मसूरी: म्युनिसिपल सराय स्थित मां कालिका मंदिर का 27वां स्थापना दिवस गुरुवार को धूमधाम के साथ मनाया गया. इस मौके पर सुबह मां कालिका मंदिर में ध्वजारोहण कर विशेष पूजा अर्चना की गई. वहीं, महिलाओं ने मां के दरबार में कीर्तन का आयोजन किया. दोपहर में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें भक्तजनों ने बड़ी संख्या में प्रसाद ग्रहण किया.
बता दें, मां कालिका मंदिर की स्थापना से यहां दलित पुजारी ही पूजा अर्चना कराते आ रहे हैं. यह अपने आप में भी एक अनूठी मिसाल है. दलित पुजारी भगत सिंह ने बताया कि मंदिर नौ सिद्धपीठों की तरह ही पूजनीय है. मंदिर धर्म, आस्था, एकता, सौहार्द, मानवता व प्रेम की पाठशाला है. चैत्र और शारदीय नवरात्रि में यहां बड़ा मेला लगता है. मेले में देश के दूरदराज से आए श्रद्धालु अपनी मनौती मांगते हैं और कार्य पूर्ण होने पर ध्वजा, नारियल, प्रसाद व भोज का आयोजन श्रद्धाभाव से करते हैं.
पुजारी भगत सिंह ने बताया कि मां कालिका मंदिर 27 साल पहले मसूरी म्युनिसिपल सराय में मां काली ने दर्शन देकर मंदिर बनाने के निर्देश दिये थे. जिसके बाद उनके द्वारा छोटे से मंदिर की स्थापना की गई. उन्होंने बताया कि मां काली के आशीर्वाद से मंदिर का स्वरूप बढ़ता चला गया और आज एक विशाल मंदिर के रूप में स्थापित हो चुका है. उन्होंने कहा कि मां कालिका मंदिर में भक्त जनों की बड़ी आस्था है.
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माना जाता है कि जो भक्त लगातार 7 सोमवार मंदिर में आकर मां कालिका के दर्शन करता है, उसकी मनोकामना पूरी होती है. उन्होंने कहा कि मंदिर में मसूरी और आसपास के गांव के लोग लगातार आकर मां कालिका के दर्शन करते हैं और यहां पर किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं है. सभी वर्गों के लोग आते हैं और मां कालिका की पूजा कर आशीर्वाद ग्रहण करते हैं.