देहरादून: उत्तराखंड सरकार की नई आबकारी नीति विभाग के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है. प्रदेश में मौजूद 619 दुकानों में से 268 दुकानें अभी ऐसी हैं, जिसको 20 प्रतिशत अतिरिक्त मुनाफे में कोई भी लेने को तैयार नहीं हो रहा है. वहीं विभाग भी इन दुकानों को तय राजस्व से कम कीमत पर आवंटित करने को तैयार नहीं है. ऐसे में शराब की 268 दुकानों के बंद होने का खतरा मंडरा रहा है.
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नई आबकारी नीति के अनुसार विभाग ने मुनाफे में चल रही दुकानों को 20 प्रतिशत अधिक अधिभार पर आवंटित करने के प्रावधान किया था. जिसके चलते राज्य में मौजूद कुल 619 दुकानों में से 351 दुकानों का तो नवीनीकरण हो चुका है, लेकिन बाकी की 268 दुकानें ऐसी है, जिनसे शराब कारोबारियों ने हाथ पीछे खींच लिए है. विभाग की और से ई टेंडर में जारी की गई राशी में भी कोई शराब कारोबारी इन दुकानों को लेने के लिए तैयार नहीं है.
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ये सभी दुकानें उन इलाकों में हैं जहां पर दुकान संचालक को अपेक्षाकृत कम मुनाफा हुआ था. जिसके चलते अब कोई भी शराब कारोबारी इन दुकानों को लेना नहीं चाह रहा है. ऐसे में ये दुकानें विभाग के लिए सिरदर्द बन गई हैं.
इस बारे में प्रमुख सचिव आबकारी आनंद बर्धन का कहना है कि बची हुई दुकानों के आवंटन के लिए तय न्यूनतम बेस प्राइज ई टेंडर की प्रक्रिया अपनाई जा रही है. विभाग की कोशिश है कि सभी दुकानें आवंटित कर दी जाएं. यदि तय रेट पर ये दुकानें आवंटित नहीं होती है तो इसके बाद आगे सोचा जाएगा.