखा गया है.

एक बार में पशु गर्भित न होने पर दूसरी, तीसरी बार तक निःशुल्क कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा दी जायेगी. गाय-भैंसों में समस्त प्रकार की देशी- विदेशी प्रजातियों के वीर्य उपलब्ध होंगे. प्रत्येक पशु को पहचान चिह्न टैग लगाकर आधार की तरह पहचान पत्र दिया जायेगा.

पढ़ें: हरिद्वार: MP के राज्यपाल लालजी टंडन की अस्थियां गंगा में विसर्जित

प्रत्येक कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता राजकीय और प्राइवेट को प्रत्येक गर्भाधान पर 50 रूपए व संतति पर 100 रूपए देय होगा. राज्य सरकार द्वारा इस साल देशी गाय ,भैंस के लिंग वर्गीकृत वीर्य से 3 लाख पशु गर्भित करने का लक्ष्य है, जिसके लिये केवल 100 रू का शुल्क पशुपालकों से लिया जायेगा. जिसका वास्तविक मूल्य 1150 रूपए है. इसके उपयोग से 90 प्रतिशत तक केवल बछिया पैदा होंगी और पशुपालकों की उत्पादकता बढ़ेगी.

Last Updated : Jul 29, 2020, 7:03 PM IST
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